पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४८४

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ननधर्म ४३५ प्रकागिस रहा। पनमार २य मोर्थदर योपजितनाय | ४ नायर योगान्तिनाथने गुतप्रकाग किया। इन भगवान्ने जन्मग्रहण किया। इन मोघ जानेके याद भी उपरान्त पर बोलने पर १० तीर्थदर योन्य नाय. द्वतमान प्रस्थमित गतिमे प्रकागित रहा। पत्तोम भार कोटि वर्ष फम : पन्य धोमर्ग पर. १८ सोहर माप कोटिमागर बाद मनायनाय, उनमें दग माप कोटि योधरनाय, हजार कोटि वर्ष बोतने पर. १८१ सोर मागर पौ पभिनन्दननाथ, उनमे नव नातु कोटि मागर योमणिनाथ, ५४ लाग य धीत पर २०६ तोहर पोछे समतिनाय, नच हजार कोटि मागर पोछि पनप्रभ, योमुनिमुव्रतनाय. र लाग्नु पर्प योतने पर.१६ सायबर भी हार कोटिमागर पोछे सुपा नाय, नो मो कोटि योनमिनाय, ५ माद य धोती पर २२ सादर मागर पोछ चन्द्रप्रभ और उनमे नर्च कोटि मागर पोले। यौन मिनाय, ८३०५• वर्ष बीतने पर १६ मोर पुष्पदमा भगवान्ने जग्मग्रहण किया । इन वं नोहर योपागं नाय पोर उनके पगा। २५० वर्षे प्यतोत होने पुष्पदन्त के समय तक गृत पत्रावहित रूपमे प्रकाशित पर २४३ ( पतिम ) तो डर योवर्षमान या समायोर. रहा। इसके बाद पुष्पदन्त तीर्थ नौ कोटि मागर | म्यामो पवतरित हुए। १० तीयंकर योगाम्सिनायमे पूर्ण होने में सब घीया पत्य गेप रह गया उम के बाद लगा कर पम्तिा तोयडर वीयर्वमान या महायोरपा पम्प तक युतका विचंद रहा। पनन्नर १० सोपंदर पर्यन्त गुप्तका पिच्छद नी पागायबुद्धि यसियरी योगीतलनाय अवतरित हुए। उन्होंने पुन: युतका] हारा योका न्यों प्रकागिस रहा। ( गुनासतारस्पः । प्रयाग किया। इनके बाद पई पग तक गुसका विचोट ६, प्रशामित निमाला देगा। रहा। पात् १ तोहर येयांमने पुन: युतका मकाय ! तोवर महायोरम्बामोको केवमाम माम झोन पर किया। इनके निर्माण के पगारा ५४ मागरमें अपय! मो अब ६ दिनसमा दियध्वनि नि:सत पयवा उनका पाकी रह गया, मम फिर श्रुतयिसद पपा जो पाय। उपदेश मया, सोरसको पिसानदारा मगरका मक रहा पा। तदनन्सर. १२ तीर याममा हुए। पभाष कोरमका कारण मानम मिली। पौर उनि युतका प्रकार किया। इनके निर्याणा के पीके गोन हो उन्हनि रम्द्रभूति का गौतमको गाधर मित ११ कम २. मागर ममय बीतने पर १ पन्य तक किया। गौतमगर देगी। गौतम भगवानको युनिविच्छद रहा । पनन्तर १३२ तीर्य कर विमलनायने] यागोको तत्वपूर्वक मान कार उमा टिग मायामकी पपतार लिया चौर समसे शुतशा प्रकाग एपा। इनके पर और पूर्णको युगपत् रपमा ग) पोर फिर उसे पाने निर्यापाननार १ पस्य कम ८ मागर ममय यातीत होने महधर्मो सुधांम्पामो को पढ़ाया। म साद मुभा. पा १ प तक यतिविद रहा । पथात् १४३ । चार्य ने यह स पपने माधर्मों जप मामाको पार मोय कर योपनभानाधने पुनः यसप्रकाग किया। इनमें | उन्होंने पन्य मुनिवरीको पढ़ाया। अम्प मामो मुनि पाद ४ मागर पूर्ण होने में ! पण वाकी रहने पर : पन्य गर योविनमुनि मम्य न गुम पारगामी अन पो तक शुतपिका पा। फिर १५ तोहर योधर्म: (सदग पाके धारक) ए पोर रमा प्रकार मन्दिमित, मायने मृतका प्रफाग किया। नो बाद पीन पग पगजित, गोवरंग पोर भद्रयार- ये पार महामुनि काम ३ मागरमै अध पाधा पच पाको रहा, तब फिर | मो पोप चुनमागर पारगामो एप । मायोरमामार असा विपद एपा जो पम्प सक रहा। पनन्सर निर्यापामार (२ वर्षम ए पागो ये पोर झिर सो सौ वर्ष गाद निकासना तिने काम THE TERE . वर्षम ५ वमोये । पम, रमपमा गुन भारे, काले मणमा गमय उसको स पनो वाम गम्पूर्ण पारगामियो REETसे का गुपा उमारपम्य होगा। मर गया। 'पनगर पसादा पोरगामी NEL मा भ गा । भोर राहतोड़ी सोपी और iORTANT HAIRRITE पर होना। से सिर और सबसे तुम प र है।