पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/१४२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१३८ होमर-डोली करना उत्सवों पर गामे बनानका काम करता है। कहीं कही डोरियाना (हि.क्रि.) बन्धन लगा कर पशुषोंको ले दम जातिको स्त्रियां पश्यावृत्ति भी करने लगी है। जामा, पशुओंको रमोमे बांध कर ले चलना। डोमर-पूर्वीय बतान और पामामवी रजपुर जिलेके डोरिहार (हिं० पु. ) पटवा, वह जो रेशम या सूत में अन्तर्गत नोलकामागे उपविभागका एक शहर । यह गहने गूथता हो। पक्षा० २६४ 30 और देशा० ८८५ पू०में अवस्थित डोरिहार- एक प्रकारके शैव योगी। ये 'डोरो अर्थात् है । लोकमच्या प्रायः १८६८ है। यहां पटसनको कई मार्पासमूत्रके वस्त्र पहनते है इसलिए ये डोरिहार कर एक कलें है और दूर दूर देशों में इमको रवानगो लाते हैं। .. होती है। डोरी ( हि स्त्रो० ) १ रज्ज , रम्मो । २ तागा, सूता । ३ डोमर- डोम जातिका एक भेद। इलाहाबाद विभागमें पाश, बन्धन, बांधनेको डोरी। ४ कडाइमें का दूध पौर ये अधिक संख्या में पाये जाते हैं। चाशनी श्रादि चलानेका डाँडीदार कटोरा। डोमा हिं पु० ) एक प्रकारका माँ। डोल (हि पु०) १ कुए मेमे पानी खींचने का लोहे का डमिन (हिं स्त्री०) १ डोमजातिको स्त्री। : डोमनी देन्यो . गोम्न बरतन । २ झला, पालना, हिंडोला । ३ शिविका, डोकर-- कर्णाटक प्रदेशको एक जाति । कोलाति देखे।। पालकी, डोली । ( स्त्रो०) ४ एक प्रकारको कालो मट्टी डोर (म. क्लो०) दोष-राउ पृषो. माधु: । हस्त प्रभृति जो बहत उपजाऊ होती है। बन्धनमूत्र, डोग, मूत । अनन्त प्रभृति व्रतमें यह धारण डोम्न गुजगतके काठियावाड़के अन्तर्गत गोहेलवाड़का करना पड़ता है। हिन्द स्त्रियां इमे बायें हाथ और पुरुष एक छोटा राज्य । यहाँका राजस्व १५००, १० है। दाहिने हाथमें पहनते हैं। बत देखो। जिभमसे ३३७, बरोदाको ओर ५८) जूनागढ़को देने डोरक (म. लो. ) डोर-खार्थे कन् । डोर देखो। पड़ते हैं। ____ "चतुर्दशसमायुक्तं कुंकुमात सुडोरकम ।"( अनन्तव्रतकथा) डोलक ( स० पु० ) प्राचीन कालका एक बाजा जिमसे डोरड (म स्त्रो०) डोरमिव डयत डी-गोराडोष । तान दिया जाता है। वहती, बरहटा। डोलची (हिं. स्त्रो. ) छोटा डोल। डारा (हि पु०) १ सूत्र तागा, धागा। २ धारो, लकीर । डोलडान (हिं पु० ) १ घूमना फिरना । २ टही जाना। प्राखो की बहुत सूक्ष्म लाल नस । जब मनुषा नशेको डोलना (Eि कि० ) १ गतिमें होना, हिनाना । २ टहन- मगर्म होता अथवा सो कर उठता है तो ये नसें ना, चलना, घूमना । ३ दूर होना, चला जाना, हटना। दौख पड़तो हैं। ४ तलवारको धार । ५ घो निकालने ४ दृढ़ न रहना, विचलित होना। तथा कड़ाहमें दूध आदि चलानेकी करछो। ६ सह. डोलरवा--गुजगतके दक्षिण काठियावाड़ का एक छोटा सूत्र, प्रेम का बन्धन। ७ अनुसन्धानसूत्र, सुराग । ८ राज्य । इममें केवल एक ग्राम लगता है। राजस्व २२००) काजल या सुरमको रेखा । ८ नृत्यमे कण्ठकी गति। रु. है जिसमें १०३, बरोटाको और २३) ज नागढ़को १० पोस्त आदिका ढोड़, डोडा। कर स्वरूप देने पड़ते है। डोरिया। हि० पु. ) १ एक प्रकारका सतो कपड़ा। इस डोला (हिं• पु० ) १ शिविका, पालको, डोली । २ झले. तरह के कपड़े में मोटे मूतको लम्बो धारियां बनी रहतो में दिये जानेका झोंका, पंग। हैं। २ हरे पैरवाला एक प्रकारका बगला। ज्यों ज्यों डोलाना (हिं० कि०) १ गतिमें करमा, हिलाना, चलाना । ऋतु बदलती जाती है त्यो त्यो रसका रंग भी बदलता २ पृथक करना, दूर करना. हटाना। जाता है। ३ एक नोच जाति। पूर्व ममय यह जाति डोलायम्ब (हि.पु०) दोलायन्त्र देखो। गजापों के यहाँ शिकारी कुत्तों को रक्षाके लिए नियुक्त डोली (हि.सो.) शिविका, पालको। को जाती थी। ये कुत्तों को शिकार पर साते थे। डोली करना (हि. कि. ) टालना, हटाना।