पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/१७०

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कर्मविशेष-कमसिद्धि १०१ वत्सर वायसयोनि और शुकयोनिमें रह मनुष्यजन्म होने । कम सचिव (सं०४०) कर्मम सचिवः सहायः। कार्यमें से प्रदर रोगको यन्त्रणा उठाती है। (शतालपीय कर्मविपाक) साहाय्य देनेवाला, जो काममें मदद पहुंचाता हो। कर्मविशेष (सं• पु.) कर्मणो विशेषः पन्यस्मात् | कम सन्यास (पु.) कर्मणः स्वरूपतः फलतो पार्थक्यम्. ६-तत्। साधारण कार्यसे विभिन्न कार्य, वा सवनासत्यागः, ६-तत्। १ कर्मत्याग, काम छोड़ मामूली कामसे निराला काम। बैठने की हालत २ कर्म फलत्याग, कामका नतीजा कर्मवीज (सं• ली.) कर्मयो वीनं मूलकारणम्, न देखनेको हालत। ६-तत्। कर्मका मूल कारण, कामका असली सबब । कम सन्यासिक (सं० पु०) कर्मणां सन्यासोऽस्त्यस्य, कर्मव्यतिहार (सं० पु.) कर्मणा व्यतिहारः, ३ तत् । कर्मन्-सन्यास-उन् । प्रवन्यायुक्त भिक्षुक, दुनयावी परस्पर एक जातीय कार्य करनेको स्थिति, जिस काम न करनेवाला फकीर। हालतमें एक ही तरहका काम साथ-साथ करें। कम सन्यासी (सं० पु०) कम सन्यासोऽत्यस्य, कमन्- कर्मशाला (सं० स्त्री०) कर्मणः शिल्पादेः शाला, -सन्यास-नि। १ यथा-विधान कम व्यागी भिक्षुक, इतत्। शिल्यादि कार्य का ग्रह, कारखाना। कायदेसे दुनयावी काम छोड़नेवाला फकीर । २ कर्म- कर्मशील (सं० वि०) कर्मशीलं कर्मकरणरूपस्वभावो फलत्यागो, कामका नतीजा न देखनेवाला। यस्थ, बहुव्री. कर्मशीलयति वा। १ कर्म करनेके हो | कमसमाधि (सं० को०) कर्मण: समाधिः परि- स्वभाववाला, नो नतीजको पोर न देख दिलसे काम समाप्तिः। १ कर्म का शेष, काम का प्रखोर । २ मुक्ति, करता हो। २ उद्योगी, कोशिश करनेवाला। छुटकारा कर्मशचि (सं० वि०) कर्मसु शचिः, ७ तत् । पवित्र- कर्म सम्भव (सं.वि.) कर्मणः सम्भव उत्पत्तिर्यस्ख, .. कर्मा, साफ काम करनेवाला । बहुव्री.। १ कम जात, कामसे निकला हुवा। (पु.) कशुद्ध (सं. स्त्री०) कम सु शखः, ७-तत्। पवित्र २ कर्म की उत्पत्ति, कामका निकास । कर्मा, साफ काम करनेवाला। कर्मसाची (सं० पु.) कर्मणां साची प्रत्यक्षकारी, कमशूर (स० वि०) कमणि शूरः दधः। १ कार्य-तत्। १ कर्मको प्रत्यक्ष करनेवाला सूर्य, आफताब । कारक, मेहनती, मुस्खेदोके साथ काम करनेवाला। २ चन्द्र, चांद। ३ यम। ४ काल। ५ पृथिवी, २ कार्यदक्ष, होशियार, कागोगर। जमीन। ६ जन्त, पानी। ७ तेजः, आग। ८ वायु, कर्म शौच (सं.ली.) कर्मसु शौचं दोषहीनता । हवा। भावाथ, भासमान।. कर्म विषयमें निर्दोषता, कामकी सफाई। "सूर्यः मोमो यमो कालो महाभूतानि पञ्च च । कम श्रेष्ठ (सं० पु.) १ पुलइके पुत्रविशेष। इनकी एते गुमायमस्नेह वम यो नव साक्षिण: "(दिक क्रियापद्धवि) माताका नाम गति था। (भागवत ) सूर्य, सोम, यम, काल और पश्च महाभूत शुभाशुभ कमध (स' क्लो) कम शुभकर्म स्थति नाशयति, कम के साक्षी हैं। कम -मो.क निपातनात् षत्वम् । कल्मष, पाप, गुनाह। कम साधक (सं० वि०) कम साधयति निष्पादयति, कमस (सं० पु०) पुलइके एक पुत्र । इनकी कम-साध-खुल् । कार्यनिष्पादक, काम बनानेवाला। माताका नाम क्षमा था . कर्म साधन (सं० ली.) कम यः साधनं सम्पादनम्, कम सङ्ग (स'• पु० ) कर्मणि सङ्ग प्रासक्तिः, कमन् ६.तत् । १. कार्यको सिदि, कामकी तकमील । मन्ज-धज । कम में आसति, काममें लगे रहनेकी २ यज्ञादिके लिये आवश्यक द्रव्य, किसी मजहबी कासको ज़रूरी चीज़। कम संग्रा (सं• पु.) कर्मणः संग्रहः, ६-तत्। कम कम सिद्धि (स• स्त्री० ). कर्मणः सिद्धिः, ६-तत् । समुदाय, कामकाजमा कर्म के इष्ट वा पनिष्ठ फरकी प्राप्ति, कामयाबी। . हालत। .