पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३३६

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नावा (यवहोप) प्रन्धरा मिफ' मुण्नमान मभ्यमामि हो सना' या विवाह मन्नामाष्टिम मेष ठमुफमानुमी . विच्छेदको मंग्या बढ़ी है। यहां पोपुरुप दोनों ही महारदार ' इमाम पावूसनिक कम उममें योजन प्रयम्याको प्राम होते है । गधारपत: रननोडानध गै खाम जाफरिया । १.१४ वर्षको कन्याका १९.२० वर्षके गुबके माय इनमामकमिन गेख अन्टुनकरोमजिनी प्यार दुपा काता है। यहां यान्यवियाद पोर ए. यवधीपी काय्यग्रन्य गेवर (पर्यात् कुसुम) कहलाते थियारका प्रधार है। घरकन्या रक्षानुमार विवाद हैं। एक सविताको पद करते है शिका नाम प्रापर नहीं कर सकते; मातापिमा हो पियार मम्वन्ध मापन मधु भोर गुरुके मदमे सवारण होता है। फरसे है। मम्बन्ध स्थिर होने पर घरका पिता घरात ने वहसमें ग्रन्थों में निम्नलिखित छन्दोम कविताएं फर कन्या घर माता पोर सभ मुह में मनोशारण लियो गई है, जैसे-गार्दूलविकोहित, जगतो, विराट, पूर्वक पुरोपिस वियास क्रिया मम्मन करता है पर जब वमन्नानिलका, वशम्यविन, स्रग्धरा, जग्वरिणो, सुपन्धन | फन्यारे घर उपस्थित होता है, तय फम्या यरका दाय 12), 'चम्पकमाला, प्रवीरललित, वसन्तमिल, दगड ।। पकड़ कर मभापणा करतो पीर पर धो देसो समय प्रत्येक दम चार धरण है। इनके पतिरित आवा• म प्रकार पढ़ा जाता है-"में रामको ( घरको ) म भाषामें पोर भी यदुतमे छन्द हैं। धाहके माय जोड़ देता हूँ। तुम जब तक थियो पर नावाझे प्राचीन इतिधाम ग्रन्यका नाम "उगम-यत्र" रसो, सब तक मका पालन करना। तुम पपनो म्यो? ६। इस प्रत्यमे हिन्दू राहायों के विषय में यदुतमी शमारामके लिए मम्प दायो हो । सम्हाग प्रदय प्रो धात जानो जा मकती। सियाम दाराग्यके उदयमें मिन जाये। प्रयाटपाम्परामे मातम होता है कि यहाँका प्रधान धर्म मके बाद पर पुरोदिसको दक्षिणा देता सदा अन्य पुस मुनि लत प्रधागदपुराण है। 'उगन य', नमार मी पाचारके पनुमार कियाएको भाती पोर प्रय माधणादि चातुर्वर्ण गमात्रका सम्पट परिचय | यर जिममे य’ पांघरमे वधा र वा पा रहे, एमो मिलता है। पहति पठित होती है। फिर अप वधु पर घर ___पामाजिक प्रपा-भाषाम स्थापत्य चोर म तिमिल्या पचतो तर वाह-भात' होता है। का निर्मान्ध गपुण्य देख कर भिम प्रकार प्रायवधर्म कन्याको माता जिन गहाँको पमन्द करनी पौर पार्य सभ्यतामा सयन निदर्गम पमित होता है। ६कन्याको घरको पोरम हो गहने दिये जाते हैं। एमो प्रकार माया-वामियों के यसमाग पाचार यहार ) विवार याद गुरुमन यर पोर कन्याको यह कह कर पौर प्रया-पातिकी पर्यानोपना करनेमे प्राचीम रिना पागोर्याद देते कि "काम पोर रतिको पो मभ्यताका पषित पाया जाता है। मुसलमान धर्म गायो ।" मोके गर्भवती होने पर तोमरे महीने म. गतान्दोग भी मानीन मभ्यताका मोप नहीं कर मक्षा। यन, चौधे वा पदिई महोममें मोमगोषयन, भाई जो मने धर्म नोति विषय पवा पपस्थित किया। महीने पधामत चोर मोर महीने माधमचनक्रिया सुमनमान पाधिपत्यके ममयमे हो शायामें विकास (हिन्दु पो के पनुपरममें) सम्पप रोती है। उमाम गिधिन को गया है। किन वाध्र प्रयापति हिन्दू पामोद-प्रमोद, गाना-यजामा पोर साना-पीना परत मतानुमार ही निर्वाचित पोतो है। मम्बन्ध- नियम पावरमा तथा देवानार प्रधाई वंगडे किमो मगा कर विचार गर्भाधान पार्टि मभी क्रियान्।ि | राजपरिवा माटो र भिना होता है। पत्र मम्पलाई पनुकूम गाणे दरहो। यहा साधारणत: प्रत्यय होने पर ४• दिन भोतर, एकदिन मामा. कन्याका पिता की पप पाप करता है। यवोपको रोया करता है। इस दिन दुगार पोर मप. मनुमारिताम विवाह दमनको हदता प्रतीत मो ' अगवाप मारह पमिमीत रोमा। फिर मामकार Tol. TILIP