पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७३७

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६७१ ज्वर गंगा परमय से शनि पर पामोनिया (ATimonial; पदमोरेया त्या पोर पम्मको किया विमान हो जाती सोमी या म रोम मिप विगेय है। इस समस्या पनमा यायम्य है. गिमे में नियागाय योग्य पोय का प्रयोग करना। परने पनमा भ्यवहार नहीं करे। ग्रीवार पामे, पुनित . . दोनों का निभाग या परको पिइनो पापनमा म म्याद पाहमण परिने नियन्निपित उपायोंका | मगा। पपनान करने कभी कमोगाथमे छुटकारा मिन ... म ममय कपूर मिथित मोपच यिप फनपद । माना। तने रोगीको धारा मान गये, फिर। २४ घण्टे के भीतर १२मे २४ येन तक मेदम करा। समयो देर प्रचारग? देग. प्रयषा उसको यमन | रमको Arnica पयमा Aneelica roy के मा मिना जारका वा पम्प शिपक चोपध मेपन वा गरम पानी. नि।। ४ाम होनमे llydrarus ruin Curnerrth में मान करा किंवा ययाक्रममे ठान मभी उपायोंका। और कशामचीनो ( Rhubarb ) प्रथया मामान्य नघ पयाम्या कामो को संजनक पोषक मेयन | पात्र ट्रयके माय गेपोल पोषध मेपन रा .दिम परनंगे भो फायदा होता है। बाकी प्रथमावस्या में कुछ बीत जाने पर भी यदि कोई पागदाजनक उपमर्ग का गरम तरम्न पदार्य का प्रयोग किया जा सकता है। विद्यमान न रहे. तो नि• अमोनिया एमिटेटिम माग ज्यादा गरम पदार्थ मितकर नहीं है। यमनका करके मियको व्ययम्सा को जा सकती है। Alalit . हएंगो तो किमी तरमी भी गरम चीज काम, न carbonotes और citric acial करगियो माघ नाग घाहिये । म पवम्यामें किसी प्रकारकी एका मेवन करने में भी मुफन होता है। नाड़ी। यसपा को तो यमनकारक पोषधका प्रयोग करें। प्रयम्या विचार कर सरोजक घोर थनकार पोषधका जरी मायया रोगी दल न हो तो किधिय प्रयोग करें। पामोनिया एमिटेट या गारदिक एमित रहरीको व्यवस्था को जा सकता है। कोई पाभ्यः । मौर कार्य नेटका फाय.पा मिनकोनार्क मिश्रका याबहार सरिक यन्त्र प्रहित को तो झोक नगा कर उम म्यान किया मा मफता है। फा कमोपण करें। परमा १० दिन बीत मामे पर पिकी पयस्याका निर्णय करने के लिए यन्ती गाम में फापिग मस्तिष्कायर नाका सहायताम वसाम्यनकी परोसा करनी चाहिए। नदि ममावेग होने पर रकमोवण अपकार हो मकता है। मामलणा वा प्रदापजनित पना कोई उपमर्ग पथया यममगार योग विसंगर पोपप प्रयोगमे उपकार रोने. पाभ्यन्तरिक यम्तको प्रक्रिया ज्ञान पड़े तो, मोमण की मग्भागनाई। पटार मे पहने कानमन या कवाय । करमेमे फायदा पाप मकता है। घायुननी प्रसाद चीनी मिश्रित कालीन व्यगम्ये च है। यम्याको विचार के कारण उपमर्ग नत्पन को तो Misturanthnomiari फर मनोका प्रयोग जिया जाय, तो फायदा हो ममता प्रयया Dreoctum polsgoir, कपूर, पामोमिय। । महाशिम किमो प्रकारका परिवर्तन या कोष्ठ. या टिंचर काम्फरक माय प्रयोग य.रमा, शाहिएममा हान्यि नको. म पिपय निर्णय मावधानी रखनी। का काम होनी मधु पई माय मय, वावर्ग य है। माए । कपूर माय पोलो गरीर के लिए उतानिया, रोगोका गरीर फनिमगे टके रखना चाहिए । पयस्यामा रक पोश यलम्येय नियनिमित पोषध भी किया विषार का IMeacuantra, कानमेन या कपूर काय उपकारी- . . , . नया पोम या पोतका गम म्ययाय गरीर गोतम .पामोगिया प्रेमिटेटिम ...... पोम पोर पाण्ड, माडो दुधम नया पालतिका कोष रोम - पागनारमिरिवारिम .... यन!! Brzalaammonia, camphor, atimulating · माराप मिमगिम .. ... ..पोन्म : tonic तथा मय प्रयदया। टि TRE Kri. • ग्राम वाहिस लोन पा गारोरिक उपोजमा मस्ति और गागुगर्म हो. मोग या extract of .