पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/२०२

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१९५ पर्थात् दो पदोंमें ममाम हो कर जो वह बनता है उसका तबावि (स.पव्य ) तथापि, तोगी। लिक प्रति होता है। प्रधानतः यह ममाम ६ भागों में समकान्त (सं० वि० ) तस्व संक्रान्तःतत्त दीय । विभत-हितीया, सताया. चतुर्थो, पामो. षष्ठो और उमका, सममे सम्बन्ध रखनेवाला। मामी सत्य कष। हिनायादि वितिके पन्तका उत्तर तमाम वि०) तस्य सहयः, तत्। तथाविध, हितोयादि तत्पुरुष होता है। मास देखो। २ गद्र भद, उसके ममान। एक रुद्र का नाम । ३ ईश्वर, परमेश्वर । ४ मत्स्यपुगणके तत्सम (म'• पु. ) भाषामें व्यवान होनेवाला संमतका अनुमार एक कल्पका नाम । एक शब्द। तत्प व (म त्रि.) म एव पूर्व:, कम धाः । सर्व प्रथम तत्समानन्तर (म. प्रष्य ) तदनन्तर. इसके बाद । मबमे पहना। तत्साधुकारो (म. वि. ) सत्साधु यथा तथा करोति तत्- तत्प्रकार (सं.नि.) उसी तरह। माधु-स-णिनि । जो उसके प्रति उत्तम व्यवहार करता की। तत्प्रतिरूपक व्यवहार (संपु.) जेमियोंके मतसे एक मत्स्थ ( म० वि०) र तिष्ठति तत् खा क। वहाँ पर अतिचार। यह विक्रय सह पदार्थों में खोटे पदार्थोंको अवस्थित। मिलान करनेसे होता है। सरस्थानाभिषिक्त (म० वि . ) तस्य स्खने पभिषिक: ६ सत्फल (स.पु.) सनोति तन-क्षिप. तत् फम्न' यस्य, और -उसका प्रतिनिधि, जो दूसरोका स्थानापन बहवी. वा सत् विस्तृत फलति फल-पच । कुवलय, शेकर काम करता हो। मोलकमल। २ कुष्ठ नामक पौषविशेषः कूट नामको भास्वरूप ( स० वि०) तस्य स्वरूप: ६-तत.। उसके दया। ३ चोर नामक सुगन्धि द्रव्य। ४ रोहिवाटण ममान, उमौके जैसा । (a) सफल, तित। ५ उसका फल। तथा ( स. पव्य० ) तेन प्रकारेण मद-याल । १इसी सब ( पष्य ) तत् बन्न । वहाँ, उम स्थान पर उस तरह, ऐसे हो। २ और, व । ३ अध्य,पगम, निकट, नक ( पु० ) यूरोप, परश, फारममे ले कर पूर्व में समीप । ( पु० ) ४ पूर्व प्रतिवचन, पालेको कही हुई अफगानिस्तान तक होनेवाला एक प्रकारका पेड़। यह बात । ५ सत्य । । सोमा. हद । ७ निचय। ८ समा नता। कुछ कुछ पनार पेड़सा मिलता जुलता है। इसके पत्र नीम के पत्तों को तरह कटावदार पौर कुछ ललाई लिये तथाकर (म० अव्य. ) किमो प्रकारसे करके। तथागत (0पु0) तथा मत्व यतमान यस्य, बड़बो. होते हैं। नमक बीजको समाक कहत पोर ये बाजार में बिकते है। कीमो दवा इमके वोज बहुत उपयोगी यथा न पुनराहतिर्भवति तथा तेन प्रकारेण गतः । । एक प्रकारका रंग रसके पत्तों से बनाया जाता है। १ गौतमबुद्ध सुगत। पूर्व पूर्व बुझेकी तरह पागमन इसके डंठल पौर पत्ते चमड़े सिझानेके काममें पति हुआ था, इसलिए इनका नाम तथागत हुषा । बुद्ध देखो। हिन्दुस्तान में चमड़े के बड़े बड़े कारखानों में रम के (त्रि. ) तथा तेन प्रकारण पागतः ३-सत् । २ सो पत्त सिसिलीसे मंगाये जाते है। प्रकार एवं उसी रूपमें पाये हुए । ( भारत ३७७।५) तथागत ( पु.) बोडके एक शासका नाम । सत्व में वि०) तव भवः पथ्थयात् त्यप । तत्स्थानस्य, उस खान पर उत्पना तथागतगुणज्ञानचित्यविषयावतारनिदर्श (स.y०) बोडके तत्रभवत् (मं० वि०) पूज्यार्थे तब भवान् निस्वसः वा एक शाखाका नाम। सुपरपति समासः। पूज्य, मान्य प्रशंसनीय श्रेष्ठ तथागतगुल ( म.पु. ) एक बौक्ष राजा। .. पत्रमयान देखो। तथागतगुधक (सं० पु०) नेपाली बौकिक प्रधान माजीमर समस ( वि.) व तिष्ठति सा-क। सवलित, उस एक । . . . . तवागतभद्र-नागानुनके एक प्रधान विध। ....