पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/५१७

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प्राढ़त है। कारकविभक्ति-कारण प्रतिमूर्ति गुमटा' कहाती है। स्थानीय क्षुद्र पर्वत । । १ क्रियाजात, फेससे पैदा। (करनात् भवः प्रायः३० हाथ.चा होगा। इसी पर्वतपर गोमट करजस्व इदं वा, करज-अण) २ नखजात, नाखूनसे स्थापित हैं। यह भूर्ति १३४८ शककी बनी थी। निकला हुवा। ३.नखसम्बन्धोय, नाखून के मुतालिक । जैनौक, अन्यान्य मन्दिर भी इसी पर्वत पर बने हैं। (पु.) ४ गजशावक, वचा हाथी: इस नगर में एक प्रकाण्ड पर्वतखण्ड है। उसका तलदेश कारन (बि) कार्य देखो। प्रशस्त है। अचं दिक्को पर्वतखण्ड क्रमशः सूक्ष्म कारन (सं० वि०) करनस्य इदम्, करन-मण् । १ करण्जफन्तनात, करौंदेके फलसे निकला। .पड़ गया है। नाम ध्वजस्तम्भ है। हिन्दुवोंके पनन्त- देवका मन्दिर देखने योग्य है। यहां चावलको बड़ी २ करन-सम्बन्धीय, करौंदेसे सरोकार रखनेवाला। कारखतेल (संली.) करतात जातं तैलम्, मध्य- कारकविभक्ति (सं. स्त्री० ) कारकशक्तिशोधिका पदलो०। करञ्जफचजात तैल, करौंदेका तेल। यह विभक्तिः, मध्यपदलो० । कर्मादि कारकबोधक हितोया तीक्ष्ण, लघु, उष्णवोय, कंटुरस, कट पाक, भेदक और प्रभृति विभक्ति। वायु, मामा, मि, कुछ, प्रमेह तथा शिरोरोगनाशक कारकहेतु (सं० पु०) प्रधान कारक, खास सबव । है। ( मुश्त) कारकुचीय (सं. पु.) कारकुचि-छ । १ शाल्वदेश, | कारलसुधा (सं० स्त्रो० ) करतचूर्ण, करौंदेको वुकनी। एक मुखा। यह हिन्दुस्थानके उत्तरपश्चिम हिमालय यह चिप्रद होती है। (वैद्यकनिधए । गिरिकै प्रान्तभागमें अवस्थित है। शास्वदेशवासी। कारटा (हिं. पु.) करट, कौवा । कारकुन (फा० पु.) १ स्थानापन्न, एवजी। २ प्रवन्ध- कारटन (पु. Cartoon ) हास्योत्पादक चित्र, कर्ता, कारिंदा। इंसीकी तसवीर। यह कल्पित एवं उपहासपूर्ण कारखाना ( फा• पु०) १ कार्यालय, कामको जगह। रहता पौर गूढ़ रहस्य प्रकट करता है। २व्यवसाय, धन्धा। ३हश्य, तमाथा। ४ व्यापार, कारड (पु. Card) १ पत्र, चिट्ठी, कागज । काम। २ क्रीडापन, नाय । कारगर ( फा० वि० ) १ लाभकारक, सुफीद। कारण (सं० पु०-को) कार्यते भनेन, कपिणन्व्-त्युट् । २ प्रभावोत्पादक, असर डालनेवाला। १ हेतु, सव। जिसके व्यतीत कार्य निष्पन्न नहों कारगुजार (फा० वि०) कर्तव्य पूरा करनेवाला, जो होता, उसोका नाम कारण है। उसका संस्कृत कामको अच्छी तरह करता हो। पर्याय-हेतु, पोज, निमित्त और प्रत्यय कारगुजारी ( फा• स्त्री.) १ कतव्यपालन, कामको कार्यके अव्यवहित पूर्वक्षण कार्याधिकरणमैं जिस अच्छी तरह करने की हालत । २ पाटप, होशियारो। वस्तुका प्रभाव उपलब्धि नहीं पाता, वही वस्तु अन्यथा ३५ यता, काम करनेकी पादत । सिटिशून्य शेनेसे कारण कहाता है। अन्यथासिद्धि देखो। कारोब (फा पु०) १ अन्डा, लकड़ीका कोई चौखटा। उदाहरण घटके प्रति मृत्तिका है। नैयायिकोंने इस पर वस्त्र तान जरदोजी या कसौदा बनाते हैं। समवायो, असमवायो और निमित्त भेदसे कारणक २ ज़रदोज़, कसीदेका काम बनानेवाला । ३ कसोदा तीन प्रकार विभाग किये हैं। कार्य जिससे समवेत या गुलकारी। यह जरीके तारोंसे लकड़ीके चौखटे हो निकला करता, उसका नाम समवायों कारण पर निकाला जाता है पड़ता है। जिस प्रकार वस्त्र के प्रति तन्तु है। कारचौबी (फा. स्त्री०) १ जरदोजी, कसीदा, गुल समवायो कारणले समवेत. कारणको पसमवायी और कारी। (वि.) २ कसौदेके मुतालिक । Sa कारणवयसे भिन्न कारणको निमित्त कारण कारज (सं० वि०) कारात् क्रियातो जायते, कार-जन कहते हैं। जैसे वस्त्र के प्रति सन्तुवाय होते हैं।.... -