पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/४६७

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- कामरूप- -कामल सब लोग खाते हैं। उत्सवादिमें उसोको भोजन किसी समय कामरूप प्रदेश इन्द्रजानकी विद्याके बनाना पड़ता है। अन्य स्थल पर बोका और मुलायम लिये प्रसिद्ध था। अनेक स्त्रियाँ इन्द्रलाल सोखती दो प्रकारका चावल जलमें भिगा दधि, गुड़, कदली थी। किन्तु पाज कन अंगरेजी सभ्यतामें कामरुपको प्रभृति मिना साधारणतः निमन्त्रणादिमे खाया जाता वह प्राचीन विद्या विलुप्त है। पान खानकी चाल बहुत है। प्राचीन कामरूप वा वर्तमान पामामराज्यके पन्धान्ध शासव्य विवरकि चैत्र, पाखिन और पौषको संक्रान्ति कामरूपियोंके 994 Hunter's Statistical Account of Assam, 2 vols ; Dalton's Ethnologs of Bengal ; M'cosb's Topography प्रधान उत्सवका दिन है। उक्त तीनों परूको विहु of Agsam ; Robinson's Assam; ML, Martin's Eastern कहते हैं। उक्त पनि पिताको प्रणाम करते और India, rol. III ; Journal of the Asiatic Society of Bengal, vol. XLI., XLII, Gait's Assam gefa ya gt आत्मीय कुटुम्बादिसे मिलते हैं। फिर महा प्राडम्बरके साथ पानभोजनादि होता है। चैत्रकी संक्रान्तिको | कामरूपत्व (स क्लो० ) सिइिविशेष, एक बरकत । सात दिन किसी प्रकाश्य स्थल पर स्त्रीपुरुष मिल जैनशास्त्रके अनुसार यह कामादिसे निरपेक्ष रहने, नाचते-गाते हैं। उक्त नृत्यगीतमें अश्वाव्य प्रवाच्य मन्वसिद्धि करने पर या किसी देवकै प्रसव होने अश्लील गीत और अङ्गभङ्गी प्रदर्शित की जाती है पर मिन्नता है। इससे साधक मनमाना रूप बना. दुर्गोत्सव, होलिका, जन्माष्टमी पौर शङ्कर-माधवके सकता है। मृताहको तिथिको साधारण पर्व मानते हैं। कामरूपधर (सं० वि० ) कामं यथेच्छ रूपं घरति- कामरूप जिलेके दक्षिण प्रान्त में किसी स्थान पर धारयति, काम-रूप--अच। इच्छानुसार विविधरूप- प्रस्तरनिर्मित एक गृह है। प्रवादानुसार चांद धारक, मनमानी सूरत बना लेनेवाला। सौदागरने उसे अपने लक्ष्मीन्द्र पुत्रके रहने के लिये | कामरूपपति (सं० पु०) 'शारदातिनक' नामक तंत्रके लोहेसे बनाया था। यह बात बहुत लोगोंको मातम टीकाकार । है बेहुलाके कौशल और नेता धोपानीको कपासे | कामरूपिणी (सं० स्त्री.) काम मनाचं रूपं प्रस्त्वस्था, लक्ष्मीन्द्र कैसे जी उठे थे। धुबडीके निकट "नेता काम-रूप-इनि-डी । अखगन्धा, धोपानीका घाट" नामक एक घाट अभी वर्तमान है। २ सुन्दरी, खूबसूरत पौरत।३ इच्छानुसार विविधरूप किन्तु आज कल उसकी भग्नावस्था है। चांद सौदागर धारण करनेवाली, जो मनमानी सूरत बना लेती हो। एक विख्यात वणिक् थे। कामरूपी (सं• पु.) कामं कमनीयं रूपं अस्यास्ति, काम-रूप-इनि। १ विद्याधर । २ जाहक जन्तु, तेजपुरके निकट दूसरे भी कई प्रस्तर-गृहोंके भग्नावशेष है। प्रवादानुसार वह वाणराजको कन्या खेखर, एक जानवर। ३ शूकर, सूवर । (कि) ४ इच्छा. उषाके प्रासाद हैं। फिर नौगांवके चंपानला पर्वतपर नुसार विविधरूपधारी, मनमानी सूरत बना लेनेवाला। "सर्वमाय विच सव्यं हरिमिः कामपिमिः।" (रामायण) कई प्रस्तरासादोंका भग्नावशेष है। कहते हैं वह महाभारतात हंसध्वनके प्रासादका भग्नावशेष है कामरूपोद्भवा (सं० स्त्री०) कृष्णकस्तूरी, काला मुश्क । डीमापुर में वैसे ही भग्नावशेष महाभारतोक्त हिडिम्बा कामरेखा (सं० स्त्री.) कामानां कामयापाराणां नन्दन घटोत्कचको राजधानीका भग्नावशेष माने जाते .रेखा चिई लक्ष्य वा यन्त्र, वहुव्री.। वेश्या, रण्डी, छिनान। हैं। ग्वालपाड़ेके हवड़ाघाट परगने में "श्रीसूर्यपर्वत" नामका एक पहाड़ है। वहां एक गोलाकार वृहत् कामल (सं० पु.) कम णिच-कलच्। १ रोगविशेष, स्तरखण्ड पर घड़ीके निशानको तरह कई रेखा है। कंवलवाई। किसी किसीके अनुमानसे एक समय वहां मानमन्दिर २. वसन्तकाल, मौसम-बहार । ३ मरुदेश, रेगस्तान । (वि०) ४ कामुक, चाइनेवाला। असगंध। कामला देखो।