पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३४५

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१६० ] हिंदुई साहित्य का इतिहास १. ‘आदि उपदेश, जिसका अभी उल्लेख हो चुका है ; २. चितौनी’ नामक उपदेश की चार सालाएँ ; ३. बिधि’ और ‘बानी’ नामक विभिन्न कविताएँ ; ४, ‘आादि लीलाओं .५. ‘अष्टांग जोरा' ; ६. ‘निसानी’ —साधुओं की विशेषताएँ ; ७. ‘नों निधि’-अर्थात् ध्यान द्वारा प्राप्त लाभ : ८. भेष चितौनी ' ; . राजखण्ड. १०, 'दुनिया की चितौनी’ ; ११. साध पदबी ; १२. ‘बसंत’ ; १३. ‘होरी3 ; १४. पर्वती’ ’ ; १५. आरती५; १६, ‘संगल ; १७. ‘कब्रित’ ; १८‘कुंडरिया’७ २ १ 'लीला' शब्द का अर्थ है कृष्ण की क्रीड़ाएँ, और फलत: गोत जो उनका वर्णन करते हैं । २ यह एक राग और विशेष प्रकार की कविता का नाम है। 3 इस गांत पर मेरा ‘हिन्दू उत्सवों का विवरण' देखिए। ४ एक विशेष रागिन और कविता । ५ एक व्यक्ति या मूर्ति पर दीपक को वढलाकार घुमाने की रस्म को इस प्रकार का नाम दिया जाता है । ६ एक प्रकार की कविता जिसका उल्लेख भूमिका में किया गय। है । ७ उसी प्रकार की एक कविता जिसे साधारणतः कुंडलिया’ कहते है।