पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/८२७

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११ मान्यचक तो मिली। १८७७ ई के टिम्रो . सोनमें विभक्त है। राज्यको कुल भामदनौ १६ मा. राजकोय दरयारमें ये भारतम्बरीके मचिव नियुक्त हुए। रुपये प्रधिका है। . . . . . - इम राज्यमें ४३८. ग्राम पौर ७ शहर लगते हैं। राजाके अधीन २२० प्रवारोको, ५६० पदानिक, नोकमाया लगमा २८२००३ है। यह दो निना. . गोलन्दाज और १६ नोपे हैं। .. मतमें विभक्त है, एक सगरूर घोर टूमरा झोंद। यहां ' २ पञ्जायके अन्तर्गत झीन्द राज्यको निजामत । वह जितने शहर हैं उनमें सनारूर ही प्रधान हैं। जिसको अना० २८२४ से २८२८ उ• पोर देशा० ०५'५५ पुरानो राजधानी मीद थीं। मे ७६ पूम अवस्थित है। इसका क्षेत्रफल १८० ____ झोंदको चैतो फमन ही प्रधान है। इस समय गैई, वर्गमोल और लोकसंख्या प्रायः २१७३२२ है। इसमें .. जी. चना और मरमों उपजतो है। हई ओर ईव माघ ! 'झीन्द 'सदर, मफौदन, दादरो, कनियाना पोर मोद फागुनको फमन है। झींद तहमीन में कही तो नकद ये शहर तथा ३४४ ग्राम लगते हैं। से भोर कहों उपजसे मालगुजारी चुकाई जाती है। ३ पञ्जाबके अन्तर्गत भोंद राज्य और निजामतको नकदको दर प्रति बोधे एकमे ले कर तीन रुपये तक है। तहसोल । यह अक्षा ७६२ मे ७८.२८ पौर. देगा. यहकि जङ्गलका रकवा २६२३ एकर है और पामटनो ७६१५ से ७६४ पू० में अवस्थित है। भूपरिमाण २००० रु.मे कमको नहीं है। ४८८ वर्गमील और जनमख्या प्रायः १२४८.५४ है । इम राज्य में एक भो ग्यान नहीं है। कहीं कहीं पत्यर, | तहसोलका श्राकार विभुजमा है । इसके चारों ओर कर क: पोर शोराको खान नजर पातो है। यहां सोने, | नाल, दिलो, रोहतक और हिसार नामके हटिश जिसे चांदी के अच्छे अच्छे गहने बनते हैं। इसके सिवा हैं। इसके उत्तरमें पतियालेको नखान तहसील है । एस चमड़े, काठ चौर सूती कपड़ा वुननेका भी कारबार है।। तहसोलमें झोट और सफोदन नामक दो शहर तथा यहांमे कई, धी और तेलहनको रफ्तनी तथा दूमर १६१ ग्राम लगते हैं। यहाँको यार्षिक पाय प्रायः २३ दूसरे देशोंसे परिप्सत चोनो ओर सूतो कपड़े को पामदनी / लाख रुपयेको है।.. . होती है। हम राज्यमें लुधियाना-धरी जाखन रेलवे गई ४ पचायके अन्तर्गत भोंद राज्यको झोद निजा. है। यह ४२ मोल तक पको मड़क और १८१ मोल मत और तहसोलका मदर। यह पक्षा० २८२०३० सका कशी सड़क गई है। पतियालाक जैसा यहां भी और देशा० ७६१८ पू० पर रोहतकसे २५ मोल उत्तर डाफ पोर टेलिग्राफका प्रबन्ध है। 'पथिम और संकरसे ६. मोल दक्षिण-पूर्वमें प्रयस्थित १९८३, १८०३, १८१२, १८२४ पोर १८३३ ई० में है। लोकसंख्या प्राय: ८०४७ है। पहले यह मोद गजको घोर दुर्मिक्षका मामाना करना पड़ा था। राज्यको राजधानी था, इसीसे इसका नाम झोद पड़ा । शासन कार्य चार भागों में विभक्त है । पहला जन विभाग. है। यह अब भी मोदके राजाओंका वासस्थान है। यह . इसके कर्मचारोको देखरेख में शिक्षा विभागका भी प्रबन्ध शहर पवित्र कुरक्षेत्रके भूभाग पर अवस्थित है। कहा है। दूसरा दीवान एमके अधीन राजस्व और मोक्षः जाता है, कि पाएमने यज्ञ अयन्त देवीका एक मन्दिर कारोका इन्तजाम है सोसरा जगोनाठ के अधीन बवगो बनाया और धोरे धीर जयन्तपुरो मामको नगरी श्रम सो के अधोम पुग्लिश तथा फौजको देखभाल है गई। इसी जयन्तपुरोका अपनगमोद है। मुमतमानो . और दीवानो तया फौजदारी मामना के लिये चोया भाग राज्य के समय १०५५ में झोंदके प्रथम राजा गजपतिः पदान्तत है। उन्म विमागों के प्रधान जब एक माथ ठसे सिंहने दम पर आक्रमण किया। १७७५ में दिशो मर- सो.उमें स्टेट हौसिम्त या पदायाला कहते है। कारने रहिमदादखाको उसे दमन करने के लिये भेजा , य काउन्सिल राजाके अधीन रहता है। गजकार्य को किन्तु वहा पर यच पराजित हुपा पोर मारा गया। विधा लिए:यह राज्य दो निजामत पौर : तोन . सफोदन उसका मारक भव मा विद्यमान है। यहा .