पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/७०२

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अफरीका ६६५ रूशकसरसे वोधकको उत्तर-सौमातक कोई ६५० क्रमागत अबोसोनिया और सोदानको ओर इरीट्रिया- मोलमें फेल पड़ा। सन् १८८७ ई०के जनवरी मास की सीमा निर्धारित हुयी थो। सन् १८०२ ई० को इटलोको कोई फौज डोगालोमें मार डाली गयी थी, १५वों मईको अदीस अबबमें इटली और हबस- किन्तु उससे इटलीने दूना उत्साह पाया। उच्चभूमि याने सन्धि कर इन सीमावाँका सुधार किया। उसी पर इटलीने करन और असमरको अपने अधिकार दिन अबसौनियाको राजधानीमें अंगरेजोंने भी सन्धि भुक्त बनाया और सन् १८८८ ई. के मई मास मनल लगा सोदान और अबसोनियाको सीमा सवारी थी। कने सन्धि कौ; उन्होंने जोहन्सके अरबोंसे मार सन् १८८८ ई०को १८वीं जनवरीको कायरोमें जानेपर सिंहासन छीन लिया था। अंगरेज और मिश्र-सरकारसे जो सन्धि हुयी, उसके सन् १८८४ ई० को १ली मई और सन् १८८६ अनुसार कुछ देशपर अंगरेजी और मिश्री दोनो ई०को १५ वी मार्चके बीच कई सन्धियां हुयीं, जिनसे झण्डे उड़ानेकी बात ठहरी थो। सन् १८०४ ई.को सोमाली सागरतट अंगरेजोंके अधीन पड़ा। सन् ८वीं अप्रेलको हुयौ अंगरेजी फान्सोसो सन्धिने १८८८ ई० को ८वीं फरवरीको ओबियाके सुलतान से मिश्रमें अंगरेजोको स्थिति सबल बनायो। उसी इटलौने पहली सन्धि लगायो। सन् १८८१ ई० को दिन लन्दनमें भी इन दोनो शक्तियों के बीच पृथिवीके १५वौं फरवरीको इटला और ग्रेट-बुटेनने सन्धिकर विभिन्न स्थानोंका झगड़ा मिटानेको दूसरी कई सोमाली देशको सीमा बांध दी। सन् १८८४ ई. सन्धियां की गयी थों। इनमें मिश्र, मोरोक्को और को ५वीं मईको इटलीने भी अंगरेजी सोमाली देशको पश्चिम अफरीकाको भी बात रही। सौमा ठौक की। सन् १८८१ ई०को तूनौशियामें फान्सने रक्षाका सन् १८८३ में अबौसिनिया-सम्राट् मनलकने जो भार उठाया था, उसका काम तो चलते हो रहा; उक्किएली को सन्धि रद को और सन् १८८६ ई० को किन्तु अलजीरियामें फान्सका अधिक प्रभाव बढ़ १ ली मार्चको अदोवेमें जो घमासान लड़ाई हुयी थी, गया। सन् १८००-१८०१ ई० में फ्रान्सके तुवात प्रान्त- उसमें इटलीको बुरे तौरपर हरा दिया। सन् १८८६ पर अधिकार करनेका मूर-सरकारने घोर प्रतिवाद ई० को २६वीं अक्तोबरको अदीस अबबमें जो सन्धि उठाया। सन् १८८५ ई० में फ्रान्सोसियों और मूरोंने हुयी, उससे मरेब और बलेस नदीके दक्षिणका सारा सन्धि जगा अल्जीरिया और मोरोक्कों के बीच सौमा प्रान्त अबसौनियाको वापस मिला और इटलौने उसे बांधी थी। किन्तु मोरोक्को फ्रान्सके उसे न माननेपर सम्पूर्ण रूपसे स्वतन्त्र समझा। लघ नगरके अधिकार- असन्तुष्ट रहा। सन् १८०१ ई०को २०वौं जुलाईको पर सन् १८०८ ई. तक विवाद हुवा था, अन्तमें वह पेरिसमें फान्स और मोरोक्कोके बीच सीमाप्रान्तपर इटलौके हाथ लगा। सन १८०५ ई० के जनवरौ मास मेल रखनेको फिर सन्धि हुयौ। किन्तु उत्तर-मोरोक्को में इटली सरकार बनादोर-कम्पनीको दिये हुए दक्षिण ४थे अब्दुल अज़ोज़के समय अराजकता बहुत बढ़ प्रान्तका प्रबन्ध फिर करने लगी और जजोबारके गयो थो। सन् १९०६ ई के जनवरी-अप्रेल मास मुलतानको २१६००००० रुपया दे उसका पट्टा अल्जौसिरसमें सुलतान्के कहनेसे मोरोक्कोका सुप्रबन्ध मोल ले लिया। सेन, १८८४ ई० को सन्धिके अनुसार करनेको कोई कन्फसन्म बैठी। सन् १८०७ ई में वृटिश सोमाली देशको जो सोमा बधी थी, वह सन् फान्सने सेनाके बल उदजे नगर और कसाबाझे बन्दर- १८८७ ई० में फिर ठीक को गयो। उसी वर्ष फ्रानस गाहपर अधिकार पाया था। ने भी अबसोनियाके सम्राटसे सन्धिकर अपने सोमाली पहले त्रिपोलीमें तुर्की राज्य रहा। फान्सके दशको सीमा बाँधी। सन् १८०० ई०के जुलाई और सहारमें फैलनेपर उसने उपद्रव मचाया था। किन्तु सन् १८०१ ई० के नवम्बर मास जो सन्धि हुई, उससे इटलौ अपना वहां प्रभाव फैलाने चाहता रहा।