पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१५८

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अभय राम [३ प्रश्न—या कोई कह सकता है कि मनुष्य के जीवन का समय भौतिक कायों में व्यतीत होने से व्यर्थ जाता है, क्योंकि शास्त्रों का कथन है कि परिवार को संतुष्ट रखना और खाना खिलाना उत्तम कार्य है ? उत्तर–हरि की भक्ति में जो समय व्यतीत होता है, केवल वही मूल्यवान है । अन्य संघ कार्य व्यर्थ हैं । दशन काज महाराज मान सिंह आायो छायो बाग माईि बैठे द्वार द्वारपाल हैं । भारि के पतौवा गये बरि है डारिी को देखी भीर भार रहे बैठेि ये रसाल हैं । ये देखि नाभाजू ने उठि शाटग करी भरी जल मार्गों से ले अंशुबनि जल हैं । राजा मरा चाहिक हारि झानि के निहारे नैन जानी आप जाती भये दांसमि दयाल हैं । ।' के अभय रम संभवतः ये बही अभय सिंह हैं . जो मारवाड़ के राजा के कृपा- पात्र हैंकहा जाता है जिनकी रचनाएँ जितनी काव्यात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण उतनी ही की हैं ऐतिहासिक हैष्टि से अत्यधिक महत्व हैं,” आ झार जिनके लोकप्रचलित गीत हैं ? १ अम्बेर के राजा जिन्होंने १५६२ से १६१५ तक राज्य किया । ( प्रिन्सेप यूस्फुल टेविल्स’, IL, ११२ ) २ यह अंश तथा मूल छप्पय नवल किशोर प्रेस, लखनऊ से १८३ ( प्रथम संस्करण ) में मुद्रित नाचादास कृत 'भक्तमाल से लिया गया है । तासी द्वारा दिए अनुवाद और इस अंश का आशय लगभग समान है । ताली ड्रा दिए गए अनुबाद में और कोई अधिक बीत नहीं है ।अनु० - . 8 भा० बिना भय के ४ टॉड, ‘एशियाटिक जर्नल, अक्तूबर, १८४०, ०- १२है: .. : ' ।