सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/७४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

.

करती वारंदायी ७५ पभिघातसे उत्पादित शब्द, हथेलियां बजानेको निर्दिष्ट गतिको छोड़ रही, उससे प्राचीन करतोयाकी भावान। पूर्वगति निर्णय करने में बड़ी मसविधा पड़ी है। करतीः (हिं. स्त्री०) मृतवसको. धर्म, मरे बछड़ेका उता स्थानसे. यह पागे बढ़ फुखभरके नाम पाने यो चमड़ा। इसमें भूसा भर लोग बछड़ा जैसा बना देते नदीसे मिल गयो है। अनेक लोग इस फुलझरको और उसे देखा गायको लगा लेते हैं। ही प्राचीन करतोया नदी लिखते हैं। फिर किसीके करतू (हिं. स्त्री०) काठखण्डविशेष; लकड़ीका एक मसमें महानदी.और विस्रोताको मध्यवर्ती 'करतो' टुकड़ा। यह खेत सौंचनेको बेंडीकी रस्मोके प्राचीन करतोयाको अर्ध्वगति और बगुड़ा जिलेको सिरेपर नगती और हाथमें रहती है। करतूक ही यमुना मध्यगति है. संहार ३डी पानी में डुबायो और ऊपर उठायो आजकल अत्यन्त क्षुद्रं आकार बनाते भी पौराणिक जाती है समय करतोया महास्रोतखतोरूपसे चली जाती थी। करतूत (हिं० स्त्री०) १ कब, काम, करनी। करथरा (हि. पु०) पर्वतविशेष; एक पहाड़। यह २'कला, हुनर, करतब। ३ कुकर्म, बुरा काम। सिन्धुनदके उसपार सिन्धुप्रदेश । और बलूचिस्थानके करतूति, वरतूस देखो मध्य अवस्थित है। करण (सं० लो०) खेतकेतक, सफेद केवड़ा। करद (सं०. त्रि.) करं ददाति, कर-दा-डं। राजस्व. करतोय (सं० ली.) वर्षापखजल, भोलेका पानी। प्रदानकारी, खिराज देनेवाला ।। २. परित्राणार्थ हस्त करतोया (सं. स्त्री० ) कराभ्यां युतं हरपार्वती- प्रदानकारी, मददंके लिये हाथ फैलानेवाला। परिणयकालीन हरकराभ्यां चरितं तोयं जलं विद्यते करदक्ष (सं.वि.) लघुहस्त, निपुण, दस्तकार, यत, मर्यादित्वादच्। खनामख्यात नदीविशेष, एक कारीगर। दरया। गौरीक विवाह समय शिवके पाणिनिषित करदम (हि.पु.) कर्दम देखो। जलसे यह नदी निकली थी। करतोया पतिपय करदच, बरदला देखो। पवित्र है। वर्षाकाल सकल : नदीका जल शास्त्र में करदला (हिं. पु.) वृक्षविशेष, एक पौदा। इस पशुचि कहा है। किन्तु इस नदीका जल किसी क्षुद्र वृक्षतीः त्वक् चिक्कण एवं पीताभ होती है। समय नहीं बिगड़ता। यह तीर्थस्थलीके मध्य गणनीय बुन्तसे अन्त में लघु पत्रके गुच्छ लगते हैं। शरद् बीतने है। इस तीर्थ में पहुंच विरात्र उपवास करने पर पत्र निक चनेसे पूर्व पीतवर्ण पुष्प पाते और उनके अश्वमेध यन्नका फल मिलता है। (भारत. श५८९). मध्य दो-दो वीज पड़ जाते हैं। माचं एवं अप्रेल मास पूर्वकालको करतोया वङ्ग और कामरूपके मध्य एसके विकसित होने का समय है। करदला हिमालय सीमा-निर्देशक रही। कामरूप देखो। किन्तु पाजकल पर पांच इंजार फीट ऊंचे जगता है। । बोन खाद्य- इसकी गति सम्पर्ण बदल गया है। पहले यह रङ्ग रूपसे व्यक्त होते हैं। 'पुरंमें पश्चिमसे बहती थी। सम्प्रति जलपाइगुड़ी करदा (हिं. पु०) १ गर्दै, कूड़ा करकट। यह निलेके उत्तर-पश्चिम वैकुण्ठपुरके . जालसे निकल अनाज वग रह चौंजाम मिली धलका नाम है। इसके बराबर दक्षिणको भाती भौर रङ्गापुरके . मध्यसे वगुड़ा परिवर्तनमें दिया जानेवाला ट्रव्यं वा मूल्य भी निलेके दक्षिण ललिया नदीके साथ मिल जाती 'करदा' ही कहाता है। वस्तुतः यह गर्दै शब्दका है। इसी स्थानसे करतोयाकी गतिमें बड़ा गड़बड़ अपनश है। २ वटा, वदलायो। ३ कटौती। पड़ता है। निर्णय करना सरल नहो-नाना भाषा करदायो (सं० वि०) 'करं ददाति, करदा-पिनि। ‘चारी पोर हो कहां गयी है। विशेषतः गत कयो नन्दियक्षिपचादिभ्यो बुथिन्यवः । पा ६५३. करप्रदानकारी, गतवर्षसे. विनीता नदी इस पर जिस भावसे | खिराज देनेवासा।