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पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/५६९

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८ दण्डके पीछे ४ दण्ड जाती है। कालयुक्ता-काललवण कालयुक्त ( स० पु.) कालेन युक्तः, ३-तत् । १ प्रभवादि वारको वतीय भाग अर्थात् षष्टि संवत्सरों के अन्तर्गत ५२वां संवत्सर। (वि.) और शनिवारको प्रथम एवं शेष भाग पर्थात् प्रथम २ अपरिवर्तनीय कालनियमयुक्ता, वक्तके कायदेसे ४ दण्ड और शेषको ४. दण्ड कालरात्रि होती है। मिला हुवा। ३ मृत्यु युक्त, मौतसे मिला हुवा। वह समुदाय कार्यारम्भमें परित्याज्य है। साधारणतः कालयोग (सं० पु०) कालस्य योगः संयोगः, ६-तत्। रात्रिपरिमाण ३२ दण्ड लगा यह हिसाव लिखा १ समयका सम्बन्ध, वक्त का सिलसिला। गया है। किन्तु रात्रिपरिमाण घटने वढ़नसे भी "महवा कालयोगेन प्रकविं यास्यवेऽर्णयः।" (भारत, धन, १००) प्से भाग कर उक्त नियमानुसार कालरात्रि मानी. २ ज्योतिष-शास्त्रोक्त कालरूप एक योग । कालयोगी (सं० पु०) काल एव योग: अस्यास्ति, "रवी षष्ठ विधो वेदं कुनवार दितीयकम् । कालयोग-नि। शिव । बुधे सप्त गरी पञ्च भगवारे सोधकम् । "कालयोगी महामादः सर्वकामयतुप्पथः।" (भारत, अनु०, १००) शनावाय तथा चान्त रावी कालं विवर्जयेवा" (दीपिका) (त्रि.) २ कालसम्बन्धीय, वक्त के मुतालिक । ५ दुर्गा देवीको एक मूर्ति। "कालराविमहाराविर्मोहराविय दारुणा" (मार्कणेघपु०, ८१०) काशयोधी (सं० पु०) काले यथाकाले योध: युई कर्तव्य- ६ दुर्गाको कालरात्रि मूर्तिका प्रतिपादक एक मन्त्र । खेन अस्यास्ति, काल-योध-दनि । यथासमय युद्ध ७ दीपान्विता अमावस्या, दिवालो। करनेवाला व्यक्ति, जो शखस वस पर लड़ता हो। "दीपावली तु या प्रोत्रा कालराविस्तु सा मता।" (पागम) कालर (अं• पु० Collar ) वेय, पट्टा, कुरते वा ८यमको भगिनी। वही सर्वप्राणीका विनाश करतो है। कमीच में गलेको चारो ओर लगनेवाली उठी हुयो पट्टी। . भीमरथी, अत्यन्त वृद्धावस्था। मनुष्य के पायुमें कालराति (हिं.) कालरावि देखो। ७७वें वर्ष पर वें मासके वे दिन पड़नेवाली रात कालरात्रि (सं० स्त्री०) कालरूपा सृष्टिसंहारभूता कालरात्रि कहलाती है। उसके पीछे मनुष्य नित्य- रातिः, मध्यप० ।.१ प्रलयरात्रि, कयामतको रात । नैमित्तिक कमैसे छुटकारा पाता है। ब्रह्माको रात्रिको कालरात्रि कहते हैं। उस समय कालरुद्र (सं० पु.) कालः कालरूपः सर्वसंहारको समुदय संसार विनष्ट हो जाता है। केवलमात्र रुद्रा, कर्मधा० । कालाग्निरूप एक रुद्र। नारायण एकाएंवमें माया करते हैं। इसीसे उस “येषु म: कालरुद्रस्य नानास्त्रीशतंसलः । समयका नाम कालरात्रि है। २ मृत्य सूचक रात्रि, विचिवइय॑विन्यासा कुतस्ते मेरुपष्टतः।" (देवोपु.) मौतको रात। अपने वा आत्मीय व्यक्तिके मृत्युको | कालरूप (स' त्रि०) प्रशस्तः कालः, काल-रूपम्। . रात्रि कालरात्रि कहाती है। ३ भयानक रात्रि, प्रय सायां रुपम् । पा ५६॥ १ अत्यन्त कष्णवण, निहायत खौफनाक गत ।. ४ ज्योतिषशास्त्रसे क्रियाक अयोग्य काला। २ कालसदृश, मौत-जैसा। ३ कष्णवर्ण, रात्रि विशेष, खराब रात। उसमें समस्त रात्रिको काला। ८.भाग करनेका नियम है। फिर वारके अनुसार | कालरूपवृक् ( सं० पु.) कालरूप षति धारयति, प्रतिदिन पाठ भागोंमें एक भाग कालरात्रि माना कालरूप-धृष-विप् । १ यम । २ मृत्यु, मौत । जाता है। यथा-रविवारको गतिका षष्ठ भाग कालल (सं० वि०) कालः कालकं चिङ्गभेदः अस्त्यस्य, अर्थात २० दण्ड के पीछे ४ दण्ड, सोमवारको चतुर्थ- काच-लन् । सिधमादिभ्यय 1 पा ५।।१७। कालचिइयुक्त, भाग अर्थात् १२ दण्डके पीछे ४ दण्ड, मङ्गलवारको काले दागवाला। द्वितीय भाग अर्थात् ४ दण्ड, बुधवार को सप्तम माग | काललवण (सं० ली० ) कालं कृष्णवणे लवणम्, कर्मधा। अर्थात् २४ दण्डके पाछे ४ दण्ड, बृहस्पतिवारको १ विट्लवगा, कालानमक | भावप्रकाशके पञ्चम भाग अर्थात् १६ दण्डके पीछे ४ दण्ड, शुक्र मतमें वह अग्निदीप्तिकारक, लघु, तीक्षा, उपपवीर्य,