पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/६८

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अधारह-करवगि म 1. करा (सं० पु०) कस्बे मस्तकस्य रह व . १ मखक, | Bridelin lancaefolia:). यह बङ्गालमें उपजता.और मत्या। २ कपाल, खोपड़ा। ३ नारिकेसारिख, मारि बहुत बड़ा लगता है। यलका- खोपड़ा। -३ .कमण्डलु ।. . ४ शरीरास्थि:करचुली चेदिवंगा। कलपुरी देखो जिम्मको इंडी। ५ पानविशेष, एक वरतन । ६ भिहा- करच्छदः (०.)..कर इव पावरणकारी छदो . पाव, भीख मांगनेशा बरतत ।. ७ इक्षुविशेष, किसी यस्य माखोटवक्ष, सहोरेका-पेड़। शाखोट देखो। -किसको जलु। करच्छदा (सी).; करशिरणवत् चोहितवर्ण करखपावन. (सं० ली.). तापी नदीके उत्तरस्थ एक छदं पुष्य अस्याः। १ सिन्दूरपुष्पो, सिंदुरिया। सौर्थ । । ( नापीए ११५)

र थाकतरु, सगुनका.पेड़! ... करचालिम पु०) र इति नाना शोभते, करका (हिं..पु.), खजाका, बड़ी करको २,पक्षि- करक-याल-इन्। इक्षुविशेष, एक जख-। यह मधुर, विशेष, एका पहाडी चिड़िया ) यह.हिमालया कामोर, शीतल, रुचिकृत मृदु, पित्तन, दाउहर, वृष्य और नेपाल प्रति प्रदेशों में जलके निकट रहता है। करका तेजोवचवर्धन होता है। (वैद्यकनिघण्ट )...... शीतकालको पर्वतसे समतल भूमिपर पा जलके निकट करडीभूत : (स:त्रि०) अस्थिमावसे स्थित, हड्डी ठहरता है। जनमें सत्तरण और विगाइन करना "बना हुवा..:.::::: इसे अच्छा लगता है। करके सनखपाद प्राधे. करण. (संशो..) विपनि, हांट, बाजार या मेछा। आधे त्वको माहत रहते हैं। यह अपने पादसे द्रव्य करालि-मन्द्राजप्रान्तीय चेलपेट जिलेके अन्तर्गत ग्रहण कर सकता है। लोग करछेका पाखेट खेलते मधुरान्तक तहसौखका एक नगर .. यह पता है, किन्तु इसकाःमास पच्छा-नहीं होता। ३१ उप एकः देशा: ५६४० पू०पर मन्द्राजमे करकाले हिंस्त्रोक) उत्पतन, उहास, कूदफांद। २४ कोस.दूर झाइरोड किनारे अवस्थित है। यहांका; करछिया (हिंस्त्री०.) पश्चिविशेष, एक चिड़िया। - जलवायु अधिक अच्छा नहीं: १७६५से १८२० -n.....करणा देखी। तक करलिमें थाना रहा... इसका , दुग - विख्यात करछी :हिं० स्त्री) ख़लाको कलहो । र है। दुर्गला पायतन. १५१०है। चारो: पोर करछुल, करको देखो। !: अस्यका क्षेत्र ख़ड़ा है। दुर्गका माकारः टूट गया है। करछुलौ, अएकी देवी ! "उसीके प्रत्यरसे स्थानीय..पूर्त कार्य होता है। अंगरेजी करकुला..हि. स्त्री) १ खजाका, करही। और.फरासीसियोंके युद्धकान्त इस.दुर्गमें फोज.,रहती -२.खजाका विशेष, एक बड़ी कालही। इसे भड़भूजे यो। १७५५ : ई०को दुर्ग अंगरेजोंक पधिकारमें पवना भूनने और ; खपड़ीमें :-भाड़को- वायः रेणुका रहा, किन्तु १७५७ ईको फरासीसियोंन , लिया। डालने की व्यवहार करते हैं। करछुले में एक सुदीर्घ फिर अंगरेजोंने दुर्ग अधिकार करनेको बड़ी चेष्टा कानुष्टि लगा रहता है ...। “चगायी थी - अधिक सैन्यक्षय होते भी वह दुर्ग करज..(संपु-को..): कर जायते, कर जन । उदार. कर न सके। १७५८ ई०को करनल कूटने :१व्यावनखः नामक, गन्धद्रव्य, एक खुशबूदार चीज। बड़े जोरसे. पाक्रमण मारा था। उस समयसे पान -२ करजवक्ष, कदिका पेड़। ३ नख, नाख न। तक दुर्गपर अंगरेनोंका अधिकार बना है। नमुनोष्टच मृद्रीयान्न, छिन्दांत करजस्ले पम्।". (मनु म) करचंग (हि.से.) वाद्यविशेष, एक बात्रा। येइ ४ करजातद्रव्यमात्र, हाथदा कोई चीज़।वि.) एक प्रकारका शेटा.डफा है।.. ख्याल या लावनी - स्तनात हायसे-पैदा। 3 . . गानेवाले इसपर-ताच.लगाते हैं। करगि-धारवाड़ का एक विभाग- इसकी भूमिका करधिमाला (हिं. पु.): वियफ:: एक पेड़।..परिमाण-४४५ वर्गमौत है।-बोकसंस्खा प्रायन Vol. IV. । 18