पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२४१

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( २२२ ) ४५०. मदन किशोर कवि--१७५० ई० में उपस्थित ) ..... देखिए सं० ३८६ । टि०-यह मदन किशोर ३८६ संख्यक मदन किशोर है। १७५० ३०. अशुद्ध है । इनका उपस्थिति काल १७०७-१२ ई० है । -सर्वेक्षण ६६३, ४०१ ४५१. लाल गिरिधर-बैसवाड़ा के । जन्म १७५० ई० ____ नायिका भेद के एक विद्वत्तापूर्ण ग्रंथ के रचयिता । सम्भवतः गिरिधर (सं० ३४५) भी यही हैं। टि-लाल गिरिधर निश्चय ही ३४५ संख्यक गिरिधर कविराय से भित्र हैं। ४५२. कलानिधि कवि-द्वितीय । जन्म १७५० ई० । इनका नखशिख अच्छा कहा जाता है। टि–कवि का नाम श्री कृष्ण भट्ट है, कवि-कलानिधि उपाधि है, लाल उपनाम है । इनका जन्म काल सं० १७२९ और मृत्युकाल सं० १८०९ है। मतः १७५० है ० (सं० १८०७) इनका उपस्थिति काल है, न कि जन्मकाल। . -सर्वेक्षण १०४' ४५३. सखी सुख-नरवर, बुंदेलखंड के ब्राह्मण । जन्म १७५० ई०। .. यह कवींद्र ( सं० ४९६ ) के पिता थे और स्वयं भी लिखते थे। टि०-कवींद्र ने सं० १७९९ में रसदीप की रचना की थी। अंतः १७५० ई. (सं० १८०७) इनके बाप का उपस्थिति काल ही हो सकता है, जन्म: काल नहीं। . .. --सर्वेक्षण.८७८ ४५४. नारायन-काकूपुर, जिला कान्हपुर के माट, जन्म,१७५२ ई०।... शिवराजपुर के चन्देल राजाओं के छन्दोबद्ध इतिहास के रचयिता ।। टिक-ग्रियर्सन में भी सरोज की ही भाँति यह कवि भूपनारायण के नाम' से सं० ६४५ पर दुहरा उठा है। ... . . .... ४५५. किंकर गोविन्द-बुंदेलखंडी | जन्म १७५३ ई० 1 शांतरस की इनकी कविताएँ अच्छी कही जाता हैं। . ४५६. क्रिशन लाल कवि-जन्म १७५७ ई०। शृङ्गार संग्रह । इन्होंने कुछ प्रसिद्ध प्रेम गीत लिखे हैं। टिक---कृष्ण लाल गोस्वामी का रचनाकाल सं० १८७४ है। ग्रियर्सन में .