पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/३०१

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काकनम्बर तया काकल-काकखर काकना (सं० लो०) ईषत् कलो यस्मात्, कोः कादेशः। लगानेवाची कोयल । कर्मधा। २ सूचा और मधुर १ कण्डमणि, गलेका जौहर। (पु.) का इत्येवं अस्फुट ध्वनि, मोठी मोठी पावाज़ । कलो यस्य बहुव्री०। २ द्रोपकाक, जङ्गली, पहाड़ो काकवत् (संपव्य०) काकको भांति, कौवेकी तरह। या काला कौवा। यह 'का का करता है। काकवणं (सं० पु.) मुनिकवंशीय एक गजा। यह काकलक (स' पु०.) काकल-कए। १ कण्डमणि, शिशुनागके पुत्र थे। (विष्णुपुराप ४ ॥ २४॥२) गलेका जौहर। २ कण्डका उक्त देश, सांस लेने काकवतंक (सं० पु.) वायस तथा वर्तक, कौवा वाली नली (इलकूम, नरकसी) का सिरा ।३ षष्टिक भौर वटेर। धान्य विशेष, साठीधान। काकवर्मा (स.पु०) नेपाल के एक सोमवंगणेय राजा । काकस्ति (सं० स्त्री.) कन्न-इन् कत्तिः, कुईषत् कलिः इनके पिताका नाम-मनाया। कोः कादेशः। १ सूक्ष्म मधुरास्पा टध्वनि, समझने | काकवासभा (स' स्त्री०) काकस्य वलमा प्रिया । न पानवाली बारीक मोठी पावाज । कौवेको प्रच्छी लगनेवाला वनजामुन । ."देवी काकलिगीतस्य तदीपा निनदस्य च ।" (कघासरित्सागर) काकवल्लरी (सं० स्त्री.) काकप्रिया वन्नरो, मध्य. २ अप्सरी विशेष, एक परी। पदलो। १ स्वर्णवली, एक सुनहन्दी वैन । २ पोत- काकली (सं० स्त्री०) काकलि-डीए । १ सूक्ष्म काठन, पीले फूल का कचनार। मधुर अस्फुट ध्वनि, समझ न पड़नेवाली वारीक मोठी काकविष्ठा (स. स्त्री० ) काकमल, कौवेका मैना। आवान । “श्रीइनकोकिलकाकलीकलकलैकदगोकर्णज्वराः।" काकन्ता (सं. स्त्रो.) रक्त कुलत्यक, सान्न करयो। (उत्तरचरित, २५०) काकव्याघ्रगोमायुः (सं० पु.) वायस, व्याध २ यन्त्र विशेष, एक वाना। इसका स्वर नीचा शृगाल, कौवा, वाघ और गोदड़। रहता है। काकली बनानेसे मालूम पड़ता है कि कौन | काकथब्द (म० पु. ) काकरव, कौवेको बोली। निद्रामें अचेतन रहता और कौन जगता है। हिन्दीमें | काकशाति (स'• पु०) राणा शानिधान्य, किसी सेंधकी सबरी, साठी धान और इंधचीकोभी काकली किस्मका धान। काकथिवी (सं.स्त्री.) काकप्रिया चिम्बी, मध्य- कहते हैं। २ रत्नविशेष, एक जवाहर । काकलीक (सं. पु०-को०) अस्फुट मधुरध्वनि, पदचो०। १ काकतुण्डो, कौवा ठोटी। २ गुप्ता, मीठी मीठी पावाज। लाच धुंधची। काकत्तौद्राक्षा (सं. स्त्री.) काकलीव सूमा ट्राचा, काकशोर्ष (सं०४०) काकः यो प्रग्रेऽस्य, बहुव्री । मध्यपदलो० । द्राक्षाविशेष, किशमिश । वकवच, अगस्तका पेड़। काकमादी (स.यु.) १ प्रशभलक्षणाख, ऐयो घोड़ा। संसात पर्याय जम्बूका, फलोत्तमा, पदाचा २ माम्नेय। निर्वाजा, सुबत्ता और रसाधिका है। राजनिघण्ट के मसमें काकलोद्राक्षा मधुर, अम्ल, रसाल, रुचिकारक, काकसेन (हिं. पु.) कार्यनिरीक्षक विशेष, जहाजके शोतल, खास तथा हलासनाशक और जनसमूहको | मजदूरोंकी निगरानी करनेवाला एक जमादार। यह अंगरेजीके 'कासवेन' शब्दका अपग है। प्रिया है। किशमिम देखो। काकलीनिषाद (सं० पु.) विक्षत स्वर विशेष, एक | काकनी (स. स्त्री. ) वाकव स्त्रीव नामसादृश्यात्। पावाल। यह कुमुहती अतिमे चखता है। काकली वकपुष्पच, भगत फूलका पेड़। निषादमें चार अति गाते हैं। काकस्फज (सं. पु.) काक-स्फूर्ज-धन काकतिन्दुक काकलीरव (सं० पु०.) काकाली मधुराम टो रवोच, एक पेड़। यन, बहुव्री।। १ . कोविच, ..मोठी मोठी पावाज़ काकवर (सं०१०) काकन इव खरो यन, बहुबौ० । इसका कांकविन्दुम देखो।