पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/१९९

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मानौके धर्मका मूलमन्त्र । २०० कलमक-कलस्बियन खोदनेका यन्त्रविशेष, हरफ खोदनेका एक औजार । कलमा (भ.पु.) १ वाक्य, जुमच्चा। २ मुसल- इससे मुहर बनती है। १३ काटने, खोदने और नक्काशी करनेका यन्त्रमात्र या कोई औजार। कलमास (हिं०) कत्माप देखो। कलमक, कलम देखो। कलमी (हिं.) कलम्बी देखो। कलमकार (फा• पु.) १ चित्रकार, सुसब्बर। यह | कलमी (फा० वि०) १ लिखित, चिखा दुवा । कलमसे तसवीर में रंग भरता है। लेखनीसे कारकार्य २ कलमसे पैदा, जो डाल काट कर लगाने से उपजा करनेवाला, जो कलमसे कोयौ दस्तकारी करता हो। ३ कलम या रवा रखनेवाला। ३ वस्त्रविशेष, एक बाफता कपड़ा। इसमें तरह कलमी शोरा (हिं० पु०) रवेदार भोरा। कचमी गोरा तरहके वेल बूटे रहते हैं। भिगो देने और मैच उतार लेनियर जमाकर बनाया कलमका (फा० स्त्री०) लेखनीका कारकार्य, जाता है। यह मामूली भोरेसे अच्छा रहता है। कलमकी कारीगरी। कलमुहां (हिं० वि०) काले मुंहवाला।२ कलहित, कलमकीसी (हिं. स्त्री० ) मनयुद्धकौशलविशेष, बदनाम। कुस्तीका एक पेंच। इसमें खेलाड़ी अपने दाइने | कलमोत्तम (स'• पु०) कलमेभ्यः कन्नमेषु वा उत्तमः। हाथका पञ्चा दूसरेके बायें पलेसे फंसाता और अपना सुगन्धशालि, एक खुशबूदार धान । दाहना हाथ खींच उसका बायां हाथ अपनी गरदन कलमोत्तमा (सं० स्त्री० ) कलनोत्तन देखी। पर लाता है। फिर खेलाड़ी अपनी दाइनी कोहिनी कलम्ब (सं• पु०) कल्यते शिष्यते यत् प्रति, कल- उसकी बायौं कलाई पर पहुंचा और नीचेको अम्बन्। १ घर, तोर। २ शाकनालिका, मनोका दबा उसे चित मारता है। डण्ठल। ३ कदम्ब वृक्ष, कदमका पेड़। ४ सपंप, कलम (फापु.) किसी किस्मका प्रहर। यह सरसों। ५ धाराकदम्ब, इलटूर कलम्ब (Colombo) सिंहलका एक जनाको नगर । बलचिस्तानमें अधिक उत्पन होता है। कलमख (हिं०) कव्यय देखो। यह आजकल सिंहलको राजधानी है। सिंहवासि योंके प्राचीन पुस्तकमें इसका नाम 'कूचम् (समुद्रतट) कचमतराश (फा० पु.) १ कलम बनानेका चाकू, लिखा है। १५.५ ई०को पहले यहां पोतंगीज तेज छुरी। २ अरहरको खूटी। यह कहारों और हाथीबानीको बोली है। आये थे। फिर १७९६ ई०को अङ्करेनों ने इसे अधि- कार किया। कलवमें मावार उपसागरके निकट कलमदान (फा० पु०) सम्मुटविशेष, कलम वगैरह हिन्दुवोंके बहुत से देवमन्दिर बने हैं। रखनेका एक छोटा सन्दूक । यह पतला और लखा कलखक (सं०) बलम्ब देखो। होता है। इसमें कलम, दवात, चाकू वगैरह रखनेको कलम्बकुनक (सं० लो० ) एक तीर्थ । (अनौवतन्त्र) खाने बने रहते हैं। कसम्बशालि (सं• पु.) शालिधान्यविशेष, बड़ान। कलमना (हिं. क्रि०) कलम काटना, टुकड़े उड़ाना। कलम्विक (सं० पु.) पषिविशेष, एक चिड़िया। कलमरिया (पोतं. स्त्री० ) वायुके प्रवाहका प्रतिबन्भ, कलम्बिका (सं० स्त्रो.) कलम्ब टाप् प्रत इत्वम् । हवाका रुकाव १ कलम्बोशाक, करमू। कलम्बीव कायवे प्रकायते, कसमलना (हिं० कि०) सङ्गुचित स्थान पज इत कसम्बो के-क-टाय् इत्वा पृषोदरादित्वात् इवः । स्ततः हिसाना डुसांना, कुशबुलामा। २ ग्रोवापञ्चाबाड़ी, गरदनकी पिछली रग। इसका कलमलाना, कलमलना देखी। अपर संस्क त नाम मन्या है। कलमा (सं० स्त्री०) शासिधान्य, एक धान ! कलम्बियन (० पु.) मुद्रपयनविशेष, शपको.