पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/६९२

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1 बन्तू अफरीका लिवीयनों या हमाइटोंके खूनसे पैदा हुये हैं। बहुत लोहेका काम बनानेवाले बलोलो रहते हैं। कसायोके पुराने समय अफरीकाके उत्तर-समुद्र किनारे लिबी पश्चिम बकूबै और वह बेजाने लोग बसते, जिनका यन जोर बांधे रहे। पश्चिम सोदानमें कितने हो ठीक हाल नही मिला। पश्चिममें ज्यादा आगे राज्य प्रतिष्ठित हो गये थे। सन् ई०के ७वें शताब्दमें अङ्गोला रहेगा। उत्तरको ओर आगे बढ़कर बालो घाना, १२वें में मौली, १४वें में सङ्घायी और १६वें में और कमरूनके दूसरे लोग मिलेंगे। वेल्ने जिलेके बीनी राज्य बना। जन्देह पूर्वमें रहते, जिनका निलोटके डोरोंसे कुछ कुछ इसी बीच पूर्वमें बचुवानोंका दक्षिणीय संक्रमण सादृश्य पड़ता है। नाइगरके अन्तर्वेदी और स्ने वतटके प्रारम्भ हुआ था, जो कितने ही समयतक फैलते रहा। पूर्व प्रान्तमें योरुबा बोलनेवाले आदमी देखने में उसके बाद जू लू खोसावोंने तेज. दौड़ लगायो और आयेंगे। योरुबा भाषाभाषी नाइगेर अन्तहीपके पश्चिम सागरतटकी राहसे आगे बढ़ दक्षिणमें उन्हें जा घेरा और गा और सोही वाले गोल्ड कोष्टपर बसते हैं था। रोडेशियामें जो भ्रष्टांश मिलता है, उससे पुराने किसी जातिका नाम दहीमो और किसौका अशान्ति समयका हाल नहीं खुलाता। जलक्षोसा, बचुवाना है। सोरा-लिवोन और लिवेरियामें भी ऐसे लोग और हेरेरो तीनो एक जैसी दक्षिणीय जाति पाये जायेंगे। जङ्गलको छोड़ खुले मैदानमें उत्तरको निकलेंगी। ओर नाइगरसे नाइलतक मुसलमान-धर्मावलम्बी नौग्रो अन्तको अफ.रोकामें इतिहासप्रसिद्ध दौड़-धूप बसे हैं। मन्डिन्गो, सङ्घोयो, फला, हौसा, कनूरी, पड़ी। जू लूवंशके कुछ लोग उत्तरको ओर आगे बगिरमौ, कनेम्ब, वादायी एव दरफूरके निवासी बढ़ने और मार-काट मचाने लगे थे। इनमें सर्व भी ऐसे ही निकलेंगे। चादको ओर दक्षिण-किनारे प्रधान मताबले और अङ्गोनी रहे। विकोरिया जो आदिम निवासी रहते, उनका पूरा हाल किसीको नियजातक धावा लगा था। नाइलके दलदलमें पीके हठ नीग्रो, बन्, शिल्लुक, डिका, अलर, अचोली आदि मादागास्कर हौपमें फ्रान्सका अधिकार होनेसे सुशिक्षित जाति बन गये। हमाइटों और इनके पहले होवा जाति रहती थी। उसके लोग अपनी मेलसे मसायो जसौ जातियां निकली हैं। अरबोंने चाल ढाल और सूरत-शकलमें मलयहोपवासियोंसे समुद्रतट पर अपना डेरा जमाया और मध्यदेशपर मिलते हैं। यहांको भाषा मलागासौमें वस्तुतः मलय गुलाम पकड़ेनेको धावा मारते रहे, कभी कभी वह और पोलिनेशियाके शब्द निकलेंगे। होवा लोग कोङ्गोतक पहुंच जाते थे। कोई १६ अंश द. भूमध्य बहुत पुराने समय मलयसे मादागास्कर गये थे। यह रेखाके सागरतट पर रहनेवाली स्वाहिली जाति ईमेरिना प्रान्तमें वसते हैं। इनका कद छोटा, रङ्ग अरबों और बन्तुवोंके योगसे बनी है। विकोरिया काला-पोला और बाल सीधा या कुछ-कुछ टेढ़ा नियतासे ज.मबेजी तक रहनेवाले साधारणतः पूर्वीय होगा। पूर्वसागर तटपर मलागासी रहते, जो होवे और सकलाके बीचका कद रखते हैं। दीपक दक्षिणमें कोङ्गोको ओर लूबा और लुण्डा लोगों अवशिष्ट अंशमें सकलावे देख पड़ेगे। इनमें हब- पर सन् ई के १६वें शताब्दसे १८वें तक मुवाता शियोंकी चाल-ढाल ज्यादा पायी जाती है यानवो नामक एकछत्र राज्य रहा। यह लोग यहां लकड़ीके मकान सौधे बनते, बकले और दक्षिण-पूर्वसे जा पहुंचे थे। पश्चिमीय बलूबोंमें थोड़े | खजुरके रेशका कपड़ा पहनते और भूत-प्रेतपर दिन हुये कोई राजनीतिक और धार्मिक उत्यात हुवा, विश्वास रखते हैं। पशु उत्पन्न करने और जमीन जिससे बेनारियम्बा या भङ्ग पौनेवाले अपने में एक बोनेका भी काम चलता है। होवोंने अपने देश दूसरेको भाई समझने लगे। कोङ्गोके हेरफेरमें मलयको चाल नहीं छोड़ी। सन् ई० के १८वें शताब्द: 172 नहीं मालूम। बन्तू कहायेंगे। 1