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पृष्ठ:हितोपदेश.djvu/४६

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५१ सुहृभेद जिस काम की पूरी पहचान न हो उसमे दखल नही देना चाहिए। करटक ने आगे कहा : दूसरे का काम करना तो हानि- कारक है ही, यदि उस काम से स्वामी का लाभ होता हो तब भी हानिकारक ही है। दमनक वोला : वह कैसे ? करटक बोला : सुनो।