अनुयाजप्रेष-अनुरक्त ४८५ 1 1 अनुयाजप्रेष (स० पु०) अनुयाज यज्ञके नियम। अनुयुग (स अव्य.) युगके अनुरूप, युगको देखते अनुयाजवत् (सं० वि०) निम्न श्रेणोके यज्ञवाला। हुये, जमाने के मुवाफिक । अनुयाजानुमन्त्रण (सं० क्लो०) अनुयाजके मन्त्रका पाठ। अनुयूप (सं० अव्य०) यूपके अनुरूप, यूपको तरह, अनुयाजाथै (सं० त्रि.) अनुयाजसे सम्बन्ध रखने यज्ञके स्थानानुसार। वाला या जो अनुयाजमें काम आये अनुयोक्त (संत्रि.) अनु-युज-। अनुयोगकारी, अनुयात (सं० वि०) अनु पश्चात् सह वा या-त । प्रश्नकारक, वेतनग्राहो अध्यापक, इम्तहान लेनेवाला, १ पश्चादगामी, पौछे-पौछे चलनेवाला। कर्मणि क्त । जो सवाल पूछे, उस्ताद। २ अग्रगामी, आगे जानेवाला। ३ सहगामो, जो अनुयोग (सं० पु.) अनु-युज-घञ्। १ जिज्ञासा साथ जाये। प्रश्न, सवाल, पूछताछ। २ आक्षेप, तानाज़नी। अनुयातव्य (सं० त्रि०) पश्चाटुगमन लगाने योग्य, ३ तिरस्कार, हिकारत । ४ साधन, धर्मचिन्ता, जिसके पोछे जा सकें। मज़हबौ तसव्वर, रूहानी ख.याल । अनुयाल (स० पु०) पश्चाद्गामी व्यक्ति, पीछे पड़ने- अनुयोगकृत् (सं० पु०) अनुयोगं प्रश्नविषयसंशयं वाला शख स। क्वन्तति छिनत्ति, अनुयोग-वत् छेदने क्विप् । १ आचार्य, अनुयात्र (स अव्य० ) यात्रायाः पश्चात्, अव्ययी. जिज्ञास्य विषयका सन्देह दूर करनेवाला व्यक्ति, जो १ यात्राके पश्चात्, सफरसे पोछ । यात्रायां, अव्ययोः । शखू स पूछो जानेवाली बातका शक रफा कर दे। २ यात्रामें, सफरपर। अनुगता यात्रा, प्रा. स. । (त्रि०) अनुयोग-क-क्किए । २ जिज्ञासा करनेवाला, ३ यात्राके अनुगत, सफ़रके मुवाफिक। (पु.) जो सवाल पूछे। अनुरूपी कृता यात्रा येन प्रादि-बहुव्रौ । ४ अनु- अनुयोगिन् (सं० त्रि०) अनु-युज-घिणुन् तच्छोला- यायिवर्ग, साथ जानेवाले लोग। दिषु। १मिलानेवाला, जो जोड़ लगा दे। २ संयुक्त, अनुयात्रिक (सं० त्रि०) अनु पश्चाद् यात्रा अस्त्यस्य, मिला हुवा, नौचे या ऊपर प्रतिष्ठित, जो नोचे या ठन्। अनुचर, पश्चादगामौ, हाजिरबाश, नौकरको ऊपर जमा हो। ३ प्रश्न पूछते हुवा, जो परीक्षा ले तरह पौछे चलनेवाला। रहा हो, सवाल करनेवाला, मुम्तहिन । अनुयान (सं० लो०) पश्चाद्गमन, पीछेका चलना। अनुयोजन (सं० लो०) प्रश्न, सवाल, पूछताछ, अनुयायिता ( स० स्त्री०) पश्चाद्गमनको स्थिति, परीक्षा, इम्तहान। पीछे पड़नकी हालत, पंक्ति, कतार । अनुयोजित (सं० त्रि०) पूछा गया, सवाल लगाया अनुयायित्व (सं० लो०) अनुयायिता देखो। हुवा, जिसके बारे में पूछताछ हुयो हो। अनुयायिन् (स• त्रि०) अनु पश्चात् याति गच्छतीति, | अनुयोज्य (सं० त्रि०) अनुयोक्तं शक्यः, अनु-युज- अनु-या-णिनि। १ अनुचर, पश्चादगामी, पीछे-पीछे ण्यत्। १ मन्द, निन्दाह, खराब, जो ताने मारने चलनवाला। २ सेवक, नौकर। ३ सदृश, समान, काबिल रहे। २ आज्ञाकारक, दास, नौकर, हुक्म बराबर, अनुकरण करनेवाला, जो नकल उतार। माननेवाला। ३ परीक्षा लिये जाने योग्य, जो अनुयायो, अनुयायिन् देखो। इम्तहान देने या सवाल बताने काबिल हो। अनुयुक्त (सं० त्रि.) अनुयुज्यते, अनु-युज्-कर्मणि क्त । अनुरक्त (सं० त्रि.) अनुरज-त। १ अनुराग- १ जिज्ञासित, पूछा गया।२ तिरस्कृत, बेइज्जत, जिसकी विशिष्ट, आसक्त, अनुगत, मुश्ताक, फंसा हुवा। अनु- तारौफ़ न रहे। ३ आदेशप्राप्त, हुकम पाये हुवा । गतं रक्तं रागम्, अत्या०-तत्। २ रक्तवर्णप्राप्त, रञ्जित, अनुयुक्तिन् (सं० पु०) अनुज्ञा देनेवाला, जिसने हुका रंगा हुवा, जिसपर रंगामेज़ौ लगायी गयी हो। लगा दिया हो। ३ प्रिय, प्यारा। 122
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