विग्रह x x नही गया x वही पक्षी फिर वोला : इसीलिये मैं कहता हूँ कि किसी महाप्रतापी राजा का आश्रय लेना चाहिए। तब मैने कहा : जैसा तुम कहते हो ठीक वैसा ही प्रतापी हमारा राजा राजह्म है। इतना सुनना था कि उन लोगो ने मुन्ने पकड लिया और अपने राजा के पास ले जाकर बोले महाराज, यह कर्पूरद्वीप मे रहनेवाले हिरण्यगर्भ नाम के राजहंस का सेवक है। उसी समय गृद्ध बोला : तुम्हारे राजा का मन्त्री कौन है ? मैंने कहा : सवंज नाम का चक्रवाक ! एक तोता जो वही वैा था, बोला : महाराज, कर्पूरद्वीप आदि छोटे-छोटे द्वीप जम्बूद्वीप के हो अन्तर्गत हैं। वहाँ भी आपका ही राज्य है। मैने कहा . अगर केवल मुंह चलाने से ही राज्य हो जाता है तो जम्बूद्वीप में भी हमारा ही राज्य है। राजा वोला : इसका निर्णय कैसे होगा? मैने कहा . युद्ध ही इसका निर्णय कर सकता है। राजा : जाओ, अपने स्वामी को युद्ध के लिए तैयार करो। इतना कहने के बाद राजा ने अपने प्रिय मेवक तोते को अपना दूत बनाकर मेरे साथ भेजना चाहा । पर तोता बोला : महाराज, मै इस दुष्ट के साथ कभी भी नहीं जाऊंगा । क्योकि नीति कहती है कि कभी भी दुष्ट का संग नहीं करना
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