One करनिहितधारनूल - है। लोग उसे पाण्डुका घट्ट करने और चढ़नेसे दूर नदीके दामसे सुप्रसिद्ध कमबम,सरोवर मरा है। यह रहते हैं। उत्तर कोहण पर पाक्रमण करने को प्रायः १५ वर्गमौर परिमित है। १०. एकर भूमि पहले यहां मुसलमानोंको सेना सविवेथित थी। इससे सौंची जाती है। दक्षिण विभाग, सगिलेरु १५४० ई०को अहमदनगरके सिपाहियोंने इसे और उत्तर विभागमें गुन्दासम्म नदी बहती है। अधिकार किया। फिर पीतंगीनोंने करनाल लिया, कमबम. अधित्यकाये नन्दोकनम् तथा मन्तरान किन्तु कई हजार रुपया पानपर छोड़ दिया। १६७० साटमागे हारा मध्य विभागमें पहुँचते हैं। यह ईको शिवाजीने मुगलोंको निकाल इसे छीना था। अधित्यका प्रतिथय प्रयस्त और समान है। काली शिवाजीके मरनेपर औरंगजेबके सेनापतियों ने उसे महीमें रूयो बहुत होती है।. उत्तरको भवनायी और फिर ले १७३५ १०तक अपने अधिकारमें रखा। दक्षिणको कुन्देरू मदी प्रवाहित है। गौम ऋतु में यह अन्तको १८१८ ई०को यह अंगरेजोंके हाथ पाया। प्रान्त शुष्क पड़ जाता है। किन्तु पर्वतके पाछपर करनिहित (सं० वि०) हायमें रखा हुवा । हरभरे जाल तथा बाग मिलने और नाले एवं भरने- करनी (हिं० सी० ).१ कम, करतूत। २ अन्त्येष्टि- चलते हैं। ठीक इसी .अधित्यकाके नीचे. मन्द्रान- क्रिया, मरनेपर किया जानेवाला कामकाज । ३ कवी, इरिगेशन-कम्पनीको नहर.लगी है। कुछ दिन हुये, एक औजार। यह लोहेको होती है। रानमिस्त्री पर्वतके पाशिमें भूतलमोने पत्थरके यन्त्र पाये थे। इससे मकान बनाने में ईटपर. गारा लगा दूसरी ईट कहते-उत यन्त्रोंसे वह लोग कार्य करते, जो रखते हैं। अधित्यकावोंके पानी में डवते. भी विद्यमान रहे। करनूल-मन्द्राज प्रान्तका एक जिला । . यह प्रक्षा. पथिम विभाग दूसरे . विभागाने विभिन्न देख १४.५४ एवं १६ १४३० और देशा० ७१ ४६ पड़ता है। इसके पर्वत चरहित है। दक्षिणसे सथा- ७५.१५ पू०के मध्य अवस्थित है। इसके उत्तरको हिन्दरो नदी बहती और करनलके निकट
- उत्तर तुगभद्रा तथा क्ष्णानदी, दक्षिण कड़प्पा एवं भद्रामें गिरती हैं। १८६० ई०को.स.सलमें. तु
बलारी जिला, पूर्व नेनर तथा कृष्णा. और पथिम भट्राका बांध भूमि सोंचने और नाव शौंचने के लिये बल्लारी जिला है। क्षेत्रफल ७७८८ वर्गमील निक्षतता नहर निकालेनेको पड़ा था। बाद टूटनेपर रेसमें है। लोकसंस्था ७ लाखसे ऊपर है। वनपपल्लोका । वढ़िया तरबूज होता है। समेखरममें वाणा पौर 'क्षुद्रराज्य इसी जिले में पड़ता है। भवनाथा दोनो मित, गयो हैं। इसो सङ्गमके नीचे करनलके केन्द्रस्थानसे, नहमलय और यलमय चक्रतीर्थ विद्यमान है। दो पर्वतमाचा दक्षिण तथा उत्तर समानान्तर गयी हैं। कुन्देह अधित्य का वखण्डको शिला भरी हैं। नजमलय मायः : ७० मोल लम्बा और. कहीं कहीं यह मकान बनानेका अच्छा मसाला है। करनूलका
- .२५ मीलतक चौड़ा है। विरमकोंड, गुन्दलब्रह्मे वरम् । पूर्णबह ( Lithograph ) लियोमें लगता है। इस
और दुर्गपूकोंड ३००० फीटसे चौ चोटियां हैं। जिलेमें होरक, लौह, सिन्दूर और तामची खनि इस पर्वतको पांच अधित्यकामें गुन्दलग्रोवरमको विद्यमान है। नहमलय और · यक्षमलयसे अनेक उपत्यका प्रधान है।. अपर चढ़ने की दो पगडरियां साप्रपात भी निकलते हैं। लगी हैं। पूर्वीय विभाग. कमबममें पर्वत अधिक है।..नझमयका प्रायः २०. वर्गमौल . परिमित 'इस अधित्यकाको पूर्वसोमापर वैसीकोड पर्वतमाला) ::वन सुप्रसिद्ध है। इसमें हजारों रुपयेकी बढ़िया खड़ी है। नवमलयले ,समानान्तर अनेक क्षुद्र : लकड़ी होती है...पविमो वन सघन और पूर्वक पर्वतमाला हैं।. देशीय पतियोंने प्राठियोम दाम -सन. विरह हैं। उसके बालों में गोबर-भूमि बहुत आंध भूमि शौचनेको.सरोबरः अनाये थे। अदलकम्म ...परमसयके पर्वत परति किन्तु भवसपियरी