पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/१९५

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( १८२ ) २१७. घाघ–दोत्र में कनौज के रहनेवाले । जन्म १६९६ ई० ।। | यह किसानी के कवि थे । इनकी कहावतें संपूर्ण उत्तरी भारत में प्रमाण । मानी जाती हैं । इनमें से कुछ ‘विहार पीट लाइफ़' में संकलित हैं । इसी टॅग के, पर स्थानीय ( पूर्वीf ) महत्व के ही, कवि भडुर और डाक हैं ।। अध्याय ८ को परिशिष्ट २१८. जगनंद कवि-वृन्दावनी । जन्म १६०१ ई० । हजारी ।। २१९. जयसी कवि–जन्म १६०१ ई० । हजार ।। टि०-१६०१ ई० ( सं० १६५८ वि ) इनका उपस्थितिकाल हैं । --लक्षण २९० २२०, खडग सेत--रालियर के कायस्थ । जन्म १६ ०.३ ई० | ‘दान लीला’ और ‘दीप मालिका चरित्र' नामक दो प्रसिद्ध ग्रन्थों के रचयिता ।। टि०-१६०३ ई० ( सं० १६६० वि० ) कवि की उपस्थिति काल हैं । --सर्वेक्षण १३९ २२१. गोकुल बिहारी-जन्म १६०३ ई० । टि०--इस कवि का अस्तित्व संदिग्ध है । -सर्वेक्षण १९१ २२२. परमेस---प्राचीन, जन्म १६११ ई० । हजारा, सुन्दरीतिलक । ( १ देखिए स ० ६१६ ) २२३. गोविन्द अटल कवि-जन्म १६१३ ई० हजारों टि०--इस कवि का अस्तित्व संदिग्ध है। -सर्वेक्षण १७७ २२४. अहमद कवि-जन्म १६१३ ई० .

. यह सूफी थे और वेदांत विचार धारा के थे । ( ऐसी शिवसिंह को

कथन हैं, लेकिन इनकी रचनाओं के देखने से ये वैठणव प्रतीत होते हैं।) इनकी दोहा और सोरठा छंदों में लिखी रचनाएँ अत्यन्त वासनापूर्ण हैं | टि०--अहमद उपनाम ताहिर आगरे के रहने वाले थे । इनका उपस्थिति- काक से ५६१८-७८ वि० हैं। स० १६७८ में इन्होंने सामुद्रिक और कांकसार नामक ग्रंथ लिखे थे । १६१३ ई० इनका 'रचनाकाल है न कि जन्मकाल }, --सर्वेक्षण १४