पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/४६५

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१ सर्वदा 1 ४५८ अनुध्यान-अनुनिर्वाप अच्छी फिक्रका लगना। २ अनुग्रह, मेहरबानी। अनुनाश (सं० पु.) अनु-नश-घञ् । १ पश्चात् मरण, ३ आसक्ति, लालच, फसाव । पीछेका मरना। (त्रि०) अनु पश्चात् न आशा अनुध्यान (स० लो०) अनु-ध्ये ल्युट् । आकाङ्क्षा यस्मात् यस्य वा, नत्र -बहुव्री० । २ पश्चात् चिन्ता, मुदामी फि.क। २ पश्चात् चिन्ता, पिछली आशा-आकाङ्क्षा न रखनेवाला, जो पोछे उम्मीद न फिक्र। बांधे । ३ पश्चात् आशा-आकाङ्क्षा न दिलानेवाला, जो अनुयायिन् (सं० त्रि०) ध्यान धरते हुवा, विचार पोछे उम्मीद न दे। बांधनेवाला, ख्याल लड़ाते हुवा, जो गौर लगा अनुनासिक (स० त्रि०) नासिका अनुगतत्वेन रहा हो। उच्चारितम्, अतिक्रा-तत् । मुखनासिकावचनोऽनुनासिकम् । अनुध्येय (सं० त्रि०) अनु-ध्य-कर्मणि-यत्। पश्चात् पा ११८ मुखके साथ नासिकासे उचार्यमाण, जो चिन्त्य, पीछे ख्याल लड़ाने काबिल । मुहके सहारे नाकसे बोला जाये। यह शब्द, वर्ण अनुनय (सं० पु. ) अनु-नी-अच् । १ विनय, प्रणिपात, अथवा अक्षरका विशेषण है। ञ, ण, न, ङ और म प्रार्थना, सान्त्वना, अर्ज, मिहमानदारी। (त्रि.) अनुनासिक वर्ण होते हैं। २ विनीत, सन्तुष्ट । ( अव्य.) ३ विनीत भावसे, अनुनासिकत्व (सं० लो०) अनुनासिक होनेका भाव, भुककर, कायदेमें। जिस हालतमें हर्फ़ मुंहके सहारे नाकसे बोला जाय। अनुनयप्रतिघप्रहाण ( स० लो०) बौद्ध मतसे-विनीत | अनुनासिकलोप (सं० पु.) अनुनासिक ध्वनि अथवा आचरणके विरोधका त्याग, अच्छे चालचलनको अक्षरका निकाल डालना, नाकसे निकलनेवाले शोर बुरायियोंका छोड़ना। या हर्फ को उड़ा देना। अनुनयमान ( स० वि०) प्रसन्न करते हुवा, जो खुश अनुनासिकात्व ( स० लो०) आकारका अनुनासिक कर रहा हो, सम्मान देनेवाला, जो इज्जत बढ़ाये। उच्चारण, 'आ'का नाकसे बोला जाना। अनुनयामन्त्रण सं० क्लो०) सन्तोषजनक सम्भाषण, अनुनासिकादि (सं० पु०) अनुनासिक उच्चारणसे खुश करनेवाली बात।. प्रारम्भ होनेवाला युक्ताक्षर, यो मिला हुवा हर्फ अनुनयिन् (सं० वि०) नम्र, सभ्य, शान्त, शायस्ता, आवाज-गुन्नासे शुरू हो। हलीम, नेक। अनुनासिकान्त (सं० पु० ) अनुनासिक वर्णमें समाप्त अनुनाद (सं० पु०) अनु-नद-घञ् ; अनुरूपो नादः, होनेवाला धातु, जो हर्फे असली आवाज़ गुन्नामें प्रादि-स०। प्रतिध्वनि, प्रतिशब्द, अनुरूप शब्द, पश्चात् खत्म हो। शब्द, गूंज, बाजगश्त, जैसीको नैसी आवाज । अनुनासिकोपध (सं० त्रि.) अन्तिम वर्णसे प्रथम अनुनादित (सं० त्रि०) प्रतिध्वनित, प्रतिशब्दाय अनुनासिक अक्षर रखनेवाला, जिसके मा-कब्ल-अखौर मान, गंजते हुवा, बाजगश्त लगाया गया। हफै गुन्ना लगा हो। अनुनादिन् (स० वि०) अनु सदृशं नदति शब्दायते, अनुनिनीषु ( स० स्त्री०) शान्त हो जानेका इच्छुक अनु-नद-णिनि। प्रतिरूप शब्दकारक, जी अनुरूप जो ठण्डा पड़ और राजी हो जाना चाहता हो। शब्द निकाले, गुंजाते हुवा, जो बाज़गश्त निकाल | अनुनिजहान ( स० वि०) बाहर जाते हुवा, जो रहा हो। कहींसे दूर जा रहा हो। अनुनायिका (सं० स्त्री०) नायिका अनुगता, अनु अनुनिर्देश ( स० पु.) पूर्व आदीनुयायो वर्णन पश्चात् नयति वा। दासी, टहलुयो, खिदमतगारा, अथवा सम्बन्ध, पहली मिसालसे मिलते हुवा बयान जो स्त्री किसी नायिकाके अधीन हो अथवा पौछ- या रिश्ता। अनुनिर्वाप (सं० पु०) देवताके अर्थ ढाली जानेवाली योछे चले।