पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/६०४

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कालयक-काल्पसूब प्रवाहित है।हालोल नामक दूसरा विभाग भी उसके उक् । ३ यक्वद, दिल! ४ कष्ण चन्दन, काला सन्दल । ५ हरिचन्दन। (पु.) कालाया परत्यम् । दैत्य साथ एकत्र अवस्थित है। दोनों विभागों के लिये चार विशेष, एक दानव । ७ दारिद्रा, दारहलदी। फौजदारी अदालतें और दो थाने हैं। रवानिया नामक एक जातीय कर्मचारी मालगुजारी देता और ८ कुक्कुर, कुत्ता कामला रोगभेद, अखको एक बीमारी। १० नील कमन्न । ११ शिक्षाजतु । पुलिसका कार्य कर लेता है। २ उक्त कालोन विभागका प्रधान नगर। वह कालयक, कालय देखी। कालेश (सं० पु.) कालस्य ईशः प्रवर्तकः, ६-तत् । अक्षा० २३. ३७ ७० और देशा• ७३. ३१ पू. १ सूर्य, सूरज । २ शिव । ३ मकारवर्ण । ४ जनैक पर अवस्थित है। उक्त स्थानके अधिकांश अधिवासी पद्धतिकार। कुनयो हैं। लोकसंख्या प्रायः चार हजार है। कालेश्वर (सं० पु. ) कालस्य ईश्वरः, इ-तत् । १ सूर्य, ३ बम्बई प्रेसिडेन्सीके सीमास्थित बड़ोदा राज्यका प्राफताव | २ शिव । ३ मकारवणं । ४ वनभूमि एक उपविभाग | लोकसंख्या ८८ इमारसे अधिक है। विशेष, एक जंगली जमीन् । वह पञ्जाबके पूर्वी में | राजपूताना-मालवा रेलवे उसके भीतर चला गया है। हिमालय पर पवस्थित है। उसीके मध्य अम्बालेका ४ बड़ोदा राज्यके कालोल उपविभागका प्रधान मालवन और यमुनाके दो बड़े नालों का मख नगर । वह अचा० २३.१५३५३० और देशा. विद्यमान है। ७२. ३३ पू. पर अवस्थित है। लोकसंख्या पांच कालोध (सं.ली.) कमलवौन । हजारसे कुछ कम है। वहां एक डाकब'गन्ना, एक कालोत्तर (सं० ली.) सुरामण्ड, शराबका झाग । स्कूल और एक डाकघर बना है। राजपूताना मालवा कानोत्पादित (स.वि.) यथासमय जात, वक्तपर रेलवेका एक टेशन भी विद्यमान है। पैदा किया जानेवाला । कालौंछ (हिं. स्त्री०) १ कृष्णवर्ण, स्याही, कालापन । कालोदक ( सं० क्ली. ) एक तीर्थ । धूयको कालिख । ३ काला जाला । "कालोदकं मन्दिकुख' तथा चोचरमानसम् ।" (महामा० अनु.३००) काल्प (सं० पु.) कल्प विधौ भवा, कल्प-प्रण। तब भवः । कालोदायो (स• पु. ) भनेक बौछ । वह शाक्यमुनिके पाए। १ हरिद्राविशेष, किसी किस्म की इत्तदी। २ गन्धशठो। ५ व्याघ्रमख, बाघका नखून । (नि.).. कालोपयुक्त (सं• त्रि.) कासे यथाकाने ४ कल्पसम्बन्धीय । उपयुक्त ७-सत्। यथासमय पावश्यक, वक्तके लायक । काल्पक, कम देखी। कालोपाधि ( सं• पु.) निमेष, सहमा । मूहतं प्रमृति काल्पनिक (सं.वि.) कल्पनाया पागतः, कखना-ठन । खण्डकासको कासीपाधि कहते हैं। काल देखो। कल्पनानात, अन्दाजसे निकला हुवा। २ कल्पित, माना- कामोत.(सं. वि०) काले यथाकाले उता, ७-तत्। हुवा। किसी वस्तु में अन्य वस्तुके भारोपको कल्पना कहते हैं। उसी प्रकारके पारोपित वस्तुका नाम उपयुक्त समयमै वपन किया हुवा, जो वह पर बोया गया हो। काल्पनिक वा कल्पित है। कास्तोल (सं.पु.)१ द्रोणकाक, वडा कौवा। विष- काल्पनिकता (सं० स्त्री०) काल्पनिकस्य भावः, काप. मैद, एक जहर । निक-तल् टाप । १ कापनाजातत्त्व। २ कल्पितत्व । कालोल-बम्बई प्रान्तके सीमास्थित पांचमहल निलेका काल्पनिकी ( सं० स्त्री०) काल्पनिक डोष । १ कल्पना 'एक विभाग । उसके उत्तर गेधरा, पूर्व बाड़िया और काल्पसूत्र ( स० वि०) कल्पसूत्रं वेत्ति अधोते वा, कल्प- जाता । २ कल्पिता। दक्षिण तथा पश्चिम बड़ौदा है। उक्त विभागके उत्तर मैसरी, मध्य गोमा और दक्षिण करद नाम्नी नदी। सूत्र अध्ययनकारी। सूत्र इकन निषेधे अण। १ कल्पसूत्रवेत्ता । २ कल्प- २ शिष्य थे।