पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१२३

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११२ पायनिक पाग्ने यगिरिगिनाम दानेदार या अन्य नदो पीर सागर जन उपरोरिस्म परोक्ष पाटिम गिलावाइम हो कर बहनेवाले सनम गन्धक्षित को पपेक्षा पनजानश भाग पिक रहता है। प्रमि भारोजन, पहारकाम्ल कार्वनेट अफ मोडा, काय नेद । रामायनिक उनि मसमे-मतरोत जनको पैसा पफनाडस, गिफता मुशमल्पुरिक एमिड और मिठरि ममुद्र, गदी पादिके जनमें फोमटो २००१ माग पति .. यटिक एमिए पाये जाते हैं, कि इममें सलफेट, अफ. जन पधिक है। ज्यादा परिसजनके इनमे सो मा । नारम, मैग्नेसियामे उत्पन लपण, पोर पा मार / घादि जानवर गहरे पानोपासानीमे निमाम प्रयास पफ, पायरन नहीं रहते । मोर जलोय गिना ( Seti ले मकते हैं तया जलीय उहिदमा भो पnि .. mentary rocks , में हो कर निकलनेवाले बहुतमे । रहते हैं। प्रसयमा पास पाम रहने पर भो परस्परके मन में तार हटके जन उपादान इममे भिन्न हो । तम्य पोर भिय द्रव्यादिका संयोग देखा जाता है। जिसमें पानी के मिशननेका माग, उमका मन एग प्रकारमे स्तगेको विभिन्नताकै कारण प्रस बहुत पंगा नदी के जल ममाम , मदीको पंचा यगाके जलके गुणीम न्य नाधिकता होतो है सभी जलमे बहुत थोड़ा सोस यता है, इसलिए इसमें जोग पोर समान फल नहीं होता। प्रसूयणके जनको गरमोको दिदीको सचिहानको मायना पधिक है। बिमा देख कर स्वतः हो पात होता है कि, उमे चौपधके जिम इदमें पानी निकालनेका रास्ता नही, उमा फागर्म म्लानमे फम्न होगा। किन्तु यास्तवम ऐमा नहीं जन पधिकाग नुमावरा पोर उमझे उपादान भो ममुर . . राम ललको पपेचा सविम उपार्योमे जो अम्न गरम | जलके ममान १ किमो किसो इदम सो मुहागारो किया जाता है, यहो पधिक उपयोगी है। उपप्रस्रवण भरा रहता है। पान प (तर शमीमका अलागय को- में पाग्न यगिरिको प्रक्रियाका सम्बन्ध है। उ प्रक्रिया या खेसमि होना) का अम स्थिर है, ममें - का मानन्ध जहां जितना प्रयत्न है. यहाँका अल उतना | जान्तय पीर अहिज पदार्य परिपूर्ण रहने । यो ही जयादा गरम होता है। कारण है किइमका जल पhिatो पस्यास्प्पर ___समो प्रकार के जनमें शासन पदार्थ रहते हैं। पण होता है। रम में एक प्रकारको तो गधयुक्त धाप । योषण धारा जनम मोविस फीट पोर इसमता इत्यादि मिकलयो । म जनक पोगमे भाना सरसके रोग .. देगे शातिए। ये सच पोर फोटादि ययाममय प्राण चरपन्न हो सकते हैं। परन्तु म जनमे भट पोर स्वागए, जो भागार पाने ट्रय होनेगे पहले मड़े। कपाययुका गाम दामा पादि उत्पन्न होनेगे 8 ) पके प दिपनारद से। मनिए यए पानीक दोष बस कुछ घट जाते है, तब यह गाय भैम पाटि . माय जाय गरी प्रविष्ट हो कर रोग छपव कर जानवरों के पोने मायको जाता ऐमा पानो यदि मकर रावण की पपेशा नदोहे जनमें ऐसे मनुणको पोना पड़े, तो यह उममें फट, पोर तिक पहा पधिक पाये जति मनिप मदो पागीमे पापादयुम्न मता पत्ता पादिडाम कर पो मा . प्रसपणापामो विगह होगा । नौ ममपद रिक ऐमा करनेमे जस रिशहम होने पर भी उमरे की . माती पार नदो का परिणत सोना, यदुत पुरू दूर हो जाते हैं। याम या दानेदार पयर (granite) अपरम या. पपरिरहताको काम पर कोयना दि. fraमो नमसन पनि पिशोमा ममें, प्रया घाममें एक पायमें दम पाम बार. . प्रायः पठारयामागरों मिल पाता । पर यर प्रन मकश किया प्रामकता । । ' नाम रोने पर भी समय पर अमर ममान मम जनता मायनिक पदापनमें ' HEAVता! म अ पासान गोषम पोर पर मानहाय । ममुद शमी . Mahinो मोमो w६ किर. मिस्टर रारा गोधन SATH सग मोर ..