पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३३९

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नायिनो-नावो पोर निझामप ममान कियापोतो मया मान जापक (को)जम्पति मुवति मायादि माम, महीने पती ममारोह माय पदप्रागन उस प्रपोदरादित्वात् मय पल। कासोयर, पोना सदर। माफमद (. पु.मो.) पतिविगे. एक प्रकारको ___ यवीपको मनुमहिनामे निया है कि यदि पति | चिदिया। वाणिय लिए ममुद्रयामा करे, तो वो १० वर्ष समजाम् (वि.पु.फोम, मिनाने के लिये कारा पा माट देग कर हितोय पति पहन कर मकतो है। यदि पान भिमसे मदम घनता है। पन्य किमो राज्य में कार्य के लिए देगानसर गया हो तो नास्म (प.पु.) यी गुम रूपमे किसी पाता। ४ वप याद. यदि धर्मापदेग मुनर्गके लिए विदेग गायिगेपत: प्रपराध पादिका पता लगाता हो, मदिया. होतो। बाद नया मिरुहिट हो तो घार वर्ष बाद मुधिर। ६मरा पति ग्रहण कर मफती है। जासमो : दि.मी.) जासमका काम। यतदोपर प्यपहारगायकि पढ़नेमे स्वतः ही अनु. भारति ( म० पु.) जायते जम-भाया:. दुधिराः पनि मान होता है कि पप भी यक्षा हिन्दू-मभ्यताका मनोय हे निपा० । जामाता, या दामाद । मिहर्गम विद्यमान है। जास्पत्य ( म० मो.) माया पतिय जायापती सयोमायः ____ वर्गमानमें भाया सोग गाने पजानेमें बड़े मश्गुल फर्म या पोदरादित्वात् पत्र । आयापसोका का, · . राहत। ये नाचने पौर गाने बजाने के लिए मगहर मामो सोका काम। १। नत क्रियाको मस्या पधिक नहीं है, पुनप भी जाए तहित प्रत्यय । पति, पोड, फर्ण, केगा गुरुम, , ... नाना प्रकार के नृत्य करते हैं। ये शेर, गेंडा माह पुल । दन्त, नाव, पाद, पृठ, म, मु, म इन गोंकि वार... दुप. मुरगा प्रादिक बड़ाईम बड़ा पानंद मानते हैं। में जार प्रत्यय लगता है। यथा-गार प्रति । . कभी कभो रमाके फनिमियमयकी सरश पन्तको जाहक ( म० पु.) द गय म. प्रपोदरादित्यान् माys डाका पभिनय होता है। हम उसयमै मृत्व दगाके १ घोडा, घोंघा। मके पर्याय-गावमहोधो, माडमो, .. पपराधी सलवार रायमें ले कर मोषण प्यायके माध! यदुरूपक, कामरूपो, विरूपी पोर विनायाम । गुरु करने जो गुदमें जीत जाता यह निरपराधी पोग देशो । २ जलीका, जोक । ३ घिमार, विकीमा। ४ . ममझ कर दोर दिया जाता है। गिरगिट । ५ गोनाममर्प। विहान । यही धोपट (परत). ताग भादि खेत प्रचलित जाहिर(.वि.) प्रकट, कागित, जो दिया न हो। . १। यहां मम्भारत को पुरुप भो कपड़े के माय मर्षदा जाहिरदारी (प.मो.) या काम भिम गिफ अपरो . . किरीधरपत। पान'दोसयके ममय ये गरीर पर बनायट हो। हमदी पोता करते। जाहिरा (प.कि.मि. ) प्रत्यतम, देगनरें । गतमाम समतान गोयगए हिंद, गजानोगे ही माहित (प.वि.) पनान, मूर्ग, प्रमादी। पानी उत्पत्तिमामी एसीलिए वे भारत गुरु, गगाजाहो ( सी.) १ मनोको जातिफा एक प्रकारका यप पोर महाभारतका पभिनय कर पपीको गौरवान्वित ! सगधिन फम । २ एक प्रकारको पनिगवानी। समझते। | जाप म.पु.) रानभेट. एक राशाका नाम I. . मारियो (रि. मो०) झापसमझे कपाश हिमायादव-पदविगेप, एश देगका माम! परत सुगन्धित होती पोर पोषध काममें पातीमायो (मो.) जोरपाय सोपडी। . पर मा. परया, मादित, गाम, भिकारक पोर । मागगया, मापदले . मुनिने शिकामा मामी. यमन, गाम, दया. ofRAR विनाय कोपो गये थे, याद मगीरयो मायगे मतुट से जाने पर | मन पपनेजानु (पटने )गे गो मार निजाम .