पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/३२

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हिंदू राज्य-तंत्र पहला प्रकरण विषय-विस्तार और साधन ६१ इस ग्रंथ में हम हिंदू राज्य-तंत्र के कुछ मुख्य लक्षणों का दिग्दर्शन कराना चाहते हैं। हिंदू जाति ने राज्य और शासन-संबंधी बड़ी बड़ी और विभिन्न ग्रंथ का विषय- प्रणालियों का प्रयोग किया है। अभी विस्तार हम लोग इस जाति के शासन और राजनीति-संबंधी क्रम-विकास का पूरा पूरा इतिहास प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं। तथापि उनके आधार-स्वरूप कतिपय मुख्य मुख्य सिद्धांतों और तत्वो का ज्ञान प्राप्त करना लाभ- दायक ही होगा। इस ग्रंथ मे नीचे लिखे विषयों का विवेचन किया जायगा- (१) वैदिक काल की समिति वैदिक काल की सभा; (२१