पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४८०

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सैनधर्म १३३ पादिकी रचना को और ग्रेनो पादिका प्रचार किया। मो दो भागों में विभः शिया-पृष्ट और पम्पम । सदमनार भगवान् भने प्रत्येक देगक भित्र भिय| मरे बाद भगवानने मम्बार पदमे विभूषित गोवियों 'मा निशुम्भ किये। कई देश लुटी गद्रों में हाथ मो को युद्ध करने मोर वैश्यों को परटेग जानकी गिना दी। पर गये थे। मगर मोर गायों को मामा बांध दो गई। गाय को समयावा पोर जनयामा वाममध्यावासा किमान पोर गद्रो के मो मो धरों का गाय खोटा गांव प्रचार किया (भारिस ।) पोर ५.. घरों का पहा गांव कराया। कोटे गांवों को पियार पादि मम्यन्ध भगवान् को पासा पनमार मी एक कोगको पोर बगायों को मामा दो को किये जाते थे। उन्होंने विचार नियम Er को की गायों को घसाना, उनका उपयोग करना. धनाये । द गूटूको अन्यागे EिRE Tो ६ वय गायोंकी पावतापों को पति करना, गांव - पोर की कग्यासे विवाद करे पर पविय रविय, वामियों के लिए नियम बनाना इत्यादि कार्य राय यग्य पोर गूदझी कन्या विवार की। इन ममयम अधीन रम गये। जिन स्थानों पर पकी यिनिया गनाई। वोधित जोयिकाके मिया कोई भी पन्य विमा महो गई थी, पर प्रमिह पुरुप दमाये गये योर वनशा नाम | कर मकता था। धमकार यापमदेयने एक कार नगर पड़ा । नदियों पोर पर्वतो मे पिए स्थानों का गजाकि उपर परिपकम्पन, कागा पोर मामाभन 'सेट' गाम पड़ा। नारों पोर पर्वतों में घिरे हुए म्याम । घार महामाइनेगर राजापाको नियुधि को। स चारो । 'पर्यट, ममुद्र के पास पामके म्यान 'वन',गदो निकट- पापोमे चार गगो को उत्पतियपा-हरिने परिवग , सो पाम टोमचोर लिन ग्रामपामा ५० प्रकम्पन नाय. याश्यप, तप और मममममे घर थे, वे मंडम' कमाये । राजधानियों के अधीन ८०० पुरुषापा चन्द्रगंगा इमर बाद महाराजाधिराज गाय, द्रोपमुख पामों में पधोन ४.. और पोंके । बारापदेयाने प्रजा पर टमको न चपरमेशापात पधीग २.. पाम रको गये। रमके मिया भगवान कर नगा कर फरयरपको प्रया चमाई। ( farm ) परपाटेवम प्रजाको गनधारण करना गिराया पोर नमके बाद एक दिन राजममा नौमानना पपरा. येतो, लेपन, प्यापार, विद्या पोर पिस्पकम' पादिका को नृत्य करते करीनटोत देपरनको यराग्यको 'भान फगया। (महापुराणान्तर्गत मानिराग) गया। मीने भरत को राज्याभिषिमा किया पोर ____वर्ण यापना-निनोन या धारण किये, यावलिको गुयरार पद दे र मिनटोय मी यिय लाये। जिन्नों में रोती, यापार पीर पगु रन माय वदनमे रामापनि मनिवाधिना मदी 'पामनाका कार्य किया, पेय शनाये। और दोचा में मी थी जो पीगे गट हो गये और विपरोस • टोगो मालाको मेया सरनेमाने नाय। म मतीका प्रचार करने मगे। भगवान : मनोगे तार प्रहार पटेयने लोन की नाही ! मीन धारणक्षक कलीर गप किया पोर पाभार पणार्य पामेयार नही था। यहीम वर्गप्यार! नगर में पाये। बिना कोई मी पाहार की विधि पमा पोर हनको फस्पना गणों को पानीषिका नहीं जानता था। मोग पभिप्राय म समझ कर उन्ः कामे की गमवाट भायानमे दोदोमैट | सुवर्षे ग्यपादियामय पदार्थ देने मरी. शिमा पर शिवे-पशपाय पोर मग पसारा धोती. मासादि| उनमे मा मतनय था। मगे उपाचारममिमा कारनाये पोर रनमे भित्र प्रकार | कागदों को और पन मोट जामा पसा समें राधा मोगम wnt, sort, भोग, रस, राग, ममार, न कनिष्ठ भाता येयांमने मानिगमरमरी जानेमे भगवान HION, ATMA RAr. MY, गार, सन, गरिमा को विभिपूरक परमका पार दिया। एक बार कारो, भरा, मो. ना, tr a K RER करने बाद पुगिता मगर गिर विरार भी भरेंजमिन भरपाt. पर मामर बनने भगवानकी देवमनान प्रामा Vol.VIII.100