पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६२२

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५६३ .: : जोधपुर ___२६ महाराज अभयमिजी १०२४ १० मन्या माधारणत: १२१. है। हम फोसका दूसरा नाम सरदार रिमाना है। यों तो गन्य अनेक स्नान २७ महाराज रामनिवजी १०५० ई. हैं, मगर पार्ट (स्कल ), हाई स्कन और मस्कृत २८ ,महाराज याखनमिक १७५२ ६० स्कल हो उखयोग्य है । फालके पलावा २४ अस्प- ' २८ ' महाराज विजयति हजो १७५३ ई० ताल और चिकिरमालय हैं। २ उक्त राज्यको राजधानो। यह प्रचा० २६१६३० . ३० महाराज भीमसिहजी १७८३ ई० और देगा ७३.१ पूमें अवस्थित है। लोकसंख्या प्रायः . ३१ महाराज मानमि जो १८०३ ई० ७६१०८ है। १४५०में राव जोधाने पपने नाम पर ३२ महाराज तखतमिहजो १८४३ २० यह नगर बसाया था। वर्तमान नगरमे दक्षिण-पथिममें पुरानो दोषार है जिसमें चार फाटक नगे हुए हैं। यहां. . ३३ महाराज यगोवन्तसिजो (हितीय) १८७३ ई० अमोन सर्वन टान है। चट्टान पर किला खड़ा है। ३४ महाराज सरदार सिहजी १८८५ ई. किलेके चारी पोर सम्भवतः १८वों शताम्दोका बना हुपा २५ महाराज सुमेरसिजो १८११ १० २४६०० फुट लम्या. श्मे ८ फुट तक चौड़ा पीर ५मे ३० फुट तक मंचा प्राचीर है। इसमें दरवाजे लगे है।टर. २६ महाराज उमेदमिहजो १८१८ ई० . वाजों पर लोहे पेने किम इमलिए अड़ दिये गये हैं, (वर्तमान महाराज) जिममे हाथी टक्कर मार कर उनको तोड़ न सके। इन ___ जोधपुर राय २६ शहर ओर ४०६७ ग्राम लगते दरवामि पाच तो पामने मामने शहरके नाममे पुकारे है। लोकसंख्या प्रायः २०५०५५३ है । जार्टीको जाते हैं अर्थात् जालोर, मरेठा, नागोर, मिवान तयो सोजत • मस्या अधिक है। यहांको प्रधान उपज बाजरा, ज्वार पोर छठेका नाम चांदपोन है। क्योंकि मकी मम्मुखस्य तिल, मकई पीर ही है। यहाँसे नमक, मवेशो, } दिशाम चन्द्र दर्शन होता है। नागौर दरवाजे को दोयारी चमड़े, डडो, पगम, कई, तेलहन भादिको रफानी | और वुओं पर तोपके गोले नगनेका चित्र है। १८०७ पौर दुसरे टूपर देशोसि गेहूं, बाजरा चना, चावन, नन्त | ई में भमोर मां डाकूको सहायताम जयपुर तथा विका. चीनो. अफीम, सग्दे फन्न, धातु, नेन, तमान, देवदार | नेर सैन्यने जोधपुर के किले पर आक्रमण किया था। पादिकी प्रामदनी होती है। राजपुनाना मालवा | । किन्तु अमीर लुकि धोकतसिंहको छोड़ महाराज मान- । रेलवे राज्य के दक्षिण-पूर्व नोकर गई है। ४७ मोल सिंहका पता ग्रहण करने पर विद्रोहियोको वधुत क्षति- पसो पीर १०८ माल की मड़क गई है। महाराज ग्रस्त हो पोछे हटना पड़ा। ऐमा गजबूसानैम टूमरा दुर्ग महकमा वामको मददमे रियासतका इन्तजाम करते नहीं है यह गहरको अच्छी तरह रक्षा करता भोर है। किन्तु उनके कहीं चले जानियर मिटराहको जमीनमे ४८० फुट ऊंचा पड़ता है. मोग दूरमे रमका देखभात रहती है। राज्यको वार्षिक आय ५५५६ उच्च गिवर देख मकते है। दीवार २०मे १२. पुट लाख रुपया है-पहले यहां विजयद्याहो पौर एकतो. ऊँची पोर १२मे ७० फुट तक मोटी है। घरमे ५.. सन्द रुपया चलता था । १८८८ ई० मे अगरेजी मिका गज तम्या चौर २५० गज चोड़ा म्यान है। दो दरवाजे चलने सगा है । पहले मानगुनगरीम खेतम दा होने महरको पोर नगे हैं। उत्तर-पूर्व कोपमें जयपोन पोर थालो चोने जातो घी । कहीं कहीं अब भो यही दक्षिय पगिममें फतेहपोन है । म योच पटुतमे दूमरे प्रथा प्रचलित । १८८४ पौर. १८८५ मे माना। फाटक पोर मचायो लिये भोतरी दीवारें है। १०यों

गुजारो रुपये में यमन को जाने मगी। राज्य } माग्दो प्रारम्भमें राना मिंदका पनाया मा मोती

को रक्षा के लिए दो पलटन रहती है। इसको | मन मारतमें सबसे पका है। इसके १.. यर्य बाद