ज्ञान देव या ज्ञानेश्वर'
ब्राह्मण जाति के एक हिन्दी-लेखक तथा निम्नलिखित रचनाओं के रचयिता हैं : १.'अमृतानुभव'-अमृत का अनुभव; २.'भावार्थ दीपिका'-भावों के उद्देश्य को प्रकाशित करने वाली। लेखक ने १२१२ शक-संवत् (१२६० ईसवी)में इन दोनों ग्रन्थों की टीका लिखी।
ठाकुर-दास (पंडित)
हिन्दी में लिखित और गणित प्रश्नावली'-गणित की प्रश्नोत्तरी-शीर्षक गणित-सम्बन्धी रचना के रचयिता हैं;बनारस,१८६८,५८बारहपेजी पृष्ठ।
तंधि राम
राजपूत नरेश,किरन चन्द,के राज-कर्मचारी,हिन्दी में लोकप्रिय गानों के रचयिता हैं, जिनमें से एक 'पद' गणेश की स्तुति में है,जिसका पाठ डब्ल्यू० प्राइस ने प्रकाशित किया है,और जिसका अनुवाद मैंने अपने 'शाँ पौप्यूलेअर द लिंद'(भारत के लोकप्रिय गाने) में दिया है।
१.'कान' का अर्थ है 'जानना' और 'देव' तथा 'ईश्वर' कुछ-कुछ समानार्थवाची आदरसूचक उपाधियाँ हैं, जिनका अर्थ है 'देवता' और 'मालिक'। २.मा०'ईश्वर का दास' ३. मेरा विचार है,महाप्राण मूर्धन्य के साथ लिखा जाने वाला'ठंढी', हिन्दी विशेषण'ठंढा का स्रोलिंग,के लिए। ४."हिन्दी ऐंड हिन्दुस्तानो सेलेक्शन्स,जि०१,पृ०२५१ ५.रेव्यू कौताँपोरेन (सामयिक समीक्षा),१८५४