पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४३८

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मुलिफकर कानुशारना ३८१ प्रासदाने उनके साथ पा कर नयोग सम्राट्मे चमा | शुल्फैकर-हिन्दीके एक कवि। १०२५ ई० में मका - प्रार्थना को। | जन्म हुआ था। इन्होंने विहारोसतमई को पक बिना . , वादगाइने उन्हें छमा कर चल्फिकरके बन्धनको क्षण टोका रची है। खोल देनेका आदेश दिया। ग्रामद हा घोर उनके पुत्र | जुल्म (प. पु. ) पत्याचार, अन्याय, पनीति। जुल्फिकर, दोनोको मम्बाट्ने नाना प्रकार के माणिक्य | जुलूमह (प. पु.) १ मिहामन पर पभिपिल । २ किसो और परिच्छद उपहार दिये। परन्तु दरबारमें इनका उत्सव का समारोह। ३ उत्सव भोर समारोहको यात्रा, मत पक्ष मौजूद था। नये वजीर मोरजुमाने इनको ध्वस धूमधामकी सवारी। करने का निशय कर लिया। उन्हीं की रोचनामे याद | जमाव (प. पु.) १ रचन, दम्त । २ रेचक पोषध, दस्त शाहने आमटखाको नौट जाने और जुल्फिकरखाको | लानेवालो दवा। बाहरके शिविरमें ठहरने के लिए प्रादेश दिया। वहीं ना | जुवा ( हि पु०) जुआ देशो। कार छ लोगोंने पमीर-उल-उमराके साय व्यङ्ग करना जारी (रि. पु. ) मुभारी देखा। शुरू किया और वे उन्हें प्राजिम उग-शानको मृत्य का | जविष्क-एक प्रमिइ गगज । ईमाकोसी तान्दो कारण यनला कर उनको हंसो उड़ाने लगे । जुल्फिकरने पहले, ये पनाब और काश्मीरको तरफ राज्य करी कर्कश स्वरमे उन लोगों को उत्तर दिया। इससे वे बहुत | थे। इनके ममय के शिलालेख और सिप मिलते हैं। क्र हो गये, उन लोगोंने इनके गले पर एक चर्मवचनो किसोका मत है कि इन्हों का नाम सुक है। डाल दी और उसे जोरमे खींच कर इनके ग्यासको जुषाण (स.पु. ) यजीयमन्य भेद, यन्न सम्बन्धी मन्त्र । रोकनेको पेष्टा करने लगे। जक-काश्मीरके एक राजा। ये दुष्क पोर कनिष्क अमीर-उल उमराके उस प्रन्थिको खोलनेको चेष्टा | माय एकत्र कामोरके राजसिंहासन पर बैठे थे। हम करने पर वहा सतवार हाय लिए कुछ पादमो पा तोनोने अपने पपने नामका एक एक नगर धमाया था। पहुंचे। सो समय उन लोगों ने इनका मस्तक धड़से ये तुरष्क ज्ञातोय थे, किन्तु बौद्ध धर्मके पृष्ठपोषक भी पलग कर दिया। थे। इन्होंने बहुसमी धर्म गालाएं बनवाई थी। यादशाहने उनको मृत देहको जस्तोको पंछसे बाँध कापीर देसों। कार गएर के चार भोर मानेका हुक्म दिया तथा यह कक ( स० पु. ) अपकक, ततः संभायां कन् । यप, भी कहा कि, इनके पैर ऊपरकी पौर मस्तक नीचको कढ़ी। रकठा जाय। जुल्फिकरखाको सारी सम्पत्ति राजकोषमे | शुष्ट (. सो.) जयते जपता। १ सिट, जूठा । मिला ली गई। (वि.) २ मेयित, सेवना किया हुमा ३ प्रमत्र, पण! १७१५ ई. में यह घटना हुई थो। इनकी माताका | शुटि (म'• बी.) जप-हिन् । प्रीति, प्रेम, प्यार। नाम था मेहरनिया बेगम, ये पमीन उहीला पासफको (त्रा 110 ) कन्या थीं। पासफखक पुन सायम्ताखा शुलिफकरखाक | जुध(मवि.) अपकर्मणि श्यप ।। सेय, उपाय। समर थे। भावे क्यप (को०)२ पयग्य मेयन। '. २ बादशाह गाजहान के समय के एक गण्यमाना | अमराज (फा० नो.) पनुमन्धान, पोश, समाग। प्यति । पासदखा उनके पुत्र थे। पासदांके पुत्रको भी | शुहार (हिं. पु०) १ पवियाँ विगेषसः राजपूमि प्रचम्मित "जुल्फिकरता की उपाधि मात हर घो। १०७. हिजरा एक प्रकारका प्रथम, अमिबदम, सलाम, बगी। मुहरमको (१९५८ई में) स्नकी मृत्यु हुई। १ जुहार देखो। अल्फिकर मल-मलावतानको एक उपाधि |धारमा (TET) हिमोमे वह माया RITET, घको (फा• मो.) जब, पहा! किसोका एहसान सेना।