पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष नवम भाग.djvu/८७

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है। इसकी सड़की बात मजबूत होती है। यानी पीठ पर बदए हो उंगर ( पु.) मवेयी, चौपाया। बोरोंको फसाए रखनेका एक . डंगरी (जि.बी.) १ लम्बी ककड़ी, डोंगरी। एक प्रका- डा . पु) १ साड़ी वा बाँसबा सीधा सम्बा रको पुस, डाइन । ३ पूर्वीय हिमालय, सिविम, टुकड़ा। २ साठी, सोटा। चारदीवारी, डाँड। भूटानसे सगा कर चटगांव तक होनेवाला एक प्रकारका | डाडोलो (हि.सी.) शेटे कोटे कोका एका मोटा वैत । इससे बहुत ही अच्छी छड़ियां चौर खेल। निकालता ससे टोवर भी बनाये जाते है। डाल ( पु.) दुन्दुमि, मारा। उंगवारा (वि. पु. ) वा सहायता जो किसान लोग | उडिया (को०) एक प्रकारको ही जिसमें ल* खेतकी जोताई बोपाई में एक दूसरेको देते है । बूटेको संबो सकीरें बना कर टाँबी गई हो। २ गह उंगूबर (चपु० ) एक प्रकारका व्यर। इसमें शरीर के पौधेकी लम्बी सौक । (१०) बाजो कर बोल पर चल पड़ जाते है। करता हो। संगोरी ( सी.) एक पड़। इसका काठ बहुत मजबूत | इंडियाना (हि.लिदो कपड़ीकी बाईक किनारों और चमकदार होता है। यह पासाम और ककारमें | को एकामे सौना। बहुत उपजता। . डंडी (हि.सी.) १ शेटो पतली साम्बी लबाड़ी। उटल (हि. पु. ) छोटे पौधोंकी पड़ी और शाखा। मुठिया, हत्या, दस्ता। एतराज को सोधी मकड़ी। उंठो (हि. स्त्री. ) डंठल। मोम रस्सियां बटका कर पलई बध गते । ४ उंड (हि. पु०) १ लाठी, सोटा । २ बाहु दण्ड, बाहु । एक पत्ता फल या फस लगाएषा मान्बा ग्ल, माल।। प्रकारका व्यायाम जो हाथ पैरके जोंके बल पर पड़ फलके नीचेका लम्बा हिसाबरसिंगारका पाला। कर किया जाता है। ७ पहाड़ों पर चलनेवालो एक प्रकारको सवारी। बस ऊँ ( पु.) ण्ड देखी। 'डमें बधीर झोलीची पावारको होती , झप्पा । डपेल (हि. पु.) १ वह जो खूब दंड लगाता हो. लिन्द्रिय । वा सम्बासी जो द धारण करता कसरती, पहलवान्। २ बलवान मनुच। हो। (वि.) १.जो एक दूसरेने झगड़ा लगाता हो, डडल (हि. सौ.) बंगाल और बरमा मिलनेवाली चुगलखोर। एक प्रकारकी मछली। यह लगभग १८ लम्बी डोर ( सी.) बोधो रखा। होती है। यह हमेशा पानीके जपर अपनी पाँखें डोरमा ( नि.) हना, उलट पुखट पर बोलना । निकाल कर तरती। इंडोत् (हि.पु.) पण्डवत् देखो। इंडवारा ( पु.) १ बहुत दूर तक विस्त न खुली हुबेल ( पु.) १ बासरत करनेकी लोया कडो- दीवार। २ दक्षिणको वायु, दखिया। वो गुली, इसके दोनों सिर सह की तरह गोल होते। हुंडवारी (हि.सो.) किसी खानको घेरनके साई इसको हाथमें लेकर सामने है। इस प्रकारके बहसे जानवाली वाम ऊँची दीवार। की जानेवाली कसरत। डहरा (हि.सी.) बङ्गाल, मध्यभारत और बरमाने उंबरमा (हिं. पु. ) वातका एक रोम, गठिया। मिलनेवाली एक प्रकारको महलो। इसको लम्बाई बकपामाल (•ि पु.) भात या लकड़ी के दो टुकड़ो. लगभग ३१ तक होती है। . . को मिलामिक लिये एक प्रकारका जोड़। यह जोड़ डारी (हि.सी.) पासाम, बाल और डीसा गात बद होता पौर बीच भी.मी माता। पौर दक्षिण भारतकी नदियोम पार जामिनाली एक उबाँडोल (हि.वि.) नवराया गया। . कारवी शेटी माती। . . . स(R• पु०) १ जानी मारहा। बाबान