पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष एकविंश भाग.djvu/३४२

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विषय -वितिम्वता TAIT ( पु.) धेशको मनुमार पक प्रकारपा रोग, , परित्याग कर सुखसाधनोभून मनसेयिन प्रारमोन . सो पनि पान पानं होता। जना मनप्तादि सरकायों अनुरक होता है। दर · . - विक्षr(म.पु.) पिरोपमपमे रण अयस्था अगसाधारण चिसमें न हो तो . विदाम ( म०) विशेष क्षमता। यता मादिफे चिनमें उत्पन्न होतो। ति गारा ... पिशार ( पु०) यिनिए लक्ष्यये । (तिरोपमा घयमासे विक्षिप्त भरमा धेट है, जो गौर सभीगुप . ,'

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हो निती गिझेर उपस्थित करता है। मनपय मिशि. मिक्षा (म० पु०) विक्षरणमिनि पि.. (गौभाः सायया सरयगुणगे प्रवल होनेसे चित्तायझेप कुए .. .पा ३३३:५) इति घम्। पद, मायाज। काम, मदो जाना है। रजो मोर तमोगुण सरगुणसे पर. गांसी। भूत हो मयस्थान करता है। विक्षिण में वि०) विविध पापयसकारी अग्नि नित्तमोगुण द्वारा अभिभूत हो माना हो आदि। (गुपष्टयः १६४६ ) मर्यातसे पाट होकर उसोफे अनुमार कार्य करता है। विशिम् ( म०वि०) मियासी, गमनेयाला माग्ययगता यदि किसी वित्तमें मरगुण का उप विक्षिन (म'. सि.) यक्षिप-त । एत्यना. जिसका हो, नो मे लेशमाय गो दुध गरमा मी स्याग किया गया हो।२ कम्पिन, फगामा । ३ मेरित, प्रारयिक्षिायस्था भी योग उपयोगी गदी योग भेलामा ४ फेफा रा तिराया गुमा । ५ शाकुल, माध्यो लिग्ना है- पराया था। जिसका दिमाग ठिकाने न हो, पागल. निलियो चेतसि विशेषांनीभूना सधिनयोगपो ।' (ो गित्तात्तिविशेष । पातालदर्शन में लिया योगमाय २) .. कि नितमिका निरोध करने योग होता है। गदा इसमें मरयगुणको पुछ प्रमना रहने पर मो विसतिगान करती है, क्षिा, मूहविक्षिप्त, एका रस्समोअन्य वितगिक्षेप रकम तिरोहिंग नहीं होगा. मार गिरामायया । यह नियकायस्था ही समाधि लिये आतपय इस स्पामें भी पाग नहीं होता है। ... उपयोगी गन् पकान घोर नियापमंदी योगस विषय मापकारने कहा है कि निल लिगुः । दोमा सिम, मृद मीर विक्षिप्तायस्थामे समाधि नहीं जारमा है, रजोगुणमे ममुक या मधिकता कारण । होती। जामयियोंम परिमालित गितको मत्परत अगिरा. रमोगुणका उदो कर निको पालामा यम्घा गा नद्याप नि नागशिन है। नमोगुणी दोनों है, मानसिायकया है। मा गित सण. ममुजनित निाया या नदयप गित मा . माय मा स्थिर नहीं रह सकता, एक विषय मर करने है। शित मो. मूह AIEEE योगको किसी गि रहता है। हम सम५ निच या प्रकारको सम्मापना महो। शिप्त मयस्यामे नि माग र सुम्पनुपादिशा भीग करता है। गिल नाम यिक्षिा | An frmti मोगुणदो चितको म मय विपयोग ___. ममप in पानयासिमिती दीक्षिामा मी. पर यह मागीय नमोगुण में उकामे पार ....या" ... मदो दोना 4 HEAfteो मनोभूत हो .... । पास देमो। . Menari महाया है. जो जलाया या गाn सम भारत उदय . दिया गया । Marati .. मग, .. ा काला s 1.