पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२०३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

(१८८) टिo-गोस्वामी हरिराय का नाम रसिक शिरोमनि भी है। इनका जन्म सं० १६४७ में एवं देहावसान सं० १७७२ में हुआ। अतः १६४८ ई० इनका उपस्थिति काल है। -सर्वेक्षण ७४ २६८. रूप नारायण कवि-जन्म १६४८ ई० । हजारा । शिवसिंह द्वारा बिना किसी विवरण के 'रूपकवि' नाम से उल्लिखित कवि भी संभवतः यही हैं। टि-रूपनारायण ने बीरबल की प्रशस्ति की है, अतः यह सं० १६४२ के आसपास उपस्थित रहे होंगे। १६४८ ई० न इनका जन्मकाल है, न उप- स्थिति काल । यह एकान्त भ्रष्ट है। .. . • --सर्वेक्षण ७७२ यह रूपनारायण, सरोज सर्वेक्षण के ७७१ संख्यक रूप कवि से भिन्न हैं। २६९, स्याम लाल कवि-जन्म १६४८ ई०। सूदन । (?) संभवतः हजारा के 'श्याम कवि' भी यही हैं। देखिए से० ३४१ । टि-सरोज में ( सर्वेक्षण ८५४ ) इन्हें 'सं० १७७५ में उ०' कहा गया है, न कि सं० १७०५ में । सं० १७०५ में यान कवि (सरोज सर्वेक्षण ८९६). को '०' कहा गया है। दोनों की अभिन्नता के कोई प्रमाण सुलभ नहीं । २७०. हरजू कवि-जन्म १६४८ ई० । हजाग। . २७१. तेग पानि कावि-जन्म १६५१ ई. हजारा। २७२. दाजीदा करि--१६५१ ई० में उपस्थित । हजारा। टि-~वाजीद दादू के शिष्य थे । दाद की मृत्यु सं० १६६० में हुई। अतः यह १६६० के पहले शिष्य हुए होंगे। १६५१ ई० (सं० १७०८) तक यह जीवित रह सकते हैं। . .. -सर्वेक्षण ५६७ २७३. भरमी कवि-जन्म १६५१ ई० । हजारा। २७४. भिंग कवि-जन्म १६५१ ई० ।। हजारा।