पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५३७

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३८२ ] हिंदुई साहित्य का इतिहास ‘प्रकाश’षष्टीकरण: II११६ ( वही जो बर्म प्रकाश है )। प्रजाहित--प्रजा की भलाई, इवा से, II, ३१ । ‘बनारस अखबार'-ऋनारंस के समाचार: I, ४८६६ II, ५७२ । ‘बनारस गजट ' । ‘विद्या दर्श-विद्या पर दृष्टिपात, अशगरे सेy III,II। वृत्तान्त दर्पण’ समाचारों का दर्पण, मागरे से । व्रतीत बिलास'>समाचारों का विलास, भोटान में जमून (Jamin) या जम्बू (Jambu ) से ३ १८६७ का व्याख्यान, ० २६ । व्यपारी श्री अमृतसीर’-अमृतसीर का व्यापारी१८६७ का व्याख्यान, ५० २६ । ‘भरत खण्ड अमृत—भारत का अमृत, आगरे से, I, ३०१। ‘मार्तण्ड' —सूर्य, कलकले से; II, ४२३ । ‘मालवा अखबार'—मालखा के समाचार, इन्दौर से III, १६ । . रतन प्रकाश रस्मों का खटीकरण, बुदेलखंड में, रतलाम से, i, ३०८। रुहेलखण्ड अस्खबांर’ रुहेलखएड के समाचार, मुरादाबाद से । " ‘लोक मित्र'लोगों का मित्रसिकन्दर से, १८६३ का व्याख्यान, ० ८ से विक्टोरिया गजट, सहानरपुर से । ‘वृत्तान्त दप’ -समाचारों का , इलाहााद से, IIT, १२। शिमला अखबार शिमला के समाचार;t, ८८ III, २६६ । ‘समय विनोद'—समय का आनन्द, नैनीताल से; II, ६६ । ‘समाचार’ ख्बर, लखनऊ से । सर्व उपकारी’ सबके लिए कार्य, आगरा से; III, १३१। सुधाकर अस्वयक : सूत-जनक समाचार, बनारस से; II५७१ A. ‘सुधा बहूँ -अमृत की वर्ष, कलकता से । ‘सूरज प्रकाश’-सूर्य का स्पष्टीकरण, आगरा से । ‘सोम प्रकाश ' चन्द्रमा का स्टीकर ण, १८६८ का व्याख्यान, पृ- ८।