पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२६६

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नापान . २३३ जापानियोंने पति पूर्यकालमे ही फनफा भियनफो। उपाधि पक्षण की पौर 'कामाकुरा राष्ट्रीय केन्द्र म्यापित अपना लिया था। जापानियोंने पाचार पतुष्ठानमें भी किया । जिम तर फ्रान्सकै मेरोभिनित नरपतियों के चीनका अनुकरण किया है। धोनकी तरह जापानम अन्तिम भागमें Mayors of the Polnce उपाधिकारी भो मनुयोंको भद्र, रूपक, वणिक और गिस्पी इन चार ! गजकर्मचारी राजाको कठपुतली समझ का स्वयं पियों में विभक्त किया जाता था। किन्तु जापानमें | गोकर्ता यन गये थे, उमो तर जावानी "मोगुनों-" भट्ट येणोके विधानोंकी अपेक्षा मैनिकका अधिक ने भी मध्ययुग कट व किया । सम्मान होता था। पामोद-प्रमोदमें भी जापानने चीनके जापानके प्रतिहारमें मासूम होता है कि 'मोगुन बियेटर, नाच और खेतोंका अनुकरण किया था। पदको प्रतिठा सिर्फ एक ऐतिहामिक टय घठनामे नहीं जापानमें लय मामन्ततन्यगासन प्रचन्तित हुआ घा, | हुई। वत्ति बहुत ममयमे पुस्रोभूत घटनारागिक फस. उस समय 'एन वा डिम्मिमि' नामक भादिम जाति मे उन पदको प्रतिठा हुई थो। 'फुजियारा' के ममयमे मम्प रूपसे पराजय स्वीकार कर भारतियों के पाचा हो जापानमें मामन्ततन्त्रका पाभाम पाया गया था। यो की तरह जङ्गलो में भाग गई यो। इतने दिन याद ठमका पूर्ण विकाग हुमा । 'योरितोमो:- ___८६६ से लगा कर वर्तमान कालके कुछ परने ) ने अपने मामन्तों को विश्वस्त पनुवर्तिताके कारण हो तक 'गि' नामक सक्रिय श्रेणी के लोगो ने चीन के प्रभाव राष्ट्रीय क्षमता प्राम को थो । मबाट पोर उनके कम में प्रभायान्वित हो 'मिकिडो'के प्रभावको पाच्छादित | चारियों को तमसा दम युगमे विमकुल लम हो गई घो। कर रखा था | ८६६ से १९५८ ई. तक फुजियानो'ने युरोपमें भो म ममय सामन्तनम्ब मलिन या मायके तथा ११५८ से ११८५ ९० तक 'इतरा' चीयों ने कुछ वर्षकि मिया पामिक कान पर्यंत जापानमें मपंदा ममाट्का पासन अधिकार कर रक्सा था। किना हो 'मोगुन' हारा शासन होता रहा है। य रोप जेमे जामन-केन्द्र 'कयोतो' नामक स्थानमें हो था। मामन्त। मामन्ततन्त्र के प्रभावमे Chivalry वा बोरवयनक मन्य ई० को १२वीं शताब्दोके अन्त तक स्थापित नहीं भद्रताको उत्पत्ति हुई थो. जापानमें भी उमी तरह हुपा था। 'शिदो' प्रथाका प्रचार हुपा था। _ 'कयोतो'के शामनकर्ताघों ने शुद्र दृष्टि सम्पन्न होनेके । योरितोगो के बाद उनके यंग पोर मो दो व्यक्ति कारण जमींदारों और क्षत्रिय श्रेणो के लोगों पर विशेप, 'मोगुन' हुए थे । सम के बाद राजाशि होतो' परियार. मामन न किया था। राजकीय प्रतिनिधिगण गामनका के हाथमे चलो गई। 'होमो' लोग मम्भात परि- कार्य वयं न कर पन्य लोगोंमे करासे ये इमलिए प्रादेशिक वारके न थे। इमलिये बस में लोग उमको 'मोगुन' भौंदारगण नाम नहीं तो कार्यस: साधोन प्रयग्य मानने के लिए तैयार गये। पाबिर हदीन एक यही हो गये थे। कुछ जमींदार यश विधाम, कय या टान | मम्राट को मेगा ताकी विनत कर अपनो समताको सबमे यधुतमे देशों में अधिकार कर प्रत्यन्त धमनागोन । हद बना लिया। इन्होंने "मिकेन नपाधि पाप को यो। हो गये थे । जापानकै ममाटो ने फगप्तियों को सरह एक इन लोगों के सामनकानमें मर्यप्रधान घटना दलमे दूमरे दनको मिला कर एद शमतागोन होना | सापान पर मद्रोलियों का पाकमय है। यगेपविष्वक्षा चाहा था। किन्तु उनका उहग्य मफल नही पा) मुविण्यात घासन पोय मान्दामने पपरी भाई 'गपो'ने पकयार मिनामोतोको पराजित कर सुयलामाको चीन पधिकार करनेको भेजा था। पद- माम्राज्य Bास किया था। पोछे दोनों मोमें भोपण मारंपनि घोनका पधिकांश भाग सपा कोरिया पपने पन्द्र चलता रहा। पाशिर १८५१०में 'योरितोमो'को पधिकारम कर लिया | भाईको मृत्यु के बाद पधीनता मिनामोतो' को भय योरितोमो"। उन्होंने 'पिकिट' नगरम राजधानो म्यापित को सबसे पहले "मोगुन" वा 'योगा' पोरगानकर्ताको। पोर धोनता घीकार कराने के लिए जापान दूत Vol. Vim.59