पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३३८

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भावो-निगति ३०३ दिया, मीलिये इनका नाम आयी पड़ा है। इसमें 1 करता है। इसमें प्रनाको तरट धार्गम गांठे देकर खान करनेगे सब प्रकार के पाप नाग होते हैं। गंगा देनो। गले में पहमतो हैं । को कहीं यह मत प्राविम मा. नावी-उत्तर-पथिम प्रदेश गढ़वान राज्यको एक गदो) एमोर टिम किया जाता है। जिनामा दे। पोर गङ्गाको गाया। यह पक्षा. २०५५'४० चौरशिकन (म. पु.) एश मावोन स्मृतिकार । लोग देशा० ७८.०१८ पू.मे उत्पन्न हो कर पहले उत्तर घोर अन्त्येटिविधि, पनुमरपयियेक प्रति अन्य मिले हैं। फिर पथिमकी पोर ३० मोल चाल कर भेरषघाटो लिक (प. पु.) प्रमा, चर्चा, मातपित। गगाम मिल गई है। जिगत (मं• पु०) १ इनाम । २ पापया। जि (सं• त्रि.) जयति जि बाचुनका डि। १जेता, जिगा (म.पू.) गति गमय : मन्पच । गमे: मालग। जोतनेवाला । २ पिशाच । 1) अनुदातोपदेश त्यादिना मम्तोपः १ माप । जिंक (• यो० ) जम्का बार। इसका रंग उजना (वि. } २ गमनगोन, जानेवाला । होता है। यह रंग रोगन पौर दवाके काम पाती है। जिगनी-मध्य भारतके यंदनपणा पजग्लोका मगदया। मोराइड माफ जिक, या सनफेट पाफ जिंक कोसोडि छोटा राज्यमका घेवफन २२ वर्गमोन पोर मोग. 'यम, पेरियम या कम्ममियम मलफारडम घोलनेगे यह मचा कोई ३८३८है। इसके पागे पोर मोरपुर तैयार की जाती है। मनफारफे नो तलछठ पैठ और कामो मिला है। भागीरदार घंदना राजपूत है। जानिमे यह निकाल कर सुवाई जाती पोर तप नाम मराठा पाक्रमणके ममय इसका रमा पहा घर गया भांची तपा कर टटे पानी में वुझा ली जातो है। इसके ) याा गरेजों के पधिकारके ममय म गाय जम ए. याद यह परनमें पोस कर बाजामि विकती है । गुम्नाय | परन्तु १८१० मे १ ग्राम एक पनदक माय पिये जलमें रमे घोल कर भाजा पर लगानेगे पावकी जलन | गये। प्राय प्रायः १३.०० रु. प्रधान मगर जिगनी पोर दर्द दूर हो जाती है। प्रशा. २५४५३० पौर देगा ०८२५० धमान हिंद(प.पु.) भूत, प्रेत, मुमतमाग भूत ! नदीक वाम तटम घेतया के मामय पर प्रयाम्पिन । जिंदगानी (फा स्त्रो.) लोधन, जिंदगो। मनोकमच्या प्रायः १०२.। यस रात्राको टा. जिंदगी (फा. सो.)जीवन । २ जीवनकाम, वायु पय ग्रहण करनेका पधिकार है। जिदा (फा• वि०) जोषित. भीता उपा। जिगमिपा (मत्री.) गन्तमिना गममन ससा साप ! जिदादिस्त ( फा० वि.) विनोदप्रिय, 'मोड़। गमनेच्छा, जानेको । सिंम (फा नो.) १ प्रकार, किम ! २ यातु. द्रय । ३ जिमि (म. वि०) गम मन ः। गानेश, जाने के मामयी, सामान । ४ पनाज, गन्ना, रमद। लिये तैयार। जिमपार (फा पु.) पटवारियोमा एक कागज । रम जिगर ( फा.पु.), कलेजा। चिरा, मम, नोय । पटवारी अपने दम्दा प्रत्येक पेतमे योए हुए पाका ३ माइम, रिग्मन । मारमत, गूदा ।५ मध्य, मार माम आस करते समय निपत। | भाग ६ पुव, मरका। जिकिया (PET), रोजगागे. मोयिका करने जिगरकोमा (फा.पु.) महोबा एक गरिमोग यामा । २ पहादी मोगा ये दुर्गम भानों और पतमि शेनमेनर की कोई पड़ जाना माति भौतिकी प्यापारको पराएं से पा कर नगरों में निगम (हि.पु.) मारम, दिमस । श्वरी । नको व्यापारको या विशेषतः परनिगा (का• पि.) १ भो दिमी। २ पयत कस्तूरी, गिलागीत, गैर वर्ग तया जड़ो यूटी । घनिष्ट । भितिया (fr.a) पानि मामी मारमा गिति म.पु.) ग मारम-निविदा दिन रोनवाना एक प्रत पुयती पियो म प्रतको! दम, टांफर्मयामा।'