पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/१०७

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- १०८ करेला-करोटन लता क्षुद्र होती है। इसके पत्र नोकदार और पांच । बड़ी गुटिका या कोटेदार मुद्राके मध्य पड़ता है। भागमें विभक्त रहते हैं। फल सम्वा तथा गुजौ ३ अग्निकोडावियेष, एक श्रोतशबाजी। बारवेज देखो। जैसा पाता और अपनी त्वक् पर छोटा-बड़ा दाना | करेली (हिं. स्त्री० ) क्षुद्र कारवेल, छोटा करेला। लाता है। करेलेको तरकारी बहुत अच्छी होती है। इसका फल प्रतिक्षुद्र और वाट होता है। यह कच्चे आमका कुचला और मसाला भर तेलमें करवर (सं. पु. ) कोयते क्षिप्यते पाषाणः कषिभिः पकाया जाता है। भली भांति भूजा करेला कई रिति यावत् करस्तस्मिन् वियते उत्पथवे, करे-व-प्रचा दिन तक नहीं बिगड़ता। इसका छोलन भी तेलमें सिल्हक, लोबान्। तलकर खाते हैं। करेलेका पचार बाजार में बिका | करैत (हिं. पु.) सर्प विशेष, एक सांप। यह करता है। इसे ग्रोम और वर्षा ऋतुम बोते हैं। काला और जहरीला होता है। ग्रोम ऋतुका करेला फाला न मास क्यारियों में लगाया | करैल (हि. स्त्री० ) १ मृत्तिकाविशेष, कचिला महो। जाता है। इसकी लता भूमि पर फैन पड़ती और यह काली होती है। पोम ऋतु, तडागका जल तीन-चार मास चलती है। फल पोला निकलता मुखने पर करेल निकलती है। यह अपनी कठोर- और कलौंजो बनानमें लगता है। वर्षा ऋतुका ताके लिये प्रसिद्ध है। इसकी दीवार बहुत मवाबूत करेला किसी पेड़ या लकड़ीके ठाट पर चढ़ाया जाता वनती है। पानी में घोलनेसे करेत लपलसानेसे है। यह कई वर्ष तक फूला फला करता है। फत लगती है। यह थिर मलनेके भी काम पाती है। सूक्ष्म एवं भरा रहता है। जङ्गली करेलेका नाम कुम्हार इसे चाक पर चढ़ा खिलौने वगैरह तैयार करेली है। करते हैं। २ भूमिविशेष, एक ज़मीन् । इसकी इसका प्रशारेजी वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका चार मिट्टो कालो और चिकनी रहती है। या भूमि मालव नथिया ( Momordica Charantia) है। इसे बंग देशमें अधिक देख पड़ती है। (पु.) ३ करोर, चामें करता, उड़ियामें करेन, आसामीमें ककरत, वासका अंखुवा। पनावी में करिना, सिन्धौम करेती, मराठी, कारला, करला (हिं. पु. ) कारवेश, करेला। मारवाडोम कारली, गुजरातीमें करेलु, तामिल में | करेली (हिं० स्त्री०) क्षुद्र कारवेश, छोटा करना। पावकारिदि, तेलगुमें तेलकाकर, कनाड़ीमें काग करैली (हिं. स्त्री०) करिला महो। पलकाइ, मलयमें कामक, ब्रोम केहिनगाविन, | करोट (सं० पु.) के मस्तके रोटते दोप्यते, क-रुट- सिंहलीम करविन और परबीमें किसाउलवरी करते पच् । शिरोस्थि, मत्थे को हड्डी, खोपड़ा। (Cranium) हैं। यह समय भारतमें लगाया और मलय, चीन करोट (हिं. स्त्री०) करवट, दाइने या बायें हाथ के तथा अफरीकामें भी पाया जाता है। करेला नामा बल लेटनेकीहालत। प्रकारका होता है। इसे फरवरी-मार्च मास उत्तम करोटक (सं० पु.) सविशेष, एक सांप। भूमिमें बोना चाहिये। क्यारियों और उनमें बोये करोटन (अं० पु० = Croton ) वृक्ष जातिविशेष, जानेवाले वोजीके बीच दो-दो फोटका अन्तर रहता पौदेकी एक किम। यह गुल्मवत् (झाड़दार ) होता है। पहले से प्रति सप्ताह दो बार सोचते हैं। है। दश पार्द्र और रस कटु दुग्धवत् निकलता है। बता फैल पड़ने पर सप्ताहमें एक ही बार पानी देना किसी किसी करोटनमें कण्टक भी रहते हैं। यह पड़ता है। १८७७-७८ ई०को दुर्भिधक समय तुप पनेक प्रकारके देखे जाते है। प्रत्ले के करीटनमें खानदेश जिले के लोगोंने करले की प्रतियां चबा जीवन मनरी पाती है। फरमें वोज राते हैं। परहादि इसी श्रेणीके रोटनका तस और प्रया धारण किया था। शारकी गुटिका । या दोघं रहता और माता भौषधमें अपात होता है। 1