पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/१३४

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(१०३) ६६३. कथइयों की सीमा के पास ही सोफाइट्स का राज्य था जिसे एम० सिलवेन लेवी ने सौभूति माना है और उनका यह निर्धारण बिलकुल ठीक है। परंतु यह बात स्पष्ट नहीं होती है कि वहाँ का शासक सौभूति निर्वाचित राजा हुआ करता था अथवा एकराज। अधिक संभावना इसी बात की जान पड़ती है कि यह राज्य प्रजातंत्री ही था। यह राज्य प्रजातंत्री सीमा के ही अंतर्गत पाया जाता है और इसके साथ की और चाते तथा विशेषताएँ आदि भी वही मिलती हैं जो प्रजातंत्री राज्यों में होती हैं। गणपाठ में सुभूत का उल्लेख संकल के लोगों के साथ ही किया गया है। जैसा कि हम अभी ऊपर बतला चुके हैं, यह संकलनगर कठों के प्रजातंत्र का राजनगर था। इस सौभूति राज्य की सीमा वहाँ तक चली गई थी जहाँ नमक का पहाड़ है। डायोडोरस (१७. ६१.) का कथन है कि जो नगर सोपीथों के अधीन थे, उनका

- जरनल एशियाटिक ८. १५. पृ० २३७.

| देखो ७७ और ७८. + सिकंदर के आक्रमण के उपरांत इस राज्य के जो सिक्के बने थे और जिन पर यूनानी सिर की आकृति बनी थी, जो कदाचित् सिकंदर या उसके प्रतिनिधि की सूचक थी, उन सिक्कों पर भी राष्ट्रीय नाम सोफा- इट्स ही अंकित है। मैकक्रिडल कृत Alexander, IIA, २८०; रैप्सन कृत Indian Coins. ३. प्लेट १.८। + पाणिनि का गणपाठ ४.२.७५.