पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१६६

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उम्मेद सिंह [ ११ उम्मेद सिंह महाराज होकर के गुरु ( उर्दू में गीता )—उसका एक और अनुवाद है, संभवतः उम्मेद सिंह कृतजो पं. मुकुद राम द्वारा लिखित ( ? संपादितअनु० ) लाहौर के वैज्ञानिक पत्र ज्ञान प्रदायिनी पत्रिका’ में है । अंत में रेवरेंड जे० लौंग के ‘डेस्क्रिप्टिव कैंटैलौग , कलकत्से का, १८६७, में हिन्दी में 'भगवद् गीता' का उल्लेख है । एकनाथ स्वामी ऋग्वैदिक कर्म करने वाले एक ब्रा हाःण थे, जिन्होंने इतनी अधिक ख्याति प्राप्त कर ली थी कि लोग उन्हें 'भागवत’ ( दिव्य ) नाम से पुकारते थे। उनका जन्म ज्ञानदेव और नामदेव के समय के लगभग हुआ। था, वे शक संवत् १४६५ (१४१७) में जीवित थे, और उनकी मृत्यु १५४६ ( १४६८ ) में हुई। उनके पिता का नाम सूजीमाता का रुक्मिनी और पिता- मां का चक्रपाणि था उनकी कविताएं विभिन्न प्रकार की और रचनाएँ निम्न- लिखित हैं : १. ‘चतुश्चेंकी भागवतपर टीका २. ‘रुक्मिणी स्वयंबर’ रुक्मिणी का विवाह ३. शिव लीलामृतःशिव की लीलाएँ ४. राम गीता’-—राम का गीत ५. आनन्द लह’—आनन्द की लहर

  • ‘एकनाथी रामायणस्वयं उन्हीं की लिखी हुई रामायण