पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२०४

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( १८९ ) . टि-शृंग नामक कोई कति नहीं हुआ । -सर्वेक्षण ६२२ २७५. सहीराम कवि-जन्म १९५१ ई० - हजारा। २७६. हुसेन कवि-जन्म १६५१ ई० । हजारा। २७७. अच्छर अनन्य कवि-जन्म १६५३ ई० । .. शांत रस की कविताएँ लिखी हैं । टि.अच्छर अनन्य का समय सं० १७१०-९० वि० है । ग्रियर्सन के ५ और ४१८ संख्यक अनन्यदास और अनन्य भी यही हैं। - -सर्वेक्षण ३० २७८. कर्मच कवि-राजपूताना के । १६५३ के पहले उपस्थित । . . शिवसिंह का कथन है कि उन्होंने इनकी कुछ कविताएँ संवत १७१० ( १६५३ ई०) के लिखे हुए मारवाड़ देश के किसी काव्य संग्रह में पाई थीं। टि-कवि का नाम 'कमच है, कमंच नहीं। -सर्वेक्षण ११४ २७९. रघुनाथ-प्राचीन । जन्म १६५३ ई० । हजारा। २८०. उदयनाथ वंदीजन-बनारसी । जन्म १६५४ ई० । . २८१. अंसरदास कवि-जन्म १६५५ ई० 1 शिवसिंह का कहना है कि इन्होंने कुछ साधारण कविताएँ लिखी हैं और उन्होंने इनका कोई पूर्ण ग्रंथ न तो सुना है, न देखा ही। - टि०-१६५५ ई० जन्मकाल ही है।। -सर्वेक्षण ३३ २८२. कुलपति मिसर-जन्म १६५७ ई० । . हजाग, राग कल्पद्रुम । टि०-कुलपति ने सं० १७२७ से 'रस रहस्य' की रचना की थी। अंतः ... १६५७ ई० (सं. १७१४ ) इनका उपस्थिति काक ही है, जन्मकाल नहीं। -सर्वेक्षण १०५ २८३. ग्वाल-प्राचीन । जन्म १८५८ ई० । हजास। टिक-प्रमाद से १६५८ ई० के स्थान पर १८५८ छप गया है,