.. भूमिपर अनेक प्रकार गुल्म देख पड़ते हैं। वन कटु यशमन्यसे निकालते हैं। पत्थर काटने में बहुतसे 'यूगफस, मधु, मधूंच्छिष्ट (मोम ), चिचा. (इमली), पादमी : लगे रहते हैं। नील और गुड़, भी तैयार “लाचा और वंशतण्डुलको उत्पत्ति अधिक है। होता है। अनेक नगरों और ग्रामों में साप्ताहिक हाट नामलय पर्वतपर व्याघ्र अल्प हैं। किन्तु वह लगते हैं। यहांसे अनाज बाहर भेजा.नहीं जाता और . मनुष्यपर प्रायः टूटा करते हैं। चौत, मेड़िये, हायने, पूर्वतटसे नमक पाता है। किन्तु करननमें मोका 'लोमड़ियां और गीदढ़ दूसरे हिंन जीव है। : मालू नमक बहुत बनता है। क्यो, नीच, तम्बाकू, चमड़ा कहीं देख नहीं पड़ता। पर्वतपर चित्रमृग और और रूयौके कपड़े तथा कालौनका चालान होता है। अनेक प्रकारके हरिण चरते फिरते हैं। उत्तर बाहरसे पानेवाले द्रव्यमें विलायती वस्त्र, सुपारी, नलमलयमें जङ्गली भैंसा मिलता है। सेह और नारियल और सुखा मसाला प्रधान है। करनूलमें ' सूवर भी जङ्गलमै बहुत है। नानाप्रकार पक्षी उड़ा कोयो ३०० मीच सड़क बनी है। करते हैं। यहां मछली मारनेका व्यवसाय महौं करनून वरङ्गालके प्राचीन तैल राज्यका विभाग चलता। ..अजगर सांप भरे पड़े हैं। व्याघ्र एवं मृग है। उस राज्यके अधःपतनसे यह सम्भवतः स्वतन्त्र चर्म और इरिणभृङ्ग कुछ कुछ बिकता है। हो गया था। ईखर राव राजा रहे। उनके पुत्र ... : इस जिले में सायो बहुत रहते हैं। तेलगु भाषा : नरसिंह रावको विजयनगरके महाराजने गोद लिया 'चलती है। किन्तु पत्तोकोड़में बहुतसे लोग कनारी था। फिर वह उवा विशाल राज्यके राजा.बन गये। बोली कहते हैं । मलमलय पर वन्यजातिके चेंचू विद्य विजयनगराधिप. पच्यतदेवरायके समयः करनूचका मान हैं। कपिकार्य उन्हें अच्छा नहीं लगता। पर्वतम दुर्ग निर्मित दुवा। फिर यह प्रान्त रामराजाको उत्सवके समय वह यात्रियोंसे कर लिया करते हैं। .नागौर में मिला था.। १५६४ ई०को तालिकोट युधमें करनलके प्रधान नगर यह है, करनून, नन्दियात, वीजापुर, गोलकुण्डा तथा अहमदनगरके नवाबोंने कमबम, गुदूर महोखेरा और पेपली। विजयनगरके राजाको हराया और करनलको वीजा- -यहां चार, दाल, रूयो, तेल और नोलको कवि -पुरक.. एक प्रान्तम. लगाया। पहले सूवेदार अब- अधिक होती है। . ख मौर. धानको सौंच सौंच सौनियावाले अब्दुल वहाब रहे। उन्होंने मन्दिरीको बढ़ाते हैं। गेहं पौर सन कहनेको बोया जातामसजिद बना डाला। है। सम्बाकू, मिर्च, केले और अखरोटको ग्रामक १६५१:३०को औरङ्गजेबने वीजापुर जीतः पठान 'निकट लगाते हैं। लोगों का प्रधान खाध जुवार है। किजीर खानको सैनिक सेवाके पुरष्कारमें दिया था। यह प्रधानतः दो प्रकारको होती है-पीली और उनके पुत्र दाजद खान्ने उन्हें मार डाला। दाजद सफेद। पोलो जुवार जूनः मांस लाल या काली भूमिमें खान्के मरनेपर उनके भाई माहीम खान और बो दी जाती है। किन्तु पोली. जुवार सितम्बर या . अलिफ खानने मिलकर राज्यः चचाया। उपदोनों भत्तोबरमास खेतमें पड़ती और फरवरी तथा:मार्च भाइयों का उत्तराधिकार अलिफ खान्के.पुनः माहोम • मास कटती है। नझमलयको कितनी ही कृषिभूमि खान को मिला था.. उन्होंने दुर्ग बनाया और उसका अब जोती-बोयो नाजांनसे..वन्य बन गयी है.।.. बस्न बढ़ाया। फिर उनके पुत्र और पौत्रने राज्य सलसे कड़प्पा सकः १८. मोल लम्बी नहर, लगी है। किया:था। पौत्रका...नाम. हिम्मत. खान् . रहा। करनल जिलेमें इसको चम्बायो १४० मोल है। यह कर्णाटकको चंदायो.पर निजामः नजोरमकोः प्रोरसे ६० गतःचौड़ी और ८.फोट गहरी बहती है। ... कड़प्पा और सवनखाले नवाबोंके मांशा हिमत. खान् करन में कपड़े बुनने का काम अधिक होता है। मी-गये थे। वहां कारप्पाके नवाबने धोकेसे नजोर- मामलय पर्वतके नीचे हो भी मिलता है। अङ्गको मारा. लिलामके भतीव दक्षिके सूबेदार सः-
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