पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/४४५

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४५० बङ्गदा सीमा नया विमाग इत्यादि । निर्दिष्ट किये गये थे। इस सर्वे में बंगालका शासन सपुत तथा गंगा नदी डेल्टाओं एवं उनको अब- करने के लिये दिल्लीश्वरके अधीन एक शासनकर्त्ता नवाय वाहिका प्रदेशको निम्नतम उपत्यका सृमिको ले कर बग्तुनः । बंगालमें रहते थे। ये शेपोक्त नवाव वनापरस्यराने ही वर्तमान बगाल सगटित है। १८७४ ईमे आसाम | मुर्शिदाबाद के नवाब नामले परिचित थे। मिर्फ एक विमागको बंगालका गच्युत करके खतन्त्र शासना। नवाबी ऐसे विस्तृत तथा महासमृद्धिशाली देशका धीन किया गया । उस समयसे ही ग्वास-बंगाल, बिहार, राजकर वसूल होनेकी सुविधा न देख कर उनके अधीन उडीमा तथा छोटानागपुर विभागको एकत्र करके ग्रे बिहार, उड़ीसा तथा ढाका में एक एक नायव-नाजिम जाधिरून चंगालको सीमा निर्दिष्ट की गई थी। उनके । ( Deputy Governor ) रखने की व्यवस्था की गई थी। वाद १९०५ ई०की वी अक्वरको पूर्ण बंगालो अंगरेजाधिकारी बंगालका सन्निधेश लेनेसे प्रकृत आसाममे मिला कर ए दूसरे छोटे लाटके अधीन 'पूर्व- पंग नामका अनेक विपर्यय सावित दृया है। चंगाल नया आसाम' प्रदेश वनस्ल संगठित किया गया। उड़ीसा उपकूल स्थित गलेश्वरसे ले कर विहारके १६१२ ई०से विकार और उडीमा बंगाल से अलग कर मध्यवत्ती पटना पन्ति स्थानों पर ईट-टएिडया दिया गया और पूर्व-बंगाल बंगदेश मिला लिया गया कम्पनीकी जितनी कोठियां थी, वे उक्त कम्पनीक दफ्तर है। यह पक्षा० २९३० से ले पर २७१२४४"3० ( Bengal Establishment ) के नामसे वर्णित है। तया देशा० ८६५७४५" लेजर ६४६ पू० तक। फ्रान्सिस फाण्डेजने चनामके पूर्ण बहुत दूरसे ले कर विस्तृत है। भूपरिमाण ८०००० वर्गमील है। उडीसाके अन्तर्गत पामिरा पडएट ( Palmyra Point ) इसकी उत्तरी सीमा पर नेपाल तथा मोटान राज्य ; पर्यान्त विस्तृत उपकृत तथा गंगाप्रवाहित भूमिभाग ले पूर्वमें आसाम ; दक्षिणी बंगोपनागर . पश्चिम विहार, उडीसा और छोटा नागपुर है। बंगाल छोटा लाट र बगालकी सीमा निर्दिष्ट की थी। पार्कसि ( Pun (Gorernor) मे शासनाधीन है। chas ) के मतसे यह उपकृलमाग प्रायः ५०० मील है। मुसलमान लोग बंग-विजय करके गगाके डेल्टाओं को पूर्व विवरण पर आलोचना करनेसे अच्छी तरह ही संस्कृत नामानुसार चंग कहा करते थे। किमी किसी : जाना जाता है, कि बंगालकी सीमा किसी समय भी मुमलमान ऐतिहासिकने राजधानी लक्ष्मपावनी के बियर नहीं थी। पावित्ती राजाथाके भाक्रमणले समय नामानुसार इस प्रदेशको भी लक्ष्मणावतीक नामस समय पर इसका गच्युत हुआ करता था। वगालके वर्णन किया है। गौड़ नया लक्ष्मणावतीके नसके बाद अन्तिम मुसलमान नवाब सिराजुद्दौलाके बंग-सिहासनसे जिस समय राजपाट ढाका तया नवद्वीपमें यानान्तरित च्युत होने पर तथा बंगालकी दिल्लीश्वर कत्र्तक दीवानी हुआ, उस समय भी निम्न बंग बंगालके नामसे हो अट्वारेजके हाथमे समर्पित होने पर भी आराकान तथा परिगणित होता था। इसके बाद मुसलमानोंने पूर्वाम। ब्रह्मवासियोंने वगालका सीमान्तप्रटेश आलोडित कर ब्रह्मपुत्र-तीर पर्यन्त अधिकार करके बंगालकी सोमा डाला था। सिपाही-विद्रोहके बाद ईष्ट-इण्डिया कम्पनीका वृद्धि की। दिल्लीको अधीनस्थ अफगान शासनकर्ताओं शासन अपस्त होने पर महाराणी विक्टोरियाने इसका तथा उसके बादक म्याबीन अफगान राजाओं के गज्य भासद-मार अपने हाथ में ले लिया था। उस समय शेष हो जाने पर मुगल-सम्राट अकबर शाहक सुबिस्तात उन्होंन सुप्रीमकोर्ट तथा सदर दीवानी अदालत हटा सेनापनि मानसिंहने वगालो मुगल साम्राउामे मिला कर अपने मनानुसार हाईकोर्ट स्थापित किया। अङ्करेज- लिया । राजा टोडरमलसी पैमाणीके बाद राजकर। गवर्नमेण्ट विशेप दृढताके साथ बंगालको शासन को सुविधाके लिये दंगाल, विहार, तथा उडीसा वर या प्राने लगी। १८७७ ईमे महाराणी 'भारत- मिला कर एक सूवा सठित किया गया एवं उसी सम्रानी' के पद पर अमिपित होने पर भारत मङ्ग- जिला, सरकार तथा परगना प्रकृति विभाग रेजोका प्रभाव अक्षण्ण हो उठा । भोटान्द युद्ध तथा मणि-