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गंग

प्रसिद्ध नहीं हैं, पिता हैं।[१]उनका 'राग सागर' में उल्लेख हुआ है, किन्तु उसमें उनका नाम केवल 'खुशाल' लिखा हुआ है।

गंग

गंगा[२] कवि ने १५५५ में काव्य-शास्त्र पर लिखा। श्री डब्ल्यू० प्राइस ने अपने 'हिन्दी ऐंड हिन्दुस्तानी सेलेक्शन्स’ [३]( हिन्दी और हिन्दुस्तानी संग्रह ) शीर्षक महत्वपूर्ण ग्रन्थ की भूमिका में उनका हिन्दी के अत्यन्त प्रसिद्ध रचयिताओं में उल्लेख किया है।

गंगधार[४]

उलुरा वेग द्वारा फ़ारसी में लिखित ‘न्यू ऐस्ट्रोनोमीकल टेबिल्स’ के हिन्दुई अनुवाद में, जो अकबर की आज्ञा से किया गया था, अबुल फ़जल तथा अन्य विद्वानों के सहायकों में से एक।

गंगापति[५]

संवत् १७७५ ( १७१९ ई० ) में लिखित 'विज्ञान-विलास', अर्थात् विज्ञान का मनोविनोद, शीर्षक रचना के रचयिता। यह हिन्दुओं के विभिन्न दार्शनिक सिद्धान्तों पर एक प्रबन्ध है;उसमें


  1. दिलखुश पर लिखा गया लेख देखिए।
  2. गंगा–देवी गंगा
  3. जिल्द१,पृ०१०
  4. गंगाधार, शिव का विशेषयता.अर्थात्.वह जो गंगा, सागर धारण करता है।यह एक कथा की ओर संकेत करता है जिसके अनुसार गंगा पहले शिव के सिर पर रुकी, और जहाँ उनकी जटाओ मे थोड़ी देर विश्राम किया।
  5. गंगापति अर्थात् गंगा का स्वामी।यह नाम प्रत्यक्षत:वरुण के अवतार शांतनु को दिया जाता है,जो हस्तिनापुर के राजा थे और जो गंगा के, जिससे पांडवो के पूर्वज भाष्मं उत्पन्न हुए, पति थे। ४