पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/३१२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

कागन ३१३ । सन, रेशमादिके कागजके कारखाने खूब ही खुले धे। कागजोंम जैसी पानीको चकोरेंसी रहती हैं। पहिले नमनके नुरेंवर्गनगर, ई० १३७० में और इङ्गलैंडमें विलायतके सब ही कागजोंमें वैसो पानीकी लकीरें हार्टफोर्डसायरके टेभेनेज नगरमें सबसे पहिले रहा करती थी। यह चिन्ह भित्र भित्र व्यवसायियोंका कागजके कारखाने स्थापित हुए थे। इन्हीं लोगोंने भिन्न भिन्न प्रकारका होता था। हिसाबमें वा दलील कुछ पहिले वस्कोरमाइल कागज ढालनेका बुना हुपा आदिमें जाल तो नहीं किया गया-इसकी परीक्षा सांचा बनाया था। इसी सांचेको व्यवहार करते करते उसी जलीय चिह्न हारा हुआ करती थी। पहिले फरासियोंने इसको और भी उति की और इसके जमानमें सबसे पुराना जलीय चिह्न, मडास नगरमें नतीजे में उन्ही सांचौमें उस समय "वेलम्" (Vellum) जो कागज बनता था; उसमें हाथका पंजा होता था, कागज बनते थे। इसी समयमै सन, रेशमादि उवाल इस पंजेके बीचको अंगुलीसे एक तारकाविशिष्ट कर कूटनेके लिए कैंची और कूटनी-कल इङ्गलैंडमें थनाका वाहिर होती थी। इस कागज पर तब वनी थी। ई० १७६८ में फांसमें मुझोंडिडोने सद साधारण पत्र व्यवहारका काम चन्चमा था। भिनसके प्रकारके तन्तुसे ही कागज बनानेको तरकोव एक अजायबघरमें ऐसे कागज पर लिखी हुई एक निकानी थी। मुसोंडिडान इस तरकीवका ई० चिट्ठी मोजद है, यह चिट्ठी २० जुलाई १५०२ ईखोमें १८०१में इलैंडमें प्रचार किया। ई० १८०४में इंगलैंडके राजा सप्तम हेनर फासिस्को कैपेलोशेने फानियार कम्पनीको इसका कंक मिला; लिखी थी। यह पन्ना-मार्ग कागज "हाथ कागज" इस कम्पनीके सिवा दूसरा कोई ऐसा कागज नहीं ( Hand-paper ) कहाता था। और एक प्रकारके बना पाता था। पाखिग्में दूसरनि इनसे भी उत्तमोत्तम चिट्ठीके कागज (. Note-paper )में उस समय सराबके कल-कारखाने खोले; जिससे इस कम्पनीको घाटा ग्वासका चिन्ह रहता था; पर फिर इसको बदल कर पड़ा। रूषियाके राजकोषष्ठे तब इसने १ लाखसे ढालके ऊपर राजचिन्ह ( Boyal arms ) रक्खा गया। कुछ अधिक कर्ज लिया था। ७५ वर्षको उमरमें डाकघरके कागज (Post paper )में उस समयके फुट्टि नियार नामक एक कर्मचारी अपनो एकमात्र डाकियाका 'पिंगा' और ढालके पर राजमुकुटका कन्याको साथ लेकर यह रुपये वसूल करने के लिए चिन्ह रहता था। नकल करनेके कागज (copy paper) इङ्गलेंड आये। ऐसी दशा में लोगोंने ब्रिटिश गवर्नमेंट में फरासी जातीय पुष्पका चिन्ह रहता था। डमी से यह पावेदन किया कि, जब यह कम्पनी चाल थी; कागजमें फरासी-पुष्प और टालके जपर राजमुकुटका, तब इससे गवर्ण मंटको करोव ५ लाख रुपयको भाम रायल कागजमें टेढ़ा भायां हाथका भोर कैप ( cap) दनी थी, इस लिये इस समय सरकारको कुछ दया कागजमें घुड़सवारको टापी (jokey cap ) की भांति करनी चाहिये। पार्लियामेंटमें इस आवेदन पर काई वस्तुका चिन्ह रहता था। इस कैप कागज पर विचार किया गया कि सरकारको तरफसे सिर्फ सेक्सपीयरकी ग्रंथावली सबसे पहिले छपी थी। ७... पाठंड दिया जा सकता है। यह सुन वार आर्कियलजियाके मतमे, १६६८ सालमें पुलिस्केप अन्यान्य कागजवाले चंदा करके और भी कुछ रुपये कागज चला था प्रथम चालसने अपना खजाना खाली देनको तैयार हुए परन्तु इसी बीचमें उक्त कम्पनीके देख कर कुछ व्यवसायियों को इस फुलिस्कोप कागजका मालिकोंके एकमात्र वंशधर ८८ वर्षको उमरमें कंट्टाक दे दिया था। सरकारी कामों में यही कागज इहलोक त्याग गये। इनकी दो कन्याओं को, बहुत लगता था। पहिले इस कागज में राजचिन्ह रहता कोशिश करने पर ; राजकोषसे थोड़ी बहुत मासिक था; परन्तु कमोवेलकै राजत्वम इसके स्थानमें हत्ति मिलने लगी। "गधेगी टापौ" (Foolscap) और एक घंटेका चिन्ह अाजकल चिट्टीक कागजों में और फुलिस्कोप . रखा गया। फिर जब राज्यका शासन भार रैम्प Vol. IV. 79 3