पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/३६

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प्रसाद मिश्र, श्री कृष्णानंद जी तथा प्रधान मंत्री श्री डॉ० राजबली पाण्डेय ने मंडल की बैठकों में उपस्थित होकर अपने विचारों और सुझावों से व्याकरण के कार्य में प्रगति प्रदान की। सभा इन सभी महानुभावों के प्रति अपना आभार प्रदर्शन करती है । आशा है कि हिंदी शब्दानुशासन' हिदीं में सर्वमान्य प्रामाणिक व्याकरण के अभाव की पूर्ति और पाठकों की जिज्ञासा की तृप्ति कर सकेगा। दुर्गाकुंड, वाराणसी-५, ? १५ मार्च, १९५८ ! ) श्रीकृष्ण लाल, मंत्री, साहित्य विभाग, नागरीप्रचारिणी सभा, वीरासी ।