पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/६९७

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अफ रोका शक्तियां अफ.रोकामें १२७१००० वर्गमील भूमि अर्थात् | 'कोङ्गोमुखसे उत्तर कविन्द और मोलेम्ब के राजा हमें महादेशके दशमांशपर अधिकार जमाये बैठी हैं। मिलना चाहिये, कारण वह हमारे अधिकारमें सन् तुर्कों के अधीन मिश्र, सादान, तूनीशिया और १४८४ ई०से रहे हैं।" सन् १८५६ ई० में अंगरेजी त्रिपालिका राजा रहे। अबसीनिया, मोरक्को, जञ्जौ जङ्गो जहाजोंको आज्ञा हुयो, कि एसवजसे उत्तर बार और लिबोरिया स्वतन्त्र राज्य थे। नीग्रो पोर्तुगीज अपना राजा बढ़ाने न पाते। सन् १८८२ और नीग्रो-बन्तू कभी अपना प्रभाव दूर-दूर फैलना ई में कितनी ही बातचीत कोङ्गोको दोनो ओर और नहीं चाहता। कुछ भीतरी प्रान्तपर पोतु गौजोंका अधिकार करने- सन् १८७० ई०के समय फान्स-जर्मन-युद्ध समाप्त पर अंगरेजोंसे चलते रही। सन १८८४ ई० को होनेपर जर्मनीको अफ,रोकामें उपनिवेश बनानेका २६ वी० फरवरीको अंगरेजो और पोर्तुगीजोंमें जो लालच बढ़ा और ग्रेट-बुटेन, फान्स और इटली सभी सन्धि हुयी थी, उससे अफरीकाके कुछ पश्चिमतट और अपना-अपना दांव देखाने लगे। अन्तको यही कार्य कोङ्गोके दक्षिण किनारे भीतर नोकौतक पोतुगीजोंका अफरीकाके विभागका कारण बना था। राज्य माना गया । कोङ्गोमें नाव चलाने का काम किसी बेलजियन राजा लिवोपोल्डने सन १८७६ ई० में एङ्गलो-पोर्तुगीज कमिशनके हाथ लगा था। किन्तु देशके विभागका काम अपने हाथ लिया। उन्होंने इस सन्धिपर कोई युरोपीय शक्ति सन्तुष्ट न हुयी। अपनी राजधानी ब्रूसेल्समें (आजकल यह नगर सन् १८७६ ई० में ग्रेट-ब्रटेनने अरञ्ज-स्वतन्त्र- जर्मनोंने बेलजियनसे लड़-भिड़ छीन लिया है) ग्रेट राज्यसे अपनी सीमा अलग को और कोई नौ ब्रटेन, बेलजियम, फान्स, जर्मनी, अष्ट्रिया-हङ्गेरी लाख रुपये दे किम्बरलेके होरको खानि अपने इटली और रूशके प्रतिनिधियों को कोई सभा बैठायी राज्यमें मिलायो। सन् १८७७ ई०को १२वों और अफ.रोकामे व्यापार बढ़ानेका यत्न पूछा। सभा अप्रेलको ट्रान्सवालके अंगरेजी राजा होनेका गैर सरकारी होनेसे कुछ फल न निकला और तीन ढिंढोरा पिटा। सन् १८८० ई० में लड़ाई हुयी और दिन बाद 'अन्तर्जातीय अफरीकान' समिति प्रतिष्ठित सन् १८८१ ई०के मार्च मास तक चलते रहो; अन्तमें हुयौ। किन्तु उसके सभ्य अपनी-अपनी जातिका सन्धि कर ली गयी। इसके अनुसार कुछ शौंपर काम देखने लगे और अन्त में समिति केवल बेलजियन् अंगरेजोंके अधीन ट्रान्सवाल स्वतन्त्र बना। सन् रह गयो। सन् १८७८ ई में लिवोपोल्डने कोङ्गोके १८८४ ई० में सन् १८८१ को सन्धि बदली और आविष्कारपर ध्यान दिया था। बुआरोंने अंगरेजोंसे बिना पूछे किसीसे मेल-जोल न सन् १८७५-७८ ई०में गबुनसे दक्षिण ओगोवे बढ़ानेका वचन दिया। नदौका पता लगाया और सन् १८७८ ई.में कोङ्गोके सन् १८८० ई० में पश्चिम-ग्रिकूवा देश अन्तरोपसे पास भले आदमी बसाने, गुलामो बन्द करने और मिलाया गया था। सन् १८७७ और १८८४ ई में केयो अन्याय रोकन का विचार किया गया। सन् १८८० 'नदीको उस ओरका देश भी अंगरेजो राजाके अन्तर्गत ई०के अतोबर मास फान्सीसियोंने कोङ्गो प्रान्तके हुवा, किन्तु सन् १८८७ ई०तक वहां अंगरेजी शासन किसी बड़े राजासे सन्धि कर ली। इस सन्धिके पीछे न चला। सन् १८४३ ई०में जूलू नृपतिने सेण्ट ही फ्रान्सीसियोंने कोङ्गो नदीके दक्षिण-तटपर अपना लूशिया उपसागर अंगरेजोंको सौंपा और सन् १८८४ ई में उन्होंने उसपर अधिकार जमाया। अन्तको फ्रान्सीसियों और बेलजियनोंको चहल-पहल देख अंगरेजोंने टोङ्गा देशके अधिपतिसे किसी विदेशीको पोतुं गौज भी कोङ्गोमें घुसे और उन्होंने सम्पूर्ण कोङ्गो भूमि न देनेका वचन लिया और दक्षिणतटपर प्रान्त पर अपना दावा लगाया । पोर्तुगीजोंने कहा, अंगरेजी राजाका सम्बन्ध सुशृङ्खल बनाया। सन् १८८४

अड्डा जा जमाया था।