पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/४७३

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जगह। ४७४ कामास श-कामारि कामाखुश (सं० पु०) कामे कामाहोपने अद्भुश इव । कामाधिष्ठित (सं० त्रि.) कामेन भधिष्ठितम, ३-तत् । १ नख, नाखून । २ शिश्न, उपस्थ । (वि०) ३ काम १ कन्दपं द्वारा अधिकृत, प्यारसे जीता दुवा । (को०) शान्तिकारक, खाहिशको ठण्डा करनेवाला। भावे त। २ कामाधिष्ठान, खाहिश या प्यारको कामाङ्ग (सं० पु०) कामं कामाहोपर्क अङ्ग मुकुल यस्य, बहुत्री। १महाराजचत, एक बड़ा प्राम। कामानल (सं० पु०) काम एव अनलः, काम पनल २ आम्रवक्ष, आमका पड़ । ३ श्येनपच्ची, बाज इव वा। १ कामरूप अग्नि, खाथिको भाग। चिड़िया। २ कामकी तीव्र यातना, प्यारका गहरा दद। कामाङ्गनायकरस (सं० पु०) बाजीकरणौषध विशेष, कामानशन (सं० लो०) कामं अनशनं यत्र, बहुव्री० । ताकतको एक दवा। शुद्ध पारिके बराबर गन्धक डाल १५च्छापूर्वक अनाहार तपस्या। २ रागद्देषादि- रक्त उत्पलके ट्रवसे एक प्रहर घोंटते हैं। फिर पहलेसे रहित इन्द्रियगण द्वारा विषयका त्याग। आधा गन्धक मिलाने पर यह तैयार होता है। मात्रा | कामानुज (सं० पु.) कामका अनुज, क्रोध, गुस्मा, ढाई रती है। समूल इन्द्रयव, मुषली तथा शर्करा खाशिका छोटा भाई। बराबर कूट पीस चूर्ण बनाते और इस रसको प्राधे कामान्ध (सं० पु०) कामन कामोद्दीपनेन अन्धयति पल गोदुग्ध एवं उक्ल पूर्ण के साथ खाते हैं। इसके जानशून्यं करोति काम प्रध-णिच-मच्। १ कोकिल, सेवनसे मदनादय होता है। (रसरवाकर ) कोयल। (वि.) कामेन पन्धः। २ कामके वेगसे कामाची (सं० स्त्री०) लघुकाकमाची, छोटी कौवाटोंटी। हिताहितका ज्ञान न रखनेवाला, नो खाहिशके नोधमें कामासा (सं० स्त्रो.)१ बन्दा, बांदा । २काक भलावुरा समझता न हो। माची, कौवाटोंटी। कामान्धा (सं० स्त्री.) कामं यथेष्ट अन्धयति, कामाच- कामातुर (सं० वि०) कामेन पातुरः, ३ तत् । काम टाप् । १ कस्तूरी, मुश्क। (कामिन अन्धा) २ कामके पीड़ित, चाइका मारा हुवा। वैगसे हिताहितका मानन रखनेवाली स्त्री, जो औरत कामात्मज (सं० पु०) कामस्य भामजः पुत्रः, ६-तत् । खाहिशके नोशमें अन्धो पड़ गयी हो। कन्दपके प्रात्मज, अनिरुद्ध । कामामी ( सं. वि. )१ इच्छाभागी, खाहियके कामामता ( सं० स्त्री० ) कामप्रधानः पात्मा यस्य मुताबिक खानेवाला। २ पाहार लाभकर्ता, खाना पानवाला। तस्य भावः, कामात्मन् सल्। १ अनुरागप्रधानचित्तता, जोशदार तबीयत। २ कामाकुलचित्तता, चाहको कामाभिकाम (सं० वि०) कामस्य अभि कामो यस्य, मारी हुयो तबीयत । बहुव्री। कामभोगेच्छु, शहवतपरस्त । कामामा (सं० पु०) कामप्रधान: पामा यस्य. बहुव्री। कामायु (सं० पु.) कामं यथेष्ट पायुर्यस्य, बहुव्रो । १ अनुरागी, चाहनेवाला । कामवशीभूत, प्यारमें पड़ा. १ रन, गोध। २ गरुड़। हुवा। ३ काममय, चाहसे भरा हुआ। ४ फलाभिलाषी, | कामायुध (संपु.) कामस्य भायुधमिव । १ महा. नतीजेका खाहिशमन्द । राजचूत वच, बड़े प्रामका एक पेड़। (को०) कामाधिकार (सं० पु.) कामस्य अधिकारः, ६-तत्। २शिन, उपस्थ । १ कामरिपुका अधिकार, खाहिशका दौरदौरा। कामारण्य (सं० ली.) कामं शोभनं परण्यम्, कर्मधा। २ मानवाभिलाष सम्बन्धीय शास्त्रका एक भाग मनोहर वन, खुबसूरत जङ्गल। २ कन्दर्पवन, काम- कामाधिष्ठान (सं• क्लो०) कामस्य अधिष्ठान स्थानम्, देवका बाग़। कामरथी (हि.) कामार्थो देखो। इ-तत् । कामका स्थान अर्थात् मन, खाशके रहनेको जगा यानी दिला कामारि (स.पु.) कामस परिः शनः तत् ।